विलियम शेक्सपीयर जीवनी - Biography of William Shakespeare in Hindi Jivani Published By : Jivani.org नाम : विलियम शेक्सपियर जन्म : 26 अप्रैल 1564 इंग्लैंड के स्ट्रेटफोर्ड – अपॉन – एवन पिता : जॉन शेक्सपियर माता : मैरी शेक्सपियर पत्नी : ऐनी हथावे विलियम शेक्सपीयर अंग्रेजी के कवि, काव्यात्मकता के विद्वान नाटककार तथा अभिनेता थे। उनके नाटकों का लगभग सभी प्रमुख भाषाओं में अनुवाद हुआ है। आरंभिक जीवन : विलियम शेक्सपियर, जॉन शेक्सपियर तथा मेरी आर्डेन के ज्येष्ठ पुत्र एवं तीसरी संतान थे। इनका जन्म स्ट्रैटफोर्ड आन एवन में हुआ। बाल्यकाल में उनकी शिक्षा स्थानीय फ्री ग्रामर स्कूल में हुई। पिता की बढ़ती हुई आर्थिक कठिनाइयों के कारण उन्हें पाठशाला छोड़कर छोटे मोटे धंधों में लग जाना पड़ा। जीविका के लिए उन्होंने लंदन जाने का निश्चय किया। इस निश्चय का एक दूसरा कारण भी था। कदाचित् चार्ल कोट के जमींदार सर टामस लूसी के उद्यान से हिरण की चोरी की ओर कानूनी कार्यवाही के भय से उन्हें अपना जन्मस्थान छोड़ना पड़ा। उनका विवाह सन् १५८२ में एन हैथावे से हो चुका था। सन् १५८५ के लगभग शेक्सपियर लंदन आए। शुरू में उन्होंने एक रंगशाला में किसी छोटी नौकरी पर काम किया, किंतु कुछ दिनों के बाद वे लार्ड चेंबरलेन की कंपनी के सदस्य बन गए और लंदन की प्रमुख रंगशालाओं में समय समय पर अभिनय में भाग लेने लगे। ग्यारह वर्ष के उपरांत सन् १५९६ में ये स्ट्रैटफोर्ड आन एवन लौटे और अब इन्होंने अपने परिवार की आर्थिक व्यवस्था सुदृढ़ बना दी। सन् १५९७ में इन्होंने धीरे धीरे नवनिर्माण एवं विस्तार किया। विलियम शेक्सपियर जब 18 वर्ष के हुए तब उनका विवाह ऐना हाथवे से हुआ , जिसने तीन संतानों को जन्म दिया था | विलियम ने सम्भवतः स्ट्रेटफोर्ड ग्रामर स्कूल में पढाई की थी | वह जीविका की तलाश में 1587 में लन्दन चले गये जहा वो एक अभिनेता और नाटककार बने | 1592 तक विलियम शेक्सपियर रंगमंच की दुनिया में मशहूर हो चुके थे | इसी साल रोबर्ट ग्रीन नामक व्यक्ति ने विलियम शेक्सपियर का नाम चुनकर एक लेख लिखा था और उनका मजाक उड़ाया था. उन्होने अपनी स्कूली शिक्षा एक स्थानीय स्कूल स्ट्रेटफोर्ड ग्रामर स्कूल से की थी। अपनी पिता की बढ़ती आर्थिक मुस्किलो के कारण उन्हें पढाई छोड़कर छोटे मोटे धंधों में लग जाना पड़ा। इसके बाद उन्होने जीविका की तलाश में 1587 में लन्दन चले गये, लंदन मे उन्होंने एक रंगशाला में किसी छोटी नौकरी पर काम किया। किंतु कुछ दिनों के बाद वे लार्ड चेंबरलेन की कंपनी के सदस्य बन गए और लंदन की प्रमुख रंगशालाओं में समय समय पर अभिनय में भाग लेने लगे। जहा वो एक अभिनेता और नाटककार बने। लंदन जाने के एक और कारण था की कदाचित् चार्ल कोट के जमींदार सर टामस लूसी के उद्यान से हिरण की चोरी की ओर कानूनी कार्यवाही के भय से उन्हें अपना जन्मस्थान छोड़ना पड़ा। 