प्रफुलचंद्र विष्णू साने की जीवनी - Biography of Prafulchandra Vishnu Sane in hindi jivani Published By : Jivani.org नाम : प्रफुलचंद्र विष्णू साने जनम दि- 24 दिसंबर 1937 ठिकाण : चिपलून, रत्नागिरी, महाराष्ट्रा भारत पिता : विष्णू जगन्नाथ साने व्यावसाय : आणविक जीवविज्ञानी, वनस्पती विज्ञानी प्रारंभिक जीवनी : प्रफुल्लचंद्र विष्णू साने एक भारतीय आणविक जीवविज्ञानी और वनस्पती विज्ञानी है | जो प्रकाश संश्लेष्ण पर अपने आग्रणी अध्यायन के लिए जाने जात है | प्रफुल्ल्चंद्र विष्णू साने का जनम भारत मे महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले मे चिपलून गांव मे 24 दिसंबर 1937 को हुआ है | उनके पिता का नाम विष्णू जगन्नाथ साने है | और माता का नाम इंदिरा है | साने कि शादी सुचित्रा खांडकर से हुई है | उन्हें दो बेटे है | वह आब लखनऊ मे रहते है | प्रफुलचंद्र ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा न्यू इंग्लिश हाई स्कूल, नागपूर से प्राप्ता कि है | सन 1958 मे उन्होंने डॉ पंजाबराव के कृषि महाविघ्यालय से स्त्रातक किया है | सन 1960 मे उन्हेांने नागपूर विश्वाविघ्यालय से कृषि मे स्त्रातकोत्तार उपाधि प्राप्ताकि है | कार्य : प्रफुलचंद्र ने कैलिफोर्निया विश्वाविघ्यालय बर्कले मे एक सहायक अनूसंधान वनस्पति विज्ञानी के रुप मे काम किया है | सन 1972 से 1984 तक उन्होंने भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर BARC भारत मे प्रमूख के रुप मे काम किया है | सन 1984 से 1997 तक साने ने राष्ट्रीय वानस्पतिक अनूसंधान संस्थान, लखनऊ के निदेशक के रुप मे कार्य किया है | उसके बाद वह अपनी सेवानिवृत्ती के बाद जैन इंरिगेशन सिस्टाम्सा लिमिटेड, एग्री बायोटेक डिवीजन, जलगांव मे एक प्रमूख सलाहकार के रुप मे कार्य किया है | उन्होंने अपने कार्यकाल दौरान क्लोरोप्लास्टा झिल्लियों मे इलेक्ट्रॉन वरिवहन और ऊर्जा के पर काम किया है | साने ने रोडरिक पार्क के साथ जुडकर, डिटर्जेंट के उपयोग के बिना PS-1 और PS-II के अलगाव के लिए नई विधि विकसीत करणे का कार्य कियाहै | साने ने BARC मे रहते हुए एक टीम का नेतृत्वा किया था | जिसने उत्सार्जित प्रकाश के उत्पादन मे चार्ज जोडे कि भागीदारी कि खोज करणे का कार्य किया है | साने ने तम्बाकू ट्रांसजेनिक पौधो और शबर्रर पर भी अग्रणी अध्यायन किया है | वह एक पूर्व राष्ट्रपति और इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ एनवायरनमेंटल बोटनिस्टा आयएसईबी के एक सलाहकार, लखनऊ स्थित गेर लाभकारी गैर सरकारी संगठन है | जो पौंधेा और पर्यावरण प्रदूषण पर समन्वित अनूसंधान को बढावा देणे का कार्य करते है | उपलब्धि : 1) साने को सन 1981 मे शांति स्वरुप भटनागर पूरस्कार से सम्मानित किया गया है | 2) सन 1987 मे साने को राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी और भारतीय विज्ञान अकादमी ने एक साथी के रुप मे चुना था | 3) सन 1991 मे उन्हें भारत जयोति बेस्टा साइंटिस्ट ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मनित किया है | 4) 1991 मे उन्हें राष्ट्री कृषी विज्ञान अकादमी से फैलोशिप भी प्राप्त हुई है | 5) 1994 मे उन्होंने इंडियन बौटेनिकल सोसायटी से बीरबल साहनी पदक भी प्राप्त किया है | ग्रंथ/पुस्तके : साने ने अपने शोधो के निष्कर्षो को कई पुस्ताके मे और 160 से अधिक लेखो मे अध्यायों के रुप मे प्रकाशित किया है | 1) 2003 मे प्रकाशित : लेग्यूम्स ऑफ साउथ एशिया ए चेक लिस्टा| 2) 2008 मे प्रकाशित्- फोटोसिस्टाम प्रतिक्रिया केंद्र शमन तंत्र और शारीरीक भूमिका| 3) 1971- क्लोरोप्लास्टा लैमेला मे कार्य और संरचना का वितरण| ( 12 ) 0 Votes have rated this Naukri. Average Rating is 0