रणवीर सिंह जीवनी - Biography of Ranveer Singh in Hindi Jivani Published By : Jivani.org रणवीर सिंह एक भारतीय अभिनेता है। मुबई में जन्मे सिंह हमेशा से ही अभिनेता बनना चाहते थे परन्तु कॉलेज के दिनों में उन्हें लगा की अभिनय का ख्याल काफ़ी दूर की बात है और उन्होंने लेखन की ओर लक्ष्य केंद्रित किया। इंडियाना युनिवर्सिटी, ब्लूमिंगटन से बैचलर ऑफ आर्ट्स की डिग्री करते वक्त सिंह पुनः अभिनय की ओर आकर्षित हुए और वापस भारत में आने के बाद उन्होंने मुख्य किरदारों के लिए हिन्दी फ़िल्म उद्योग में ऑडिशन देने शुरू किए। २०१० में सिंह ने यश राज फिल्म्स की नई फ़िल्म बैंड बाजा बारात के लिए ऑडिशन दिया और भूमिका प्राप्त करने में सफल रहे। यह रोमांस कॉमेडी शादियों के योजनाकारों पर आधारित थी और रणवीर को एक पारंपरिक दिल्ली के लड़के, बिट्टू, का किरदार निभाना था। फ़िल्म के निर्देशक मनीष शर्मा ने उन्हें दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैम्पस में भोजन अवकाश के दौरान भेजा जहा से उन्हें अपने किरदार के लिए प्रेरणा मिली। रिलीज़ के बाद बैंड बाजा बारात व्यपतिक और समीक्षा की दृष्टी से हिट फ़िल्म साबित हुई और रणवीर को अपनी भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ नए पुरुष अभिनेता के फ़िल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जन्म 6 जुलाई 1985 को एक सिन्धी परिवार में हुआ । उनके पिता का नाम जगजीत सिंह भावनानी और माता का नाम अंजू है । उनके दादा-दादी का नाम सुंदर सिंह भावनानी और चाँद बुर्के थे, जो विभाजन के बाद कराची, सिंध से मुंबई स्थानांतरित हुए थे। इनकी एक बड़ी बहन रितिका भावनानी भी है। रणवीर सिंह बचपन से ही एक्टर बनना चाहते थे, इसके लिये वे स्कूल में आयोजित बहुत से नाटको और बहुत सी वक्तृत्व स्पर्धाओ में भी हिस्सा लेते थे। फिर एच.आर. कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स, मुंबई में दाखिल होने के बाद रणवीर सिंह को अनुभव हुआ की फिल्मो में काम करना इतना भी आसान काम नही है, क्योकि उन्हें बहुत से लोगो ने यही बताया था की जिनका पारिवारिक इतिहास फिल्मो से जुड़ा हुआ होता है वही फिल्म क्षेत्र में आगे बढ़ सकते है। लेकिन जब रणवीर सिंह को इस बात का अनुभव हुआ की वे एक्टिंग नहीं कर पाएंगे तो उन्होंने प्रभावशाली लेखन पर ज्यादा ध्यान दिया। यूनाइटेड स्टेट की इंडिआना यूनिवर्सिटी से उन्होंने बैचलर ऑफ़ आर्ट्स की डिग्री हासिल की है। यूनिवर्सिटी में, उन्होंने एक्टिंग का प्रशिक्षण भी लिया था और किशोरावस्था में ही वे थिएटर में जाने लगे थे। पढाई पूरी करने के बाद 2007 में मुंबई वापिस आ गए। इसके बाद सिंह कुछ सालो तक ओ & एम और जे. वाल्टर थोपसन जैसी एजेंसी के लिये एडवरटाईजमेंट करने लगे थे। इसके बाद उन्होंने असिस्टेंट डायरेक्टर का काम किया था, लेकिन फिर एक्टिंग में कैरियर बनाने के लिये उन्होंने इस काम को भी छोड़ दिया था। इसके बाद वे एक्टिंग के लिये होने वाले सभी ऑडिशन में जाने लगे थे लेकिन उन सभी में उन्हें सफलता नही मिल सकी। ऑडिशन के बाद उन्हें फिल्मो में केवल छोटे-छोटे रोल ही मिलने लगे थे। फिल्मी कॅरियर : रणवीर सिंह का फिल्मी कॅरियर की सुरुआत निर्देशक मनीष शर्मा की फिल्म ‘ बैंड बाजा बारात ‘ से की, यह फिल्म रोमांस कॉमेडी शादियों के योजनाकारों पर आधारित थी और रणवीर को एक पारंपरिक दिल्ली के लड़के, बिट्टू, का किरदार निभाना था। जिसे उन्होने बखूबी निभाया, और फिल्म सूपर हिट कर गयी। और रणवीर सिंह को अपनी भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ नए पुरुष अभिनेता के फ़िल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके बाद उन्होने कई फ़िल्मो मे काम किया, 2015 मे रिलीज़ हुवी रणवीर सिंह की सूपर हिट फिल्म बाजी राव मस्तानी के लिए उन्हे बेस्ट एक्टर का फ़िल्मफेयर पुरस्कार से नवाज़ा गया। वैसे रणवीर सिंह फ़िल्मो के अलावा सामाजिक कामो मे भी आगे रहते है। रणवीर के अनुसार उनकी दादी अमिताभ बच्चन की बहुत बड़ी फैन थी और उन्होंने उन्हें हमेशा उनके जैसे बनने की प्रेरणा दी थी इसलिए अगर आज मैं हीरो हूँ तो तमाम उन छोटी बड़ी बातों के साथ दादी की बातों से भी मैंने प्रेरणा ली है उन्होंने हमेशा मुझे प्रेरणा दी है। रणवीर सिंह उन गिने चुने लोगो में से भी है जो सेलेब्रिटी होने के बाद भी अपने विचारो और सामाजिक विषयों पर अपनी बेबाक राय रखने के लिए जाने जाते है रणवीर सिंह से जब उनके सेक्स लाइफ के बारे मे पूछा गया तो उन्होंने अपने विचार काफी सहज तौर पर इस तरह रखे “ कि वो अपनी सेक्स लाइफ को बेहद अलग तरह से लेते है और वह काफी एक्टिव है क्योंकि मैं सेक्स के बिना नहीं रह सकता हूँ।” अवार्ड और नामनिर्देशन – सिंह को अब तक 2 फिल्मफेयर अवार्ड मिल चुके है, जिनमे बैंड बाजा बारात (2010) के लिये बेस्ट मेल डेब्यू अवार्ड और प्रियंका चोपड़ा और दिपिका पादुकोण के साथ आयी फ़िल्म बाजीराव मस्तानी (2016) के लिये बेस्ट एक्टर का अवार्ड मिला था। इसके साथ-साथ 2013 में आयी फिल्म गोलियों की रासलीला राम-लीला के लिये उनका नामनिर्देशन बेस्ट एक्टर की सूचि में भी किया गया था। तो यह है फिल्मो के बाजीराव की असल कहानी जो बॉलीवुड में उनके संघर्ष को बयाँ करती है। और बताती है की अगर इंसान के अंदर कुछ कर गुजरने की इच्छा हो तो जाहिर तौर पर हर इंसान अपने सपनो की पूरा करने की काबिलियत रखता है। हम सभी रणवीर सिंह के इस हौसले को सलाम करते है। ( 2 ) 2 Votes have rated this Naukri. Average Rating is 3