आर. सोवाधमिनी की जीवनी - Biography of R. Sowadhamini in hindi jivani Published By : Jivani.org नाम : आर. सौधामिनी जनम तिथी : 24 मई 1964 ठिकाण : तामिलनाडू, भारत व्यावसाय : कम्प्यूटेशनल जीवविज्ञानी, जैव सूचनाविज्ञानी, प्रोफेसर प्रारंभिक जीवनी : रामनाथन सौधामिनी एक भारतीय कम्प्यूटेशनल जीवविज्ञानी जैव सूचनाविज्ञानी है | वह बायोकैमिस्ट्री बायोफिजिक्सा और जैव प्रौघोगिकी विभाग के जैव सूचना विज्ञान विभाग मे एक प्रोफेसर भी है | रामनाथन सोवाधामिनी का जनम भारत मे तामिलनाडू भारत मे 24 मई 1964 को हुआ था | उन्होंने भारतीय प्रौघोगिकी संस्थान, मद्रास से बुनियादी रसायन विज्ञान मे स्त्रातकोत्तर कि उपाधि प्राप्त कि है | उसके बाद उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान से पीएचडी कि उपाधि प्राप्त कि है | सेवाधामिनी ने पोस्ट डॉक्टरेल के लिए लंदन विश्वाविघ्यालय और कैम्ब्रिज विश्वाविघ्यालय मे काम किया है | सैधामनि ने प्रोटीन विज्ञान के कम्प्यूटेशनल अध्यायन के साथ साथ जीनोम अनूक्रमण के क्षेत्र शोध किए है | कार्य : सौधामिनी ने नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज एनसीबीएस बेंगलुरु मे एक शोध सुविधा मे शामिल है | जहॉ वे बायोकेमिस्ट्री बायोफिजिक्सा और बायोइन फॉरमैटिक्सा विभाग मे प्रोफेसर के रुप मे भी कार्यरीत है | इतना ही नही बल्की सौधामिनी जैव प्रौधोनिकी विभाग के सेंटर फॉर कार्डियोवास्कूलर बायोलॉजी एंड डिजीज फॉर स्टेम सेल बायेालॉजी एंड रिजनरेटिव मेडिसिन मे एक सहयोगी के रुप मे भी काम करती है | सौधामिनी ने कई प्रोटीन परिवारों और सूपरफैमिली के जीनोम सर्वेक्षण किए है | उनकी टीम आमतौर पर तुलसी के रुप मे जानी जाती है | उनके समूहव्दारा वह औषधीय गुणो वाले पौधे के ड्राफट जीननोम को तैयार करने मे सफल रही है | सैाधामिनी ने सैनफौर्ड विश्वाविघ्यालय के जेम्स स्पूडिलच और डेनमार्क के तकनीकि विश्वाविघ्यालय के हेनरिक और डेनमार्क के तकनिकि विश्वाविघ्यालय के हेनरिक फलावजर्ज के साथ प्रोटीन मे कॉइल कॉइल इंटरैक्शन दो संस्थानो कि एक साहयोगी परियोजना नेतूत्वा किया है | उनहेांने नेशनल सेंटर फॉर बायेालॉजिकल साइंसेज के अध्यायन के लिए इस परियोजना का नेतूत्वा किया है | उपलब्धि : पूरस्कार और सम्मान : 1) आर सौधामिनी को भारत सरकारव्दारा सन 2007 मे एन बीआयओएस राष्ट्रीय जैव विज्ञान पूरस्कार से सम्मानित किया है | 2) सन 2010 मे उनहे भारतीय विज्ञान अकादमी व्दारा एक साथी के रुप मे चुना गया था | 3) सन 2010 मे सौधामिनी केा हयूमन फांटियर साइंस प्रोगाम अवार्ड मिला है | 4) सन 2011 मे वह भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी कि साथी चुनी गई थी | ग्रंथ/पुस्तक : सौधामिनी और उनके सहसाथीव्दारा 1) 13 सितंबर 2011 मे प्रकाशित- मल्टी डोमेन प्रोटीन टायरोसीन प्फॉस्फेटेस मे उत्प्रेरक गतिविधि का मॉडयूलेशन| 2) 26 सितंबर 2011 : विकासवादी निशान मायोसिन एक्सआय कि ते गति के पीदे आझाविक तंत्रको डिकोड करते है | 3) 4 नवंबर 2010 द केनोरॉर्बडाइटिस किसीन 3मोटर यूएनसी 104/केआईएफ 1 ए कार्गो के लिए विशिष्ट बंधन के नूकसान पर आधारित है | ( 12 ) 0 Votes have rated this Naukri. Average Rating is 0