भुवनेश्वर कुमार जीवनी - Biography of Bhuvneshwar Kumar in Hindi Jivani Published By : Jivani.org भुवनेश्वर कुमार (जन्म : ५ फ़रवरी १९९०) पूरा नाम भुवनेश्वर कुमार सिंह भारत के टेस्ट क्रिकेट, एक दिवसीय क्रिकेट और ट्वेंटी ट्वेंटी क्रिकेट तीनों फर्माट के खिलाड़ी हैं। भुवनेश्वर कुमार प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उत्तर प्रदेश के लिए खेलते हैं। इंडियन प्रीमियर लीग में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरू के लिए खेल चुके कुमार ने इस प्रतियोगिता के छठें संस्करण में पुणे वारियर्स इंडिया की टीम का प्रतिनिधित्व किया। भुवनेश्वर कुमार दाँयें हाथ की मध्यम तेज स्विंग गेंदबाज़ी करने के साथ ही मध्यक्रम में दाँयें हाथ से बल्लेबाजी भी करते हैं जो उन्हें एक हरफ़नमौला क्रिकेट खिलाड़ी बनाता है। भुवनेश्वर कुमार गेंद को विकेट के दोनों तरफ़ स्विंग करने में माहिर हैं जिसके कारण वो भारतीय क्रिकेट टीम के एक प्रमुख गेंदबाज़ हैं। उनके बिना भारतीय क्रिकेट टीम अधूरी लगती है। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में जन्मेंभुवनेश्वर कुमार का करौली के कैमरी गाँव से भी संबंध रहा है। वर्तमान में भुवनेश्वर कुमार नादौती में रहते हैं। भुवनेश्वर कुमार का जन्म 5 फरवरी 1990 को उत्तर प्रदेश पुलिस फोर्स के पुलिस सब-इंस्पेक्टर इन्द्रेश पाल सिंह और किरण पाल सिंह के घर मीरुत में हुआ। उनका पूरा नाम भुवनेश्वर कुमार सिंह है। उन्हें क्रिकेट प्लेयर बनाने में उनके पिता का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। क्रिकेट करियर – भुवनेश्वर कुमार ने 17 साल की उम्र में बंगाल के खिलाफ प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पर्दापण किया है। नॉर्थ-झोन के खिलाफ़ दुसरे सेमीफाइनल में भुवनेश्वर कुमार कुमार ने 3.03 के इकॉनमी रेट से 1 विकेट चटकाया और 312 गेंदों में 128 रन बनाए। मैच में अपने टीम के सर्वोच्च रन बनाने वाले बल्लेबाज बनने के साथ उन्होंने चार बल्लेबाजो के साथ साझेदारियाँ भी की। उस मैच के वे मैन ऑफ़ दी मैच भी बने। 2008/09 रणजी ट्रॉफी फाइनल में सचिन तेंडुलकर को जीरो पर आउट करने वाले वे पहले गेंदबाज बने। 2008/09 के रणजी सेशन में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद वे आईपीएल (IPL) में रॉयल चैलेंजर बैंगलोर की तरफ से खेलने लगे। 2011 में वे पुणे वारियर्स की तरफ से खेले। सन 2014 में पुणे वारियर्स से हटने के बाद वे सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से खेलने लगे। स्विंग के बाद नकल बॉल को बनाया अचूक हथियार Bhuvneshwar Kumar को मुख्य रूप से स्विंग गेंदबाजी का मास्टर माना जाता है। लेकिन हालिया दौरों में उन्होंने ‘नकल बॉल’ को अपने अचूक हथियार के रूप में शामिल किया है। खासकर वनडे और टवेंटी—20 जैसे छोटे प्रारूप के मैचों में यह उन्हें रन रोकने और विकेट दिलाने में खास मददगार साबित हो रही है। क्या है ‘नकल बॉल’ नकल बॉल, दरअसल बेसबॉल खेल की देन मानी जाती है। इस बॉल को फेंकने के लिए बॉल को अंगुलियों के