राजिंदर कुमार की जीवनी - Biography of Rajinder Kumar in hindi jivani Published By : Jivani.org नाम : राजिंदर कुमार जनम तिथी : 9 सितंबर 1934 ठिकाण : पंजाब, भारत व्यावसाय : रासायनिक इंजीनियर, प्रोफेसर प्रारंभिक जीवनी : रजिंदर कुमार एक भारतीय रासायनिक इंजिनियर और भारतीय विज्ञान संस्थान मे पूर्व प्रोफेसर है | उन्हे मल्टीफेज घटना पर अपने अध्यायन के लिए जाना जाता है | राजिंदर कुमार का जनम भारत के पंजाब राजया मे 9 सितंबर 1934 को हुआ है |उन्होंने सन 1954 मे पंजाब विश्वाविदयालय चंदीगढ से विज्ञान मे बीएससी ऑनर्स मे स्त्रातक किया है | उसके बाद राजिंदर ने दिल्ली टेक्नोलॉजीकल युनिवर्सिटी से आपनी मास्टार कि उपाधि प्राप्त कि है | सन 1955 मे उन्हेांने पंजाब विश्वाविदयालय से एमएससी टेक कि उपाधि प्राप्ता कि है | सन 1965 मे राजींदर कुमार ने ई वेनगार्टनर और आरएल दत्ता के मार्गदर्श्ंन मे भारतीय विज्ञान संस्थान से अपनी पीएचडी पूरी कि है | कार्य : राजिंदर कुमार सन 1958 मे जूनियर रिसर्च असिस्टेंट के रुप मे भारतीय विज्ञान संस्थान मे शामिल हुए थे | उन्होंने विभिन्ना क्षमताओ मे आयआयएससी कि सेवा कि है | सन 1963 से 67 मे वे वहाँ पर व्याख्याता के रुप मे कार्यरित रहे थे | फिर राजिंदर सन 1967 से 1970 मे सहायक प्रोफेसर बने | उसके बाद उन्होंने वहाँ 1970 से 1995 अपनी सेवानिवृत्ती तक एक प्रोफेसर के रुप मे काम किया है | उन्होंने आयआयएससी के मंडल अध्याक्ष और डीन का पद भी संभाला है | सन 2014 मे राजिंदर आईआईएससी कि आंतरिक समीक्षा समिती के सदस्या भी रहे है | राजिंदर ने अपनी सेवानिवृत्ती के आद भी जवाहरलाल नेहरू फॉर एडवांस्ड सांइटिफिक रिसर्च मे एक मानद प्रोफेसर के रुप मे कार्य किया है | राजिंदर ने हाइड्रोडायनामिक्सा और मल्टिफेजसिस्टाम मे बडे पैमाने पर स्थानांतरण पर व्यापक शोध किए है | उन्होंने एकल जलमग्न नलिका से बुलबूले के निर्माण का एक दो चरण मॉडल विकसीत करणे का कार्य किया है | जब वह औघोगिक रुप से प्रासंगिक वितरकों के साथ उपयोग मे है | राजींदर ने फोम बेड कॉन्टैक्टर्स और बैच सोनोकेमिकल रिएक्टरों मे नियोजित होने के लिए प्रदर्शन भविष्यावाणी प्रोटोकॉल का एक सेट विकसित किया है | राजिंदर ने द्रवीड बेड रिएक्टर के विकास मे भी महत्तवापूर्ण योगदान दिया है | राजिंदर विज्ञान और प्रौधोगिकी विभाग, भारतीय चिकित्सा अनूसंधान परिषद राष्ट्रीय डिजिटल अनूसंधान केंद्र और इनोवेशन फाउंडेशन कि विभिन्ना समितीयों के सदस्या रुप मे जुडे है | सन 1991 से 1992 तक वह उपराष्ट्रपति कि कुर्सी पर रहे है | उपलब्धि : सम्मान/पूरस्कार : 1) राजिंदर को सन 1976 मे भारत सरकारव्दारा शांति स्वरुप भटनागर पूरस्कार से सम्मनित किया गया है | 2) सन 1985 मे उन्हे आयआयसीई हेरडिलीया पूरस्कार प्राप्त हुआ है | 3) सन 1986 मे राजिंदर को VASVIK अवार्ड मिला है | 4) सन 1988 मे उनहे एमएसयूओबी के जी नाई गोल्ड मेडल प्राप्ता हुआ है | 5) INSA व्दारा उन्हे सन 1989 म सैयद हुसैन जहीर मेडल मीला है | 6) 1997 INSA पूर्व छात्र पूरस्कार तथा एफआयसीसीआय अवार्ड के भी वह प्राप्ता कर्ता है | 7) सन 2003 मे उनहे भारत सरकारव्दारा पघभूषण से सम्मानित किया गया है | पुस्तके/ग्रंथ : राजिंदर के शोध कई पीयर रिव्यू लेखो मे दर्ज किए गए है | INSA ने उनमे से 63 को सूचीबध्दा किया है | 1) 1997- हेले शॉ सेल मे एक पवित्र बाधा से एक सह चरण चरण के धब्ब का पता लगाना| 2) 1998- पानी के आई सीसीएल 4 प्रणाली के सोनोग्राफी कल ऑक्सीकरण कि मॉडलिंग| 3) 1999 पानी उडा मुक्त मुक्त पॉलीयूरेथेन फोम| 4) 2000 रिवर्स माइकल्सा मे वर्षा प्रतिक्रीयाओं का अनूसकरण | ( 12 ) 0 Votes have rated this Naukri. Average Rating is 0