राहुल द्रविड़ जीवनी - Biography of Rahul Dravid in Hindi Jivani Published By : Jivani.org राहुल शरद द्रविड़ भारतीय राष्ट्रीय टीम के सबसे अनुभवी क्रिकेटरों में से एक हैं, 1996 से वे इसके नियमित सदस्य रहें हैं।अक्टूबर 2005 में वे भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान के रूप में नियुक्त किये गए और सितम्बर 2007 में उन्होंने अपने इस पद से इस्तीफा दे दिया| १६ साल तक भारत का प्रतिनिधित्व करते रहने के बाद उन्होंने वर्ष २०१२ के मार्च में अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय क्रिकेट के सभी फॉर्मैट से सन्यास ले लिया द्रविड़ को वर्ष 2000 में पांच विसडेन क्रिकेटरों में से एक के रूप में सम्मानित किया गया। द्रविड़ को 2004 के उद्घाटन पुरस्कार समारोह में इस वर्ष के आईसीसी प्लेयर और वर्ष के टेस्ट प्लेयर के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लम्बे समय तक बल्लेबाजी करने की उनकी क्षमता के कारण उन्हें दीवार के रूप में जाना जाता है, द्रविड़ ने क्रिकेट की दुनिया में बहुत से रिकॉर्ड बनाये हैं। द्रविड़ बहुत शांत व्यक्ति है। "दीवार" के रूप में लोकप्रिय द्रविड़ पिच पर लम्बे समय तक टिके रहने के लिए जाने जाते हैं। सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर के बाद वे तीसरे ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में दस हज़ार से अधिक रन बनाये हैं, 14 फ़रवरी 2007 को, वे दुनिया के क्रिकेट इतिहास में छठे और भारत में सचिन तेंडुलकर और सौरव गांगुली के बाद तीसरे खिलाड़ी बन गए जब उन्होंने एक दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट में दस हज़ार रन का स्कोर बनाया. राहुल द्रविड़ ऐसे खिलाड़ी हैं जिनके खेल में स्थिरता है, एकाग्रता है और कुशलता है । जब टीम को खिलाड़ी के क्रीज पर टिकने की आवश्यकता हो तो द्रविड़ जम जाते हैं । उन्होंने टीम को बहुत बार कठिन परिस्थितियों से उबारा है । राहुल की योग्यता केवल बल्लेबाजी तक सीमित नहीं है । वह दाहिने हाथ के ऑफ-ब्रेक गेंदबाज भी हैं । वह बहुत अच्छे विकेट-कीपर भी रहे हैं । वह विपरीत परिस्थितियों में भी शान्त आचरण रखते हैं । इसी कारण उन्हें ‘मिस्टर रिलायबल’ भी कहा जाता है । उनका टैस्ट मैच औसत 50 का है । तकनीकी तौर पर राहुल द्रविड़ की बल्लेबाजी अत्यन्त शानदार होती है, जो समय के साथ-साथ बेहतर होती रही है राहुल द्रविड़ को भारत सरकार द्वारा ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है । 2000 में उन्हें विज्डन द्वारा ‘क्रिकेटर ऑफ द ईयर’ चुना गया । वह यह सम्मान पाने वाले 12वें भारतीय हैं । यह सम्मान उन्हें 1999 में इंग्लैंड में विश्व कप में किए श्रेष्ठ प्रदर्शन के कारण दिया गया। राहुल भारतीय टीम के लिए अति विशिष्ट खिलाड़ी हैं जिन्हें खेलते देखना दर्शक पसंद करते हैं । उनका विवाह नागपुर की डॉक्टर विजेता पेंढारकर से हुआ है | खेल में पैसा हो या पैसों का खेल हो? सवाल बहुत उलझ जाता है जब आप यह भूल जाते हैं कि खेल आनंद उठाने की आदमी की वह स्वाभाविक प्रवृत्ति है, जिसका कोई मोल नहीं. अनमोल है वह. आज हम जिसका मोल लगाते हैं, वह खेल नहीं, खेल से बनाया गया वह बाजार है, जो हर चीज की कीमत तो लगाता है, पर मूल्य किसी का भी नहीं जानता. इसलिए टूर द फ्रांस का आर्मस्ट्रांग