हसन नसीम सिद्दीकी की जीवनी - Biography of Hasan Nasim Siddiqui in hindi jivani Published By : Jivani.org नाम : हसन नसीम सिद्दीकी जन्म तिथी : 20 जुलाई 1934 ठिकाण : बिजनौर, उत्तरप्रदेश व्यावसाय : समूद्री जीवविज्ञानी मृत्यू : 14 नवंबर 1986 आयू 52 वर्षे पत्नि : तलत प्रारंभिक जीवनी : हसन सिद्दीकी का जन्म 20 जुलाई 1934 केा उत्तरप्रदेश के बिजनौर मे हुआ था | उनकी प्रारंभिक शिक्षा गवर्नमेंट हाय सेकंडरी स्कूल, आदिलाबाद मे हुई थी | 1949 मे मैट्रिक के बाद उन्हेांने 1951 मे उस्मानिया विश्वाविघ्यालय मे अपनी इंटरमीडीएट कि पढाई पूरी कि थी | इसके बाद उन्हेांने अलीगढ मुस्लिम विश्वाविघ्यालय एएमयू मे प्रवेश किया था | जहां से उन्हेांने विज्ञान मे स्त्रातक कि डिग्री पूरी कि थी | इसी अवधि के दौरान, उनके पिता कि मृत्यू हो गई, लेकिन उनहेांने 1956 मे भू विज्ञान मे मास्टार डिग्री प्रातपा करने के लिए एएमयू मे अपनी पढाई जारी रखी थी | सिद्दीकी कि शादी तलत से हुई थी | और इस जोई की एक बेटी और दो बेटे थे | वह 52 वर्षे थे जब उनकी मृत्यू 14 नवंबर 1906 को एक बउे दिलका दैरा पढने से हुई थी | कार्य : हसन सिद्दीकी एक भारतीय समूद्री जिवविज्ञानी और राष्ट्रीय समूद्र विज्ञान संस्थान के निदेशक थै | वे 1981: 82 के दौान अंटार्कटिका मे पहले भारतीय उपनेता थै| वह बंगाल कि खाडी और अरब सागर पर अपने भूवैज्ञानिक अध्यानों के लिए जाने जात थे | डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी के दौरान वह राष्ट्रीय समूद्र विज्ञान संस्थान मे सेवारत थे | उनका करियर भूगर्भ सवेक्षण विभाग जीएसआई मे 1956 मे उनके भूजल अन्वेषण प्रभाग और अनूसंधान प्रयोगशालाओं मे शूरु हुआ था | उन्हेांने 17 साल तक जीएसआई कि सेवा कि थी | मॉस्को के शिरसोव इंस्टीटयूट ऑफ ओशनोलॉजी मे एक प्रशिक्षण कार्यकाल था |1973 मे जब भारत सरकार ने राष्ट्रीय समूद्र विज्ञान संस्थान एनआयओ कि स्थापना कि थी | वह संस्थान के गोवा मुख्यालय मे ग्रेड ईवैज्ञानिक और भूवैज्ञानिक महासागर विज्ञान विभाग के प्रमूख के रुप मे चले गए थे | उनहेांने 1985 मे सस्थान के निदेशक बनने से पहले ग्रेड एफ साइंटिस्टा और डिप्टी डायरेक्टर जैसी विभिन्ना क्षमताओ मे एनआयओ कि सेवा कि थी | उन्हेाने दक्षिण महाव्दीप मे स्थायी भारतीय स्टेशन दक्षिण गंगोत्री के लिए समूद्री विज्ञान कार्यक्रमो का समन्वय किया था | उनके अध्यायन और शोधो को एक संख्या सहकर्मी समीक्षा लेख के माध्याम से प्रलेखित किया गया है | वैज्ञानिक लेखो मे एक भंडार मे उनमे से 14 को सूचीबघ्दा किया है | उन्हेांने अपने अध्यायन मे सात डॉक्टरल विव्दानों का भी उल्लेख किया है | उन्हेांने राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनूसंधान संस्थान क अनूसंधान और सलाहकार परिषद के सदस्या के रुप मे कार्य किया था | उन्हेांने इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज और इंडियन जर्नल ऑफ मरीन साइंसेज कि कार्यवाही के संपादकिय बोर्डा के सदस्या के रुप मे भाी काम किया था | पूरस्कार और सम्मान : 1) 1978 मे उन्हे वैज्ञानिक और औघोगिक अनूसंधान परिषद ने घोष को शांति स्वरुप भटनागर पूरस्कार से सम्मानित किया था | 2) 1938 मे भारत सरकार ने उन्हे पदमश्री के चौथै सर्वोच्चा नारिगक पूरस्कार से सम्मानित किया गा था | 3) उसी वर्षे उनहे भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी ने अपने साथी के रुप मे चुना था | 4) वह नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज इंडिया जियोलॉजिकल सेासाइटी ऑफ इंडिया और एसेासिएशन ऑफएक्सप्लोरेशन जियोफिजिसिस्टा के एक चुने हुए साथी भी थे | 5) वे राष्ट्रीय खनिज पूरस्कार और गोवा सरकार के राजया पूरस्कार के प्राप्ताकर्ता थी थे | पूस्तके : 1) जोधपूर मालानी विभाजन अलग बाडमेर और जैसल मेर बेसिन 1963| 2) लक्षव्दीप के तूफान समूद्र तटों कि उम्र 1980| 3) इंदिरा पर्वत अंटार्कटिक महासागर मे एक पानी के निचे का पर्वत 1983| 4) भारत के पश्चिम तट पर भटकल इतर शेल्फ पर आर्थो एम्फीबोलिटस कि घटना पर एक नोट 1987| ( 12 ) 0 Votes have rated this Naukri. Average Rating is 0