राजेश गोपकूमार की जीवनी - Biography of Rajesh Gopkumar in hindi jivani Published By : Jivani.org नाम : राजेश गोपकूमार जनम तिथी : 14 दिसंबर 1967 ठिकाण : कोलकत्ता, भारत पिता : जी गोपकूमार व्यावसाय : भौतिक विज्ञानी, प्रोफेसर प्रारंभिक जीवनी : राजेश गोपकूमार एक सैध्दांतिक भौतिक विज्ञानी है | वह इंटरनेशनल सेंटर फॉर थियोरेटिकल साइंसेज आयसीटीएस टीआयएफआर के निदेशक भी है | इतना ही नही बल्की वे पहले भारत के इलाहबाद मे हरीशचंद्र अनूसंधान संस्थान एचआरआय मे प्रोफेसर भी थे | राजेश गोपकूमार का जनम भारत मे कोलकत्ता शहर मे 14 दिसंबर 1967 को हुआ है | उनके पीता का नाम जी गोपालकूमार और माता का नाम जयश्री गोपकूमार है | उनका परिवार दक्षिणी भारतीय राजया केरल से है | राजेश का विवाह रुक्मिणी डे से हुआ है | वह आयसीटीएस टीआयएफआर मे गणितीय भौतिकी और जयामिती कि प्रोफेसर है | राजेश ने अपनी बीएससी और एमएससी मे भारतीय प्रौघोगिकी संस्था कानपूर से भौतिकी मे उपाधि प्राप्ता कि है | सन 1997 मे उन्होंने डेविड ग्रॉस कि देखरेख मे प्रिस्टान विश्वाविघ्यालय से पीएचडी कि उपाधि पूरी कि है | कार्य : राजेश ने हार्वर्ड विश्वाविघ्यालय मे एक शोध सहयोगी के रुप मे काम किया है | उसके बाद वह एचआरआय मे शामिल हुए थे | उन्होंने 2001 से 2004 तक न्यू जर्सी के इंस्टीटयूट फॉर एडवांस्ड स्टडी प्रिसंटन मे विजिटिंग फेलो भी रहे है | राजेश गोपाकूमार एक स्ट्रिंग सिध्दांतकार है | उन्होंने मूख्या रुप से डेविड ग्रॉस् के साथ बडे एन गेज सिध्दांतो पर शोध किए है | एंड्रयू स्ट्रोमिगर और शिराज मिवाला के साथ नॉनकम्यूटेटिव गेज सिध्दांत और टोपोलॉजिकल स्ट्रिंग थ्योरी और कम्प्रेशन वफा के साथ गेज जयामिती पत्राचार और उन्हे विशेष रुप से गोपकूमार के प्रस्ताव के लिए जाना जाता है | राजेश ने स्ट्रिंग थ्योरी के साथ उच्चातर थ्योरी और उनके योगदान मे महत्वापूर्ण योगदान दिया है | उन्होंने कंफॉर्मल बूटस्ट्रैप पर भी काम किया है | उपलब्धि : 1) सन 2004 मे राजेश को बीएम बिडला पूरस्कार से सम्मानित किया गया है | 2) सन 2006 मे उन्हे आयसीटीपी पूरस्कार प्राप्त हुआ है | 3) सन 2009 मे राजेश को भारत सरकारव्दारा शांति स्वरुप भटनागर पूरस्कार से सम्मनित किया गया है | 4) सन 2010 मे राजेश ग्लोबल यंग अकादमी ऑफ साइंसटिस्ट के फेलो रहे है | 5) राजेश भारतीय विज्ञान अकादमी और भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के सदस्या है | पुस्तके : 1) सन 2006 मे प्रकाशित : बेबी ब्रम्हांड और स्ट्रिंग सिध्दांत | 2) 17 जनवरी 2007 : स्पेसटाइम से लेकर वर्ल्डशीट तक चार बिंदू सहसंबंधी | ( 12 ) 0 Votes have rated this Naukri. Average Rating is 0