आमिर ख़ान जीवनी - Biography of Aamir Khan in Hindi Jivani Published By : Jivani.org नाम : मुहम्मद आमिर हुसैन खान जन्म : 14 मार्च 1965 मुंबई महाराष्ट्र पिता : ताहिर हुसैन माता : जीनत हुसैन आमिर खान एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता, निर्माता, निर्देशक, पटकथा लिखनेवाले, कभी कभी गायक और आमिर खान प्रोडक्सनस के संस्थापक-मालिक है। अपने चाचा नासिर हुसैन की फ़िल्म यादों की बारात (1973) में आमिर खान एक बाल कलाकार की भूमिका में नजर आए थे और ग्यारह साल बाद खान का करियर फ़िल्म होली (1984) से आरम्भ हुआ उन्हें अपने चचेरे भाई मंसूर खान के साथ फ़िल्म क़यामत से क़यामत तक (1988) के लिए अपनी पहली व्यवसायिक सफलता मिली और उन्होंने फ़िल्म में एक्टिंग के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ मेल नवोदित पुरस्कार (सर्वश्रेष्ठ नवोदित पुरूष कलाकार के लिए फ़िल्मफेयर पुरस्कार) जीता। पिछले आठ नामांकन के बाद 1980 और 1990 के दौरान, खान को राजा हिन्दुस्तानी (1996), के लिए पहला फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार मिला जो अब तक की उनकी एक बड़ी व्यवसायिक सफलता थी। आमिर खान बांद्रा के होली फेमिली अस्पताल, मुंबई, भारत में एक ऐसे मुस्लिम परिवार में जन्म लिए जो भारतीय मोसन पिक्चर में दशकों से सक्रीय थे। उनके पिता, ताहिर हुसैन एक फ़िल्म निर्माता थे जबकि उनके दिवंगत चाचा, नासिर हुसैन, एक फ़िल्म निर्माता के साथ-साथ एक निर्देशक भी थे। मौलाना अबुल कलाम आजाद के वंसज होने के कारण, उनकी जड़ें अफगानिस्तान के हेरात शहर में देखे जा सकते हैं। वे भारत के पूर्व राष्ट्रपति, डॉ॰जाकिर हुसैन के भी वंसज हैं और भारत की अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री, डॉ॰नजमा हेपतुल्ला के दूसरे भतीजे भी हैं। प्रारंभिक जीवन : आमिर खान बच्चपन में ही दो भूमिका में परदे पर आये थे. 8 साल की आयु में, नासिर हुसैन के निर्देशन वाली म्यूजिकल फिल्म यादो की बारात (1973) में उन्होंने अभिनय किया था. उसी साल उन्होंने अपने पिता द्वारा निर्मित मदहोश में भुमिका अदा की थी. खान ने बाद में प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के लिए जे.बी. पेटिट स्कूल जाना शुरू किया और बाद में 8वी कक्षा तक बांद्रा की सेंट एंस स्कूल से उन्होंने शिक्षा ग्रहण की. और महिम की बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल से 9वी और 10वी की शिक्षा ग्रहण की. खान को बचपन से ही टेनिस में बहोत रूचि थे, उन्हें टेनिस खेलना बहोत पसंद था. उनके शिक्षको का हमेशा से ही यह कहना था की, खान का ध्यान पढाई में कम और खेलने में ज्यादा है. मुंबई के नरसी मोंजी कॉलेज से उनकी 12 वी की शिक्षा प्राप्त की. खान ने अपने बचपन को आर्थिक परेशानिया होने की वजह से बहोत ‘कठिन’ बताया. उस समय उनके पिता को आर्थिक मंदी से होकर गुजरना पड़ रहा था, खान ने बताया की उनके पिता ने जिन-जिन से भी उधार ले रखा था उनके तक़रीबन दिन में 20-30 फ़ोन आते रहते थे. और खान को हमेशा से ही यह डर लगा रहता था की कही फीस ना देने की वजह से स्कूल से निकाला न जाये. उसके बाद वे ’80 और ’90 की शुरुआत में कई फिल्मों में दिखे: दिल (1990), जो साल का सबसे बड़ा व्यवसायिक हिट रही, दिल है की मानता नहीं (1991), जो जीता वही सिकंदर (1992), हम हैं राही प्यार के (1993) (जिसके लिए उन्होंने पटकथा भी लिखा) और रंगीला (1995).