अंतिम छोर पर पकड़ना होता है, ताकि फेंकते समय उस पर उंगलियों या कलाइयोें के घुमाव का न्यूनतम प्रभाव पड़े। इससे गेंद फेंकने के बाद हवा में नहीं घूमती और बिल्कुल सीधे विकेट की ओर जाती है। यह गेंद सामान्य गेदों की तुलना में धीमी भी होती है। इससे बल्लेबाज इसकी गति को लेकर चकमा खा जाता है और विकेट जाने के चांस बढ़ जाते हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट जीवन भुवनेश्वर कुमार ने अपना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट जीवन २०१२ में भारत-पाकिस्तान के ट्वेंटी ट्वेंटी सीरिज से शुरु किया था। आईपीएल इंडियन प्रीमियर लीग में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरू के लिए खेल चुके कुमार ने इस प्रतियोगिता के छठें संस्करण में पुणे वारियर्स इंडिया की टीम का प्रतिनिधित्व किया। फिर आईपीएल के अगले यानि ७वें संस्करण में नई टीम सनराइजर्स हैदराबाद में शामिल हुए और तभी से उसी टीम के लिए खेलते आ रहे हें। नूपुर नागर से किया विवाह Bhuvneshwar Kumar ने अपने बचपन की मित्र नूपुर नागर के साथ 24 नवंबर 2017 को विवाह रचाया। नूपुर भी मेरठ की रहने वाली हैं। वे पेशे से इंजीनियर हैं और नोएडा में जॉब करती हैं। मेरठ के गंगानगर में Bhuvneshwar Kumar के पड़ोस में ही नूपुर का घर था। बचपन की पहचान पहले दोस्ती में बदली और फिर दोनों ने जीवन भर साथ रहने का भी निश्चय कर लिया। नूपुर नागर की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई देहरादून में हुई। वहां उन्होंने छठी कक्षा तक पढ़ाई की थी। इसके बाद उनका परिवार मेरठ आ गया था। यहां मवाना रोड स्थित जेपी एकेडमी में 12 वीं तक पढाई की। इसके बाद नोएडा से बीटेक करके वहीं एक मल्टी नेशनल कंपनी में जॉब करने लगीं। रोचक जानकारियाँ o बचपन से उन्हें क्रिकेट में रूचि थी। 10 वर्ष की आयु में उन्होंने शौकिया तौर पर लीग टूर्नामेंट खेलना शुरू कर दिया, जिसे टेनिस की गेंदों के साथ खेला जाता था o 13 वर्ष की उम्र में, वह मेरठ के भामाशाह क्रिकेट अकादमी में शामिल हो गए। o यदि वह आज एक क्रिकेटर नहीं होते, तो वह आज एक सेना अधिकारी होते। o वह स्विंग गेंदबाज प्रवीण कुमार को अपने आदर्श के रूप में मानते हैं, क्योंकि उन्होँने प्रवीण कुमार से काफी कुछ सीखा है। o उन्हें अपनी घातक इनस्विंग और आउट स्विंग गेंदबाजी के कारण “द स्विंग किंग” का उपनाम दिया गया। o एक गेंदबाज होने के अलावा, वह एक अच्छे बल्लेबाज भी है। वर्ष 2012 में प्रथम श्रेणी के मैच के दौरान, उन्होंने नंबर 8 पर बल्लेबाजी की और 253 गेंदों पर 128 रन बनाए। o वह ऐसे गेंदबाजों में से एक है, जिन्होंने खेल के सभी 3 प्रारूपों में अपना पहला विकेट हासिल करने के लिए बल्लेबाज को बोल्ड आउट किया। उन्होंने टी 20 में “नासिर जमशेद”, एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (ओडीआई) में “मोहम्मद हफीज” और टेस्ट में “डेविड वार्नर” को बोल्ड आउट किया। o वह भारतीय टीम में इशांत शर्मा के सबसे अच्छे मित्र हैं। ( 13 ) 22 Votes have rated this Naukri. Average Rating is 3