1592 तक विलियम शेक्सपियर रंगमंच की दुनिया में मशहूर हो चुके थे। इस कारण शेक्सपीयर की पॉपुलीरिटी को नीचा दिखाने के लिए, इसी साल रोबर्ट ग्रीन नामक व्यक्ति ने विलियम शेक्सपियर का नाम चुनकर एक लेख लिखा था और उनका मजाक उड़ाया था। स्कूल कि पढ़ाई पूरी करने के बाद शेक्सपीयर ने 1582 में ऐनी हैथवे से शादी कर ली। जब उन्होंने शादी की उस समय वे 18 साल और ऐनी हैथवे 26 साल की थी! ऐनी हैथवे (Anne Hathaway) का जन्म स्ट्रैटफोर्ड के ही एक गाँव Shottery में हुआ था और वे वही पर पली-बढ़ी थी। विवाह के बाद उन्होंने अपना बाकी का जीवन स्टैटफोर्ड में ही बिताया। आगे के वर्षों में ऐनी और उनके बच्चें उनके साथ स्ट्रैटफोर्ड में ही रहने लगे, जबकि शेक्सपीयर लंदन में काम करने लगे। हालांकि हम यह नहीं जानते कि शेक्सपीयर कब लंदन आए और कब वही स्थायी रूप से काम करने लगे। उनके एक छोटे बेटे हैमलेट की मृत्यु 11 वर्ष की छोटी आयु में 1596 में ही हो गई। उनकी सबसे बड़ी बेटी Susannah का विवाह स्टैªटफोर्ड के एक मशहुर डॉक्टर जॉन हॉल से हुआ। Susanna के सबसे पहले बच्चे एलिजाबेथ, जो कि एक लड़की थी का जन्म वर्ष 1608 में हुआ। उनकी दूसरी बेटी जूडिथ का विवाह भी वर्ष 1616 में, शेक्सपीयर के मृत्यु के पहले ही वही के एक Vintner थॉमस किनी से हो गई। शेक्सपीयर ने बहोत सा काम 1589 से 1613 के समय में ही किया है।उनके प्रारंभिक लेख और नाटक साधारणतः कॉमेडी होते थे। बाद में 1608 तक उन्होंने दुखांत नाटक लिखे, जिनमे हैमलेट, ऑथेलो, किंग लेअर और मैकबेथ भी शामिल है। अपने अंतिम समय में उन्होंने दुःख सुखान्तक नाटको का लेखन किया था। जिनमे कुछ रोमांचक नाटक भी शामिल है। उनके बहोत से नाटको को प्रकाशित भी किया गया है। 1623 में शेक्सपीयर के दो दोस्त और अनुयायी अभिनेता जॉन हेमिंगस और हेनरी कंडेल ने मिलकर उनके मरणोपरांत फर्स्ट फोलियो को प्रकाशित किया। 20 से 21 वी शताब्दी में मॉडर्न कवियों ने उनके कार्यो को दोबारा खोज निकाला और रूपांतर कर उसे प्रकाशित करने लगे थे। अंतिम नाटकों में शेक्सपियर का परिपक्व जीवनदर्शन मिलता है। महाकवि को अपने जीवन में विभिन्न प्रकार के अनुभव हुए थे जिनकी झलक उनकी कृतियों में दिखाई पड़ती है। प्रणय विषयक सुखांत नाटकों में कल्पनाविलास है और कवि का मन ऐश्वर्य और यौवन की विलासितामें रमा है। दु:खांत नाटकों में ऐसे दु:खद अनुभवों को अभिव्यक्ति है जो जीवन को विषाक्त बना देते हैं। शेक्सपियर के कृतित्व की परिणति ऐसे नाटकों की रचना में हुई जिनमें उनकी सम्यक बुद्धि का प्रतिफलन हुआ है। जीवन में दु:ख के बाद सुख आता है, इसीलिये विचार और व्यवहार में समानता लाना बहोत जरुरी है। इन अंतिम नाटकों से यह निष्कर्ष निकलता है कि हिंसा और प्रतिशोध की अपेक्षा दया और क्षमा अधिक महत्वपूर्ण हैं। अपने गंभीर नैतिक संदेश के कारण इन नाटकों का विशेष महत्व है। विलियम शेक्सपियर को अंग्रेजी भाषा के सर्वश्रेष्ठ साहित्यकार और नाटककार के तौर पर जाना जाता है | 26 अप्रैल 1564 को इंग्लैंड के स्ट्रेटफोर्ड में जन्मे शेक्सपियर को “Bird of Heaven” की उपाधि दी गयी थी | जिस वर्ष शेक्सपियर पैदा हुए थे ,उसी वर्ष क्रिस्टोफर मर्लो का भी जन्म हुआ था | शेक्सपियर के पिता जॉन दस्ताना निर्माता थे | माना जाता है कि वो स्ट्रेटफोर्ड के एक गणमान्य नागरिक थे |उस जमाने में स्ट्रेटफोर्ड एक छोटा नगर था जिसकी आबादी डेढ हजार से लेकर दो हजार तक थी | सन 1592 से 1594 तक प्लेग फैलने के कारण लन्दन के थिएटर बंद रहे थे | इस दौरान William Shakespeare विलियम शेक्सपियर ने पद्य की दो पुस्तके लिखी थी | सन 1593 में उन्होंने “Venus and Adonis” की रचना की और सन 1594 में “Lucars” की रचना की |नाटक लेखन के जरिये विलियम शेक्सपियर समृधि हासिल करते गये |सन 1597 में स्ट्रेटफोर्ड में 60 पौंड की कीमत चुकाकर एक मकान और बगीचा खरीद लिया था | अपने निधन से पहले उन्होंने 25 मार्च 1616 को अपनी वसीयत तैयार की थी | 23 अप्रैल 1616 को विलियम शेक्सपियर William Shakespeare का देहांत हो गया था | कार्य : विलियम शेक्सपियर एक नाटककार और अभिनेता के साथ – साथ अंग्रेजी कवि भी थे. सन 1593 और 1594 में अपने नाट्य कला के साथ – साथ उन्होंने कविता लिखने की कोशिश शुरू कर दी. उन्होंने उस समय 2 कविता ‘वीनस एंड एडोनिस’ एवं ‘दी रेप ऑफ़ लूक्रेस’ लिखीं. जिनमें से दोनों कवितायें हेनरी रिओथेस्ले, साउथएम्प्टन के एर्ल को समर्पित थी. ‘वीनस एंड एडोनिस’ कविता में वीनस की यौन उन्नति तथा एडोनिस के एवेंचुअल रिजेक्शन को दर्शाया गया है. ‘दी रेप ऑफ़ लूक्रेस’ जैसा कि नाम से पता चलता है कि कविता में लूक्रेस के भावनात्मक टर्मोइल को प्रस्तुत किया है जिसका तर्क़ुइन ने रेप किया था. दोनों ही कविता बहुत ही लोकप्रिय रही और साथ ही इसे अक्सर छापा जाता था. शेक्सपियर ने ‘अ लवर्स कंप्लेंट’ और ‘दी फोनिक्स एंड दी टर्टल’ कविता भी लिखीं. इस कविता में एक महिला की संक्षिप्त कहानी बताई गई है जोकि अपने प्रेमी द्वारा प्रलोभन के प्रयासों के कारण पीढ़ा में थी, तथा फोनिक्स एवं प्रेमी की मौत के शोक को भी व्यक्त किया गया है. विचार : • एक मिनट देर से जाने से अच्छा है तीन घंटे पहले जायें. • मैंने समय को बर्बाद किया और अब समय मुझे बर्बाद कर रहा है. • स्वर्णिम काल हमारे सामने है, न कि पीछे. • खाली बर्तन सबसे अधिक शोरगुल करते हैं. • मैं तुम्हे बुद्धिमता की लड़ाई के लिए ललकारता परन्तु मैं यह देख रहा हूँ की तुम निहत्थे हो. • कायर व्यक्ति मृत्यु से पहले कई बार मरते हैं और बहादुर सिर्फ एक बार. • हमारी किस्मत तारों और ग्रहों के बस में नहीं बल्कि हमारे बस में है. • महानता से बिल्कुल भी न डरे. कुछ लोग महान पैदा होते हैं तो कुछ महानता हासिल करते हैं और कुछ लोगों में महानता समाहित होती है. • यदि तुम प्यार करते हो और तुम्हे कष्ट मिलता है तो और प्यार करो. • जिस तरह अपने विचारों से तुम महान हो उसी तरह अपने कर्मों में भी महान बनो. • अंत भला हो तो सब भला होता है. • हम यह जानते हैं की हम क्या हैं लेकिन हम यह नहीं जानते की हम क्या बन सकते हैं. • एक छोटी सी मोमबत्ती का उजाला कितनी दूर तक जाता है उसी तरह इस बुरी दुनिया में एक अच्छाई कुछ समय तक प्रकाशित रह पाती है. • रोने से दुःख कम हो जाता है. • जब हमारा जन्म होता है तब हम रोते हैं क्योंकि तब हम मूर्खों के इस विशाल रंगमंच पर आ जाते है. • एक पुरानी कहावत है जो मुझ पर भी लागू होती है, जो खेल आप नहीं खेल रहे हैं उसे आप हार नहीं सकते. • दूसरों से मदद की उम्मीद ही हर बुराई जड़ है. • ना उधार लो न कर्ज दो. मृत्यु : वे लंदन की नामी-गिरामी नाटक कंपनियों में निवेश कर तथा अपने लेखन और अभिनय से काफी धनी हो चुके थे। उन्होंने अपने पैसे का ज्यादातर हिस्सा स्ट्रैटफोर्ड के रियल एस्टेट में निवेश कर दिया और इसी नगर के दूसरे नंबर के सबसे आलीशान घर New Place को 1597 में खरीद लिया। शेक्सपीयार ने अपने अंतिम नाटक The Two Noble Kinsmen को अपने दोस्त John Fletcher के सहयोग से 1613 में पुरा किया। उनकी मृत्यु 23 अपै्रल 1616 में हुई। हालांकि हम उनके मृत्यु के स्पष्ट कारणों को नहीं जानते। ( 9 ) 16 Votes have rated this Naukri. 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