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Royalty Biographies :
पाबूजी राठौड़ कोल्हुगढ़ के रहने वाले थे. चांदा और डामा दो वीर इनके प्रिय सहयोगी थे. जब पाबूजी युवा हुए तो अमरकोट के सोढा राणा के यहाँ से सगाई का नारियल आया. सगाई तय हो गई. पाबूजी ने देवल नामक चारण देवी को बहन बना रखा था. देवल के पास एक बहुत सुन्दर और सर्वगुण सम्पन्न घोड़ी थी. जिसका नाम ...
भामाशाह (1542 - लगभग 1598) बाल्यकाल से मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप के मित्र, सहयोगी और विश्वासपात्र सलाहकार थे। अपरिग्रह को जीवन का मूलमंत्र मानकर संग्रहण की प्रवृत्ति से दूर रहने की चेतना जगाने में आप सदैव अग्रणी रहे। मातृ-भूमि के प्रति अगाध प्रेम था और दानवीरता के लिए भामाशाह नाम इतिहास में अमर है। दानवीर भामाशाह का जन्म राजस्थान ...
शेर शाह सूरी उत्तरी भारत के सुर साम्राज्य के संस्थापक थे, जिनमे उनकी राजधानी दिल्ली भी शामिल है. 1540 मे शेर शाह ने मुघल साम्राज्य को अपने हातो में लिया था. 1545 में उनकी अकस्मात् मृत्यु के बाद, उनका बेटा उत्तराधाकारी बना. पहले वह मुग़ल आर्मी के सेनापति बने और फिर बाद में वे बिहार के शासक के रूप में ...
बालाजी विश्वनाथ , इन्हें प्रायः पेशवा बालाजी विश्वनाथ के नाम से जाना जाता है। ये एक ब्राह्मण परिवार से थे और १८वीं सदी के दौरान मराठा साम्राज्य का प्रभावी नियंत्रण इनके हाथों में आ गया। बालाजी विश्वनाथ ने शाहुजी की सहायता की और राज्य पर पकड़ मजबूत बनायी। इसके पहले आपसी युद्ध तथा औरंगजेब के अधीन मुगलों की आक्रमणों के ...
अपने पराक्रमो से आदिलशाह और निजामशाह के प्रस्थापित वर्चस्वो को मु तोड़ जवाब देकर सफलता मिलाने वाला राजा के रूप में शाहजहाँ की पहचान होती है। वैसेही खुदकी रसिकता को जपते हुये कलाकारों के गुणों को प्रोत्साहन देने वाला और ताजमहल जैसी अप्रतिम वास्तु खड़ी करने वाला ये राजा था। ...
सम्राट अकबर के पुत्र जहांगीर (Jahangir) का जन्म 31 अगस्त 1569 को फतेहपुर सीकरी में हुआ था | अकबर की राजपूत रानी जोधाबाई उसकी माँ थी | आध्यात्मिक संत शेख सलीम चिश्ती की मन्नत से बेटे का जन्म होने के कारण ही उसका नाम “सलीम” रखा गया | वयस्क होने पर सलीम ने पिता अकबर के विरूद्ध विद्रोह करके इलाहाबाद ...
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