माइकल जॉर्डन जीवनी - Biography of Michael Jordan in Hindi Jivani Published By : Jivani.org माइकल जॉर्डन का जन्म 17 फरवरी 1963 को न्यूयॉर्क में हुआ था वह एक बहुत ही गरीब परिवार से थे उनका एक छोटा सा घर था.वह शुरू से ही एक बड़ी सोच रखते थे और जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रयत्न करते थे.माइकल जॉर्डन एक बास्केटबॉल के खिलाड़ी हैं चलिए जानते हैं उनके जींवन की इस प्रेरणादायक घटना को. माइकल जॉर्डन जब बच्चे थे तब उनके पिता ने उन्हें अपने पास बुलाया और कहा बेटा ये एक कपड़ा है ये कपड़ा में तुझे दे रहा हूं.तू इसे $1 में बेचकर कल मेरे पास आ.माइकल जॉर्डन अपने पिता की बात सुनकर सोचने लगे कि अब मैं इस बेकार से कपड़े को $1 में कैसे बेचू.उन्होंने उस कपड़े को सबसे पहले अच्छी तरह से धोया.उनके घर पर उस कपड़े पर प्रेस करने के लिए प्रेस नहीं थी इस वजह से उन्होंने कुछ वजनदार चीजें उस कपड़े पर कुछ समय तक रख दी जिस वजह से वह कपड़ा सीधा हो गया और दिखने में अच्छा लगने लगा उसके बाद वह बाजार में गए और उस कपड़े को बेचकर अगले ही दिन अपने पिता के सामने प्रस्तुत हुए.यह देख उनके पिता बहुत ही खुश हुए कुछ समय बाद 1 दिन फिर से माइकल जॉर्डन के पिता ने उन्हें बुलाया और कहा कि बेटा मैं तुझे कपड़ा दे रहा हूं इसे तू $10 में बेच कर दिखा.यह सुनकर वह बहुत ही अचंभित हुए वह सोचने लगे कि मेरे पिता मुझसे ऐसा क्यों कहते हैं उन्होंने फिर भी अपने पापा से ज्यादा कुछ नहीं पूछा वह कपड़े को लेकर निकल गए सबसे पहले उन्होंने उस कपड़े की अच्छी तरह धुलाई की और अपने एक दोस्त के पास ले जाकर उस पर मिकी माउस का स्टीकर लगा दी जिससे वह कपड़ा अच्छा लगने लगा और बाजार में ले जाकर बेचने का प्रयत्न किया. माइकल जॉर्डन के बहुत ही अच्छे खेल की वजह से उनको बहुत से विश्वविद्यालयो से स्कॉलरशिप का ऑफर आया, बहुत सोचने के बाद माइकल जॉर्डन ने अपने घर के पास रहना पसंद किया और नार्थ कैरोलिना विश्वविद्यालय को चुना | पहले ही season में 1982 में उन्होंने नार्थ कैरोलिना विश्वविद्यालय में अटलांटिक कोस्ट कोन्फेरेंस (ACC) Rookie का अवार्ड जीता | 1984 में माइकल जॉर्डन यूनाइटेड स्टेट्स ओलंपिक्स बास्केटबाल टीम का हिस्सा बने और कैलिफोर्निया में गोल्ड मैडल भी जीता | फिर वे नेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन (National Basketball Association ) में शिकागो बुल्स टीम में चुने गए | माइकल जॉर्डन ने अपने करियर के एनबीए (नेशनल बॉस्केरटबॉल एशो।सिएशन) टूर्नामेंट में शिकागो बुल्स और वाशिंगटन विजॉर्ड के लिए 15 सीजन में लगातार खेले थे। जब माइकल जॉर्डन को शिकागो बुल्स बास्केटबाल टीम में चुना गया तब वे टीम कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर रही थी पर माइकल जॉर्डन की मेहनत से और अलग खेल के स्टाइल के कारण टीम की लोकप्रियता बड़ने लगी | माइकल जॉर्डन को पहले आल स्टार टीम और बाद में उनको league’s Rookie of the year अवार्ड से नवासा गया | 1985 to 1986 season के समय, माइकल जॉर्डन अपनी पैर की चौट के साथ वापिस गेम में आए और उन्होंने पहली गेम में 49 points स्कोर किये Boston celtics के खिलाफ और दूसरी गेम में 63 पॉइंट्स स्कोर किये | इस के साथ माइकल जॉर्डन ने एक नया रिकॉर्ड बनाया जिसे NBA playoff record कहा गया | एनबीए के अनुसार माइकल जॉर्डन ग्रेटेस्ट ऑल टाइम बेस्ट बॉस्केटबॉल प्लेयर हैं। ओलिम्पिक करीयर जॉर्डन दो ओलिम्पिक् स्वर्ण