इतनी जीतों के बाद बताता है कि उसका सारा कमाल उत्तेजक दवाओं के बल पर था. टाइगर वुड्स के पतन की जड़ भी राहुल द्रविड़ की बातों में खोजी जा सकती है. अभी फॉर्मूला वन के मालिक एक्लेस्टॉन को 4.4 करोड़ डॉलर की घूस खिलाने के आरोप में पकड़ा गया है. टेनिस की दुनिया की कितनी ही कहानियां हमने सुनी हैं. आईपीएल के साथ क्रिकेट के मैदान में कितने ऐसे लोग उतर आए हैं, जिनका खेल से नहीं, बल्कि उससे होने वाली कमाई से रिश्ता होता है. इस तरह खेल अपनी आत्मा खोते जाते हैं और अंतत: ड्रग्स, फिक्सिंग, बेईमानी, सेक्स और नशे की अंधेरी दुनिया में खो जाते हैं. खेलों के व्यापार का यह भयावह चेहरा है, जिसकी तरफ राहुल द्रविड़ ने हमारा ध्यान खींचा है. हम राहुल के चेहरे में अपना चेहरा खोजें, तो शायद आदमी बनने के करीब पहुंच सकेंगे. 2003 के वर्ल्ड कप में भारत को फाइनल तक पहुंचाने में द्रविड़ की खास भूमिका रही. उन्होंने मध्यक्रम को बांध कर रखा और शानदार विकेटकीपिंग भी की. वर्ल्ड कप के बाद टीम में क्रांतिकारी बदलाव हुए. सौरव गांगुली से कप्तानी छीन ली गई और द्रविड़ को कप्तान बनाया गया. 2005 से 2007 तक उन्होंने भारत का नेतृत्व किया. इस दौरान भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैच जीतकर सबको दंग किया. लेकिन 2007 वर्ल्ड कप में टीम के खराब प्रदर्शन ने द्रविड़ से कप्तानी छीन ली. कप्तानी छिनते के साल भर के भीतर वह वनडे टीम से बाहर हो गए. वनडे में होती अंधाधुंध बल्लेबाजी में द्रविड़ का क्लासिकल खेल ढक सा गया. 'चाहे कैसा ही शॉट मारो, लेकिन रन बनाओ' वाले खेल में राहुल पिछड़ गए. वह टेस्ट क्रिकेटर बना दिए गए लेकिन वहां भी द्रविड़ ने फिर साबित किया कि टेस्ट क्रिकेट में उनसे बेहतरीन कोई बल्लेबाज नहीं हुआ है. वह दीवार बने रहे, फर्क इतना रहा कि दीवार को टेस्ट क्रिकेट के सफेद रंग से रंग दिया गया. कीर्तिमान : 1. द्रविड तीसरे भारतीय (दुनिया में छठे) हैं जिन्होंने 10,000 से अधिक टेस्ट रन बनाये हैं। 2. उन्होंने सौरव गांगुली की कप्तानी में जीते गए 21 टेस्ट मैचों में भारत के द्वारा बनाये गए कुल रनों का 23 प्रतिशत स्कोर किया है (102.84 के बल्लेबाजी औसत के साथ) यह एक ही कप्तान की कप्तानी में जीते गए मैचों में टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में किसी भी बल्लेबाज के योगदान का उच्चतम प्रतिशत है, जहाँ कप्तान ने 20 से अधिक टेस्ट जीते हैं। 3. वे एकमात्र खिलाड़ी हैं जिसने देश से बाहर टेस्ट खेलने वाले प्रत्येक राष्ट्र के ख़िलाफ़ शतक बनाया है। 4. वे देश से बाहर भारत के लिए किसी भी विकेट के लिए सर्वोच्च साझेदारी में शामिल रहे हैं, ये साझेदारी 2006 में लाहौर में पकिस्तान के ख़िलाफ़ वीरेंद्र सहवाग के साथ बनाये गए, इस साझेदारी में 410 रन बनाये गए। 5. द्रविड उन तीन बल्लेबाजों में से एक हैं जिन्होंने चार लगातार परियों में टेस्ट शतक लगाये। 6. लगातार 7 टेस्ट मैचों में द्रविड ने 50 या अधिक रन बनाये, इस दृष्टि से भारतीय बल्लेबाजों में वे केवल सचिन तेंडुलकर (8) से पीछे हैं। 7. उन्होंने 94 टेस्टों की 150 परियाँ 3 नंबर पर खेली हैं। उन्होंने इस स्थिति में 8000 से अधिक रन बनाए हैं। ये दोनों तथ्य विश्व रिकॉर्ड के रूप में दर्ज हैं। ( 13 ) 12 Votes have rated this Naukri. Average Rating is 3