माइकल फ़्रेड फ़ेल्प्स जीवनी - Biography of Michael Fred Phelps in Hindi Jivani Published By : Jivani.org माइकल फ़्रेड फ़ेल्प्स (अंग्रेज़ी: Michael Fred Phelps II, जन्म जून 30, 1985 बाल्टिमॉर, मेरीलैंड में) एक अमरीकी तैराक है और 21 ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता हैं (किसी भी ओलंपिक खिलाड़ी की तुलना में सबसे ज्यादा)। वर्तमान मे उनके नाम तैराकी के सात विश्व कीर्तिमान हैं। उनके नाम किसी भी एक ओलंपिक मे सबसे अधिक स्वर्ण पदक जीतने का रिकॉर्ड है ; कुल आठ स्वर्ण पदकों के साथ उन्होने मार्क स्पित्ज़ को पीछे छोड़ दिया है। कुल मिलाकर, फे़ल्प्स ने 16 ओलंपिक पदक जीते हैं : 2004 में छह स्वर्ण और दो कांस्य एथेंस में और आठ स्वर्ण 2008 के बीजिंग ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में। इन में पदक जीतने के बाद उन्होंने सोवियत जिमनास्ट, अलेक्जेंडर दित्यातिन के किसी भी एक ओलिंपिक मे आठ पदक (किसी भी प्रकार के) के रिकॉर्ड की दो बार बराबरी कर ली है। (दित्यातिन : 1980 मॉस्को; फे़ल्प्स : एथेंस 2004 और बीजिंग 2008) और कैरियर के कुल ओलम्पिक पदकों की सूची मे वो सोवियत जिमनास्ट लैरिसा लैतिनिना जिन्होने तीन ओलम्पिक मे कुल 18 पदक (नौ स्वर्ण) जीते थे, के बाद दूसरे स्थान पर हैं। फे़ल्प्स को अपने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय खिताबों और विश्व कीर्तिमानों, के परिणामस्वरूप वर्ष 2003, 2004, 2006 और 2007 में वर्ष का सर्वश्रेष्ठ विश्व तैराक के पुरस्कार से सम्मानित किया गया, साथ ही वो वर्ष 2001, 2002, 2003, 2004, 2006 और 2007 मे अमेरिका के सर्वश्रेष्ठ तैराक रहे। अभी तक फे़ल्प्स ने अपने कैरियर में कुल 48 पदक जीते हैं जिनका विवरण इस प्रकार है : 40 स्वर्ण, छह रजत और दो कांस्य। इसमे वो सभी प्रतियोगितायें शामिल है जिनमे उन्होने भाग लिया: ओलंपिक, विश्व चैंपियनशिप और अखिल प्रशांत चैम्पियनशिप। वर्ष 2000 के एथेंस ओलम्पिक तक वे तैराकी के सुपरस्टार के तौर पर जाने गये थे | यहाँ उन्होंने छ गोल्ड और दो ब्रोंजमैडल झटके | इसके चार साल बाद बीजिंग ओलम्पिक में तो उन्होंने एक अभूतपूर्व इतिहास रच डाला | उन्होंने आठ स्पर्धाओं में हिस्सा लेकर आठ गोल्ड मैडल जीते | ओलम्पिक के इतिहास में एक ओलम्पिक में इतने गोल्ड मैडल आज तक कोई खिलाड़ी नही जीत पाया | – भविष्य में भी इसकी उम्मीद कम ही दिखाई पडती है | यह रिकॉर्ड आज भी उन्ही के नाम दर्ज है | वर्ष 2012 में लन्दन ओलम्पिक में उन्होंने 4 गोल्ड और 2 सिल्वर जीतकर रूस की जिनास्ट लैरिसा लेतनीना के कुल 18 पदको के रिकॉर्ड को तोडा लन्दन ओलम्पिक के बाद उन्होंने तैराकी से सन्यास लेने की