पदक विजेता अमेरिकी बास्केट बॉल टीम में खेले। एक कॉलेज के खिलाड़ी के रूप में उन्होने १९८४ के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भाग लिया और स्वर्ण पदक भी जीता। १९९२ के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में मैजिक जॉनसन, लैरी बर्ड और डेविड रॉबिन्सन की स्क्वाड् टीम के सदस्य बने जिसे ड्रीम टीम का नाम दिया गया था। जॉर्डन ओलिम्पिक के सभी खेल शुरु करने वाले एक मात्र खिलाडि थे। जॉर्डन और साथी ड्रीम टीम के सदस्यों पैट्रिक एविंग और क्रिस मुल्लिन, शौकिया और पेशेवर के रूप में ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले एकमात्र अमेरिकी पुरुषों की बास्केटबॉल खिलाड़ी हैं। माइकल जॉर्डन का कार्यक्षेत्र: माइकल ने नेशनल बास्केटबाल एसोसिएशन के जरिये दुनिया भर में बहुत नाम कमाया। माइकल क खेल करियर में एक वक़्त ऐसा भी आया जब माइकल ने बास्केटबॉल से हट कर बेसबाल में रूचि दिखाई लेकिन फिर उन्होंने बास्केटबाल को ही अपने व्यावसायिक खेल के तौर पर आगे बढाया। 1997-1998 में माइकल ने अपने खेल से सन्यास ले लिया। इसके बाद भी वे वाशिंगटन विजार्ड टीम के ओनर रहे। लेकिन ज्यादा समय तक माइकल अपने आप को बास्केटबाल से दूर नहीं रख पाए 2001 में उन्होंने फिर से वाशिंगटन विजार्ड के लिए खेलना शुरू किया और लागातार २ वर्ष तक फिर इस टीम का हिस्सा रहे। अंत में 2003 में माइकल ने खेल को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।माइकल एक खिलाडी तो है ही साथ ही वे एक सफल उद्यमी भी है वे चार्लोट बोब्कट्स नमक कंपनी के मालिक भी हैं। माइकल जॉर्डन का व्यक्तिगत जीवन एवं परिवार:माइकल ने २ शादियाँ की। माइकल ने पहली शादी सितम्बर 1989 में की उनकी पहली पत्नी का नाम जुआनिता वनोय था। माइकल और जुआनिता के 3 बच्चे हैं ।जिनमे से २ लड़के मार्क्स जेम्स और जेफ्फेरी माइकल एवं एक लड़की जस्मीन है। जिनके साथ उनका वैवाहिक जीवन 17 साल चला और 2006 में उनका तलाक हो गया। माइकल ने जुआनिता को तलक के बदले 16।8 करोड़ डालर की राशि देनी पढ़ी थी जो सन 2006 तक का सबसे बड़ा तलक हर्जाना था।माइकल ने दूसरी शादी 27 अप्रेल 2013 को क्यूबाई माडल येवती प्रीइतो से की। मीडिया प्रसिद्ध व्यक्ति जॉर्डन खेल के क्शेत्र में इतिहास के प्रसिद्ध व्यक्ति हैं। उन्होंने नाइके, कोका कोला, शेवरलेट, गेटोरेड, मैकडॉनल्ड्स, गेंद पार्क फ्रैंक्स, रेयोवैक, व्हीटीस, हेन्स् और एमसीआई जैसे ब्रांडों के लिए एक प्रमुख प्रवक्ता किया गया है। नाइके ने उनके लिये एक सिग्नेचर जूते बनाये और उन्हे एयर जॉर्डन का नाम दिया। जून २०१० में जॉर्डन को फोर्ब्स मैगज़ीन के अनुसार २०वां सब्से तेजस्वी ख्याति का पद प्रदान किया गया था। शेर्लोट बोब्कट्स माइकल जॉर्डन बहुमत रूप से शेर्लोट बोब्कट्स के मालिक थे, जॉर्डन को बास्केटबॉल खेल का पूरा अधिकार दिया गया था। जॉर्डन कि पिछली सफलता के बावजूद उन्होंने विपणन अभियानों में शामिल न होने का फैसला लिया था। शेर्लोट बोब्कट्स के प्रति माइकल जॉर्डन का बहुत ही बड़ा योगदान है। २०१२-२०१३ के समय, ६६ मैच खेले गए थे जिसमे बोब्कट्स ने ७-५९ का रिकॉर्ड बनाया था। इसको देकते हुए जॉर्डन का कहना था कि वो रिकॉर्ड से बहुत खुश नहीं हैं और बहुत ही निराश हैं। २१ मई २०१३ में जॉर्डन ने बोब्कट्स का नाम होरनेट्स में बदलने का निर्णय लिया था और न्.बी.य ने इसको जुलाई १८ २०१३ में मंजूरी दी थी ( 13 ) 36 Votes have rated this Naukri. Average Rating is 3