Musicians Biographies :
मुत्तुस्वामी दीक्षित का जन्म तमिलनाडु के तिरूवरूर (तमिलनाडु राज्य में) में तमिल ब्राह्मण दंपति, रामस्वामी दीक्षित (रागा हम्सधवानी के शोधकर्ता) और सुब्बम्मा के यहाँ, सबसे बड़े पुत्र के रूप में हुआ था। ब्राह्मण शिक्षा परम्परा को मन में रखकर, मुत्तु स्वामि ने संस्कृत भाषा, वेद और अन्य मुख्य धार्मिक ग्रन्थों को सीखा व उनका गहन अध्ययन किया। उनको प्रारम्भिक शिक्षा ...
त्यागराज प्रसिद्ध संगीतज्ञ थे। वे 'कर्नाटक संगीत' के महान् ज्ञाता तथा भक्तिमार्ग के कवि थे। इन्होंने भगवान श्रीराम को समर्पित भक्ति गीतों की रचना की थी। उनके सर्वश्रेष्ठ गीत अक्सर धार्मिक आयोजनों में गाए जाते हैं। त्यागराज ने समाज एवं साहित्य के साथ-साथ कला को भी समृद्ध किया था। उनकी विद्वता उनकी हर कृति में झलकती है, हालांकि 'पंचरत्न' कृति ...
कुमार सानू हिंदी सिनेमा के एक जानेमाने पार्श्व गायक हैं। 20 अक्टूबर, 1957 को कोलकता में जन्मे कुमार सानू का मूल नाम केदारनाथ भट्टाचार्य है। उनके पिताजी स्वयं एक अच्छे गायक और संगीतकार थे। उन्होंने ही कुमार सानू को गायकी और तबला वादन सिखाया था। गायक किशोर कुमार को अपना आदर्श मानने वाले सानू ने गायकी में अपना खुद का ...
हसरत मोहानी का नाम सय्यद फ़ज़ल-उल-हसन तख़ल्लुस हसरत था। वह क़स्बा मोहान ज़िला उन्नाव में 1875 को पैदा हुए। आपके वालिद का नाम सय्यद अज़हर हुसैन था। हसरत मोहानी ने आरंभिक तालीम घर पर ही हासिल की और 1903 में अलीगढ़ से बीए किया। शुरू ही से उन्हें शायरी का शौक़ था औरअपना कलाम तसनीम लखनवी को दिखाने लगे। 1903 ...
बादल सरकार, अभिनेता, नाटककार, निर्देशक और इन सबके अतिरिक्त रंगमंच के सिद्धांतकार थे। वह भारत के बहुचर्चित नाटककारों में एक थे।बादल सिरकार जिसे भी सरकार, के रूप में जाना जाता है, एक प्रभावशाली भारतीय नाटककार और थियेटर निर्देशक था, जो 1 9 70 के दशक में नक्सली आंदोलन के दौरान उनके विरोधी-विरोधी नाटक के लिए जाने जाते थे और थिएटर ...
पुरन्दर दास कर्णाटक संगीत के महान संगीतकार थे। इन्हें कर्णाटक संगीत जगत के 'पितामह' मानते हैं।इनके कई कृतियां समकालीन तेलुगु गेयकार अन्नमचार्य से प्रेरित थे। शिलालेखों के प्रमाणानुसार माना जाता है कि पुरन्दर दास का जन्म कर्नाटक के शिवमोगा जिले में तीर्थहल्ली के पास क्षेमपुरा में 1484 ईस्वी में हुआ था। हालांकि, कुछ मतानुसार पुणे से 81 मील दूर स्थित ...
जगजीत जी का जन्म 8 फ़रवरी, 1941 को राजस्थान के गंगानगर में हुआ था। पिता सरदार अमर सिंह धमानी भारत सरकार के कर्मचारी थे। जगजीत जी का परिवार मूलतः पंजाब के रोपड़ ज़िले के दल्ला गाँव का रहने वाला है। माँ बच्चन कौर पंजाब के ही समरल्ला के उट्टालन गाँव की रहने वाली थीं। जगजीत का बचपन का नाम जीत ...
तानसेन का जन्म सन् 1486 में हुआ था. जिनका नाम तब तन्ना पड़ा था. संगीत का और ज्ञान अर्जित करने के लिए उन्हें स्वामी जी ने हजरत मुहम्मद गौस के पास ग्वालियर भेज दिया. संगीत का पर्याप्त ज्ञान अर्जित करने के बाद तानसेन पुनः स्वामी हरिदास के पास मथुरा लौट आये. यहाँ उन्होंने स्वामी जी से ‘नाद’ विद्या सीखी. अब ...
एल. सुब्रमण्यम एक प्रतिभाशाली भारतीय वायलिन वादक, संगीतकार और दक्षिण भारतीय एवं पश्चिमी शास्त्रीय संगीत का कर्नाटक संगीत के साथ कुशल संयोजक करनेवाले प्रतिभाशाली कलाकार हैं. इनके द्वारा संयोजित संगीत की धुनें अपने-आप में अनोखी हैं. ये महज एक वायलिन वादक ही नहीं हैं अपितु इन्हें संगीत के क्षेत्र में तकनीक और नये प्रयोगों के क्रांतिकारी परिवर्तनकर्ता के रूप में ...
हनी सिंह (जिन्हें यो! यो! हनी सिंह के नाम से भी जाना जाता है) एक पंजाबी रैप गायक, संगीतकार, गायक और फिल्म अभिनेता हैं। हनी सिंह ने अपने कार्यकाल की शुरुआत एक सत्र और रिकॉर्डिंग कलाकार के तौर पर २००६ में की थी और जल्द ही वह एक भांगड़ा संगीतकार बन गए। हनी सिंह ने अपना हाथ बॉलीवुड में भी ...
राहुल देव बर्मन हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध संगीतकार थे। इन्हें पंचम या 'पंचमदा' नाम से भी पुकारा जाता था। मशहूर संगीतकार सचिन देव बर्मन व उनकी पत्नी मीरा की ये इकलौती संतान थे। अपनी अद्वितीय सांगीतिक प्रतिभा के कारण इन्हें विश्व के सर्वश्रेष्ठ संगीतकारों में एक माना जाता है। माना जाता है कि इनकी शैली का आज भी कई ...
अबुल हसन अमीर ख़ुसरु चौदहवीं सदी के आसपास दिल्ली के पास रहने वाले एक प्रमुख कवि (शायर), गायक और संगीतकार थे। खुसरो को हिन्दुस्तानी खड़ीबोली का पहला लोकप्रिय कवि माना जाता है।किसके द्वारा? वे अपनी पहेलियों और मुकरियों के लिए जाने जाते हैं। सबसे पहले उन्हीं ने अपनी भाषा को हिन्दवी का उल्लेख किया था। वे फारसी के कवि भी ...
अल्लाह रक्खा रहमान हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध संगीतकार हैं। इनका जन्म ६ जनवरी १९६७ को चेन्नई, तमिलनाडु, भारत में हुआ। जन्म के उपरांत उनका नाम ए. एस. दिलीपकुमार मुदलियार रखा गया था, जिसे बाद में बदलकर वे ए. आर. रहमान बनें। सुरों के बादशाह रहमान ने अपनी मातृभाषा तमिऴ के अलावा हिंदी और कई अन्य भाषाओं की फिल्मों में ...
Category