घोषणा कर दी लेकिन यह पूछे जाने पर कि क्या वे वर्ष 2016 के रियो ओलम्पिक में भाग ललेंगे ? उन्होंने कहा कि भविष्य का क्या होगा , इस बारे में अभी से कुछ नही कहा जा सकता | उनके विश्व रिकॉर्ड के अलावा राज्य और स्थानीय स्तर पर जीते गये मेडलो की बड़ी संख्या है | अनेक सम्मान और उपाधियाँ भी उनकी झोली में गिरे जिनमे फीना स्विमर ऑफ़ द इयर अवार्ड , गोल्डन गोगल अवार्ड , जेमन इ.सुलिवन अवार्ड , एथेलेट ऑफ़ द इयर अवार्ड इत्यादि शामिल है | ये पुरुसक्र उन्हें कई-कई बार मिले है | माइकल फेल्प्स (Michael Phelps) का जीवन कड़ी मेहनत और लगन के बल पर तपकर सोना बन गया | उनका जीवन हमे यह प्रेरणा देता है कि कड़ी मेहनत और कभी न हार मानने का हौसला हमे कहा से कहा पहुचा सकता है | इस प्रकार हम अपने सभी अभिष्ट लक्ष्य हासिल कर सकते है अनमोल विचार · तैरना मेरे लिए नार्मल है। मैं रिलैक्स्ड हूँ, कम्फर्टबल हूँ, और मुझे अपनी आसपास की चीजों के बारे में पता है। ये मेरा घर है। · मेरा मानना है कि लक्ष्य कभी आसान नहीं होने चाहिएं, वे ऐसे होने चाहियें कि आपको काम करने के लिए फ़ोर्स करें, तब भी जब आप उसे करने में अनकमफर्टबल हो जाएं। · पोर्ट्स में ये मेरा बीसवां साल है। मैंने बस तैरना जान है बस और कुछ नही। मैं ३० साल के बाद तैरना नहीं चाहता; अगर मैं इस ओलंपिक के बाद तैरना जारी रखता हूँ. और 2016 में वापस आता हूँ, तो मैं 31 का होऊंगा। मैं लाइफ के दुसरे पहलु भी देखना चाहता हूँ। · मैं कुछ ऐतिहासिक प्रीडिक्ट नहीं करने वाला। लेकिन कुछ भी असंभव नहीं है। · मैं वर्ल्ड कप में जाना चाहता हूँ। मैं मास्टर्स में जाना चाहता हूँ। मैं कहीं भी ….जाना चाहता हूँ। · मैं खुद को एक आम इंसान की तरह सोचना पसंद करता हूँ जिसके पास एक जूनून है, एक लक्ष्य है और एक सपना है और वो बाहर जाता है और उसे पूरा करता है। और वास्तव में मैंने इसी तरह अपनी सारी ज़िन्दगी जी है। · ये मायने नहीं रखता कि और क्या चल रहा है। जब आप अपने अरीना में या आपका जो कुछ भी जिसमे आप एक्सेल करते हैं, में प्रवेश करते हैं, आप वहां आपका जो काम है उसे पूरा करने के लिए मौजूद होते हैं। · अगर मैं सिर्फ एक गोल्ड लेकर वापस आता हूँ तो लोग कहेंगे ये निराशा भरा है। लेकिन उनमे से बहुत से लोगों ने ओलम्पिक गोल्ड नहीं जीता हुआ होता है, इसलिए अगर मैं एक भी पाता हूँ तो मैं खुश रहूँगा। · अगर मैंने अपनी सर्वश्रेष्ठ तैराकी नहीं की, मैं इसके बारे में स्कूल में, खाते वक़्त, दोस्तों के साथ सोचता रहूँगा, हर वक्त और ये मुझे पागल कर देगा। · मुझे याद नहीं कि आखिरी बार मैंने कब ट्रेनिंग नही की थी। ( 13 ) 7 Votes have rated this Naukri. Average Rating is 2