इनमे से अधिकतर फिल्में आलोचनात्मक व व्यवसायिक दृष्टि से सफल रहीं. दूसरी सफल फिल्में ‘अंदाज अपना अपना’, जिसमें सह-अभिनेता सलमान ख़ान थे। इसके रिलीज के समय फ़िल्म असफल रही परन्तु बाद में इसने अच्छी स्थिति बना ली। आमिर खान साल में एक या दो फिल्में ही करते हैं, जो मेनस्ट्रीम हिन्दी सिनेमा अभिनेता के लिए कुछ अलग बात है। उनकी 1996 में एकमात्र रिलीज थी धर्मेश दर्शन द्वारा निर्देशित व्यवसायिक ब्लोकबस्टर ‘राजा हिन्दुस्तानी’ जिसमे उनके विपरीत करिश्मा कपूर थी। इस फ़िल्म से उन्हें पिछले 8 नामांकनों के बाद पहला फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार मिला जो 1990 साल का बहुत बड़ी हिट थी और तीसरा सर्वाधिक कमाई करने वाला भारतीय फ़िल्म रही। आमिर खान ने बहुत सारी हिट फिल्म दी, लेकिन किसी इन्सान का अच्छा समय हमेशा नहीं रहता| आमिर की 2000 में रिलीज़ फिल्म मेला जो उनके करियर के लिए बहुत बुरी साबित हुई, और आमिर का करियर डूब गया| इसके बाद आमिर ने 2001 में अपना प्रोडक्शन हाउस खोल लिया, जिसकी पहली फिल्म थी “ लगान” | लगान के डायरेक्टर आशुतोष ग्वारिकर थे, इसमें आमिर ने खुद काम किया| लगान आमिर के करियर की बहुत बड़ी हिट साबित हुई, इस फिल्म ने आमिर की पुरानी फिल्मों के रिकॉर्ड तोड़ दिए| लगान को ओस्कर में best foreign film language के लिए नोमिनेट किया गया, जो तब तक आमिर की किसी बॉलीवुड फिल्म को नहीं मिला था| लगान ने ऑस्कर तो नहीं जीता, लेकिन भारत के बहुत से अवार्ड उसे मिले| जिसमें फिल्म फेयर व नेशनल फिल्म अवार्ड शामिल है| “लगान” के बाद आमिर के जीवन में भारी उथल-पुथल रही. पत्नी रीना से अलगाव और फिर तलाक हुआ. 21 वर्ष की आयु में आमिर ने अपनी पडोसी रीना से विवाह कर लिया था. यह लड़कपन का प्रेम था, जो सालों बाद टूट गया. इस भावनात्मक झटके ने आमिर को एकाकी और टची बना दिया था. इस दौर में मीडिया से भी उनकी तनातनी हुई. वास्तव में आमिर का समर्पण और कार्य के प्रति एकाग्रता ही उन्हें परफेक्ट करती है. वे किसी पेंटर या लेखक की तरह रचना के मूर्त रूप लेने से पहले दिमाग में उसका ब्लू प्रिंट तैयार कर चुके होते हैं. आमिर खान ने राज्य स्तर पर टेनिस भी खेला था और वो पढाई से ज्यादा टेनिस में रूचि रखते थे | आमिर खान को बचपन में खराब आर्थिक स्तिथि से गुजरना पड़ा था क्योंकि उनके पिता की फिल्मे चल नही रही थी जिसके कारण उन्हें हमेशा फीस की कमी की वजह से स्कूल से निकाल दिए जाने का खतरा रहता था | 16 साल की उम्र में उन्हूने 40 मिनट की एक साइलेंट फिल्म में काम किया था जो उनके स्कूल के मित्र आदित्य भट्टाचार्य ने निर्देशित की थी | आमिर खान के माता पिता अपने स्वयं के खराब अनुभव के कारण अपने बेटे को फिल्मो में नही आने देना चाहते थे और इसकी बजाय वो अपने बेटे को इंजिनियर या डॉक्टर बनने के लिए प्रेरित करते रहते थे | आमिर खान अपने माता पिता की इच्छा के विरुद्ध फिल्मो में काम करने की इच्छा ही रखते थे इसलिए उन्होंने अवांतर नामक एक थिएटर ग्रुप ज्वाइन कर लिया जहा पर उन्होंने एक साल तक बैकस्टेज एक्टिविटीज में हिस्सा लिया था | उन्होंने स्टेज पर अपने डेब्यू पृथ्वी थिएटर में एक गुजराती नाटक “केसर बिना” से शुरू किया था | इसके बाद आमिर ने दो हिंदी नाटको और एक अंग्रेजी नाटक में काम किया था | हाई स्कूल पुरी करने के बाद उन्होंने पढाई छोड़ दी और अपने माता पिता की इच्छा के विरुद्ध अपने चाचा के साथ फिल्मो में असिस्टेंट डायरेक्टर का काम करने लग गये | कहते है कि बिना संघर्ष के कोई महान नहीं बनता है | आमिर के जीवन में भी एक दौर ऐसा आया कि “कयामत से कयामत तक” की सफलता के बाद उन्होंने अपनी जिन्दगी की सबसे बड़ी नाकामयाबी भी झेली है | आमिर कहते है कि “कयामत से कयामत तक” के बाद के दो साल उनकी जिंदगी का सबसे बुरा समय था | क्योंकि इस दौर में इनकी फ़िल्में एक के बाद एक बुरी तरह पिट रही थी और media ने भी उन्हें ‘one film wonder’ कहना शुरू कर दिया था | लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और हमेशा अपना सर्वश्रेठ performance देने की कोशिश की और कभी भी फिल्मों की quality के साथ compromise नहीं किया | अपने इसी मेहनत और लगन की वजह से आमिर दिन – प्रतिदिन आगे बढ़ते गए और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा तथा एक से बढ़कर एक हिट फिल्मों का सिलसिला जारी रहा | बॉक्स ऑफिस के गणित में पहला 100 करोंड़ जोड़ने वाला कोई और नहीं बल्कि आमिर खान ही है | 2008 में आमिर खान की movie गजनी न केवल 100 करोंड़ के आकड़े को छुआ बल्कि आमिर की बॉडी और hairstyle ने तो तहलका मचा दिया | 2009 में आई movie 3 Idiots में तो 44 साल के आमिर खान 18 साल के लड़के की भूमिका करके अपने अभिनय से सबको चौका दिया | इस फिल्म ने 202 करोंड़ की कमाई करके 200 करोड़ का आकड़ा पार करने वाली bollywood की पहली movie बन गई | तथ्य : • आमिर खान धूम्रपान करता है ?: आमिर खान अधिक धूम्रपान करते थे, उन्होंने स्वीकार किया कि कई बार वह एक ही दिन में 40 सिगरेट पी जाते हैं अच्छी बात यह है कि आमिर खान अब धूम्रपान छोड़ चुके है। • आमिर खान मदिरा पान (शराब) के शौकीन है ?: हां • आमिर खान को उनके बचपन में उनके परिवार को वित्तीय संकट से गुजरना पड़ा था क्योंकि उनके पिता का उत्पादन फ्लॉप हो गया और वह ऋणी हो गए थे। आमिर खान को स्कूल की फीस न भरने के कारण स्कूल से निष्कासित कर दिया था। • उन्होंने भारतीय सिनेमा में अपने कैरियर की शुरुआत सिर्फ 8 साल की आयु में की थी। • आमिर खान स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार से है और वह डॉ जाकिर हुसैन, भारत के पूर्व राष्ट्रपति के एक वंशज है। • वे महाराष्ट्र राज्य के टेनिस विजेता रह चुके हैं • वह कभी किसी भी फिल्म पुरस्कार समारोह में नहीं जाते हैं और वह आदतन मीडिया रिपोर्टिंग से बचते हैं। आमिर खान 1990 से पुरस्कार समारोह के लिए जाना बंद कर दिया जब वह अपनी फिल्म ‘दिल’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार के लिए नामांकित किया गए थे लेकिन पुरस्कार “घायल” फिल्म के लिए सनी देओल को दे दिया गया था। • आमिर खान को स्नान करना पसंद नहीं है वि छुट्टियों के दौरन शायद ही कभी स्नान करते हों ( 2 ) 0 Votes have rated this Naukri. 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