अनिल कुंबले जीवनी - Biography of Anil Kumble in Hindi Jivani Published By : Jivani.org अनिल कुंबले भारत के क्रिकेट खिलाड़ी हैं। यह जिम लेकर के बाद विश्व के पहले ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होने टेस्ट क्रिकेट में एक पारी में 10 विकेट लिए हैं। अनिल कर्नाटक प्रदेश के बंगलोर नगर के निवासी हैं। इनके सम्मान में इस नगर के एक सबसे मुख्य चौराहे को अनिल कुंबले चौराहा का नाम दिया गया है। अनिल कुंबले का जन्म १७ अक्टूबर १९७० को कर्नाटक के बंगलुरु में कृष्णा स्वामी और सरोजा के यहाँ हुआ। उनका सरनेम ‘कुंबले’ उनके परिवार वालों ने कुंबला नाम के उनके पैतृक गांव के नाम पर रखा। उनकी लम्बाई के कारण वो जंबो नाम से भी प्रसिद्ध हैं। अपनी नेशनल कॉलेज बसावनागुडी से शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात 1992 में राष्ट्रीय विद्यालय कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली अनिल कुंबले के 10 विकेट लेने पर भारत ने पाकिस्तान से न केवल 2 मैच की श्रृंखला जीती वरन् अनिल कुंबले को ‘मैन ऑफ द मैच’ भी दिलाया । इसी उपलब्धि के कारण अनिल क्रिकेट के ‘हॉल ऑफ फेम’ में अपना नाम दर्ज करवा सके । 10 विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाने वाले पहले खिलाड़ी जिम लेकर ने अपना रिकार्ड 31 जुलाई 1956 को अर्थात उससे 43 वर्ष पूर्व बनाया था । अनिल कुंबले शुरू के क्रिकेट मैचों में बल्लेबाज के रूप में खेले थे । अत: उनकी छवि बल्लेबाज की ही बनने लगी थी । 1990 में हुए मैच में पाकिस्तान के विरुद्ध खेलते हुए उन्होंने दिल्ली में 113 रन बनाए । उसी वर्ष उन्होंने अपने टेस्ट जीवन की शुरुआत की जिसमें उन्होंने मानचेस्टर के ओल्ड ट्राफर्ड में ग्राहम गूच की इंग्लिश टीम के विरुद्ध खेलते हुए अपने प्रथम मैच में तीन विकेट लिए । इसके पश्चात् टैस्ट मैच में खेलने के लिए कुंबले को सवा वर्ष तक इंतजार करना पड़ा | फिर उन्होंने 1992-93 में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध टैस्ट मैच खेला । इस बार के दक्षिण अफ्रीका तथा जिम्बाब्बे के दो देशों के टूर में अनिल कुंबले सफल खिलाड़ियों में से एक थे । उसके पश्चात् भारतीय क्रिकेट टीम में उनका महत्वपूर्ण स्थान रहा है । कुंबले अपने आदर्श चन्द्रशेखर की भाँति ही खेलों में सफल रहे हैं । उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अच्छी पहचान बनाई । कुंबले पारंपरिक स्टाइल से हट कर स्पिनर हैं जो कभी गुगली गेंद फेंकते हैं और कभी मीडियम पेस फास्ट गेंद फेंकते हैं । वह गेंद को अधिक घुमाते नहीं हैं जो उनका अपना अलग अंदाज है । कैरियर घरेलू कैरियर कर्नाटक की तरफ से कुंबले ने अपना फस्ट क्लास डेब्यू हैदराबाद के खिलाफ 1989 में किया जिसमें उन्होंने चार विकेट लिए। उनके बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ अंडर 19 टीम में चुन लिया गया। अंतर्राष्ट्रीय कैरियर कुंबले ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में श्रीलंका के खिलाफ वनडे में अप्रैल 1990 में पदार्पण किया. इसी वर्ष इंग्लैड के खिलाफ पहला टेस्ट मैच खेला। अनिल कुंबले ने 132 टेस्ट मैच की 236 पारियों में 619 विकेट लेकर टीम इंडिया के सबसे सफल गेंदबाज बने हुए हैं। 271 एकदिवसीय मैच की 265 पारियों में 337 विकेट लेने का गौरव भी उनके नाम है।कुंबले ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में श्रीलंका के खिलाफ वनडे में अप्रैल 1990 में पदार्पण किया। इसी वर्ष इंग्लैड के खिलाफ पहला टेस्ट मैच खेला। अनिल कुंबले नवंबर 2007 से भारतीय क्रिकेट टीम के १ वर्ष तक कप्तान भी रहे कीर्तिमान कुंबले ने 1998 में जिम्बाब्वे के विरुद्ध खेलते हुए अपने 200 विकेट पूरे किए। वह अन्तरराष्ट्रीय मैच में इतने विकेट लेने वाले प्रथम स्पिनर व द्वितीय भारतीय गेंदबाज थे। इसके पूर्व कपिलदेव ने इतने विकेट लिए थे। वह 100 टेस्ट विकेट लेने वाले खिलाड़ी भी कम समय में ही बन गए थे। उन्होंने 21 टेस्ट मैच में 100 विकेट ले लिए थे। उनका यह रिकार्ड 1995 में बना था। वह पांच वर्ष में 100 विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज थे। उन्होंने अपना प्रथम एक दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय मैच 25 अप्रैल, 1990 को शारजाह में खेला था जो श्रीलंका के विरुद्ध खेला गया था। 1994 में उन्होंने न्यूजीलैंड के विरुद्ध 10 ओवर में 33 रन पर 5 विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया। 'विल्स वर्ल्ड कप' में वह अत्यन्त सफल गेंदबाज रहे। अनिल कुंबले ने 'रणजी ट्रॉफी' में कर्नाटक टीम की कप्तानी की। 'ईरानी कप' में उन्होंने 13 विकेट लिए। 1997 में भारत के दक्षिण अफ्रीका दौरे में खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें खेल से आराम दे दिया गया। फिर उन्हें श्रीलंका के विरुद्ध खेलने के लिए पुन: टीम में शामिल किया गया। अनिल ने 1999 के ‘विश्व कप’ में भी भारतीय टीम में भाग लिया था। क्रिकेट से संन्यास अनिल कुंबले ने मार्च, 2007 में अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। क्रिकेट से विदाई के वक़्त उन्होंने कहा- “क्रिकेट महज खेल है। जब आप खेलते हैं और जीत या हार जाते हैं, तब यह खेल से कहीं बड़ा लगता है। लेकिन जब आप घर वापस जाते हैं, अपने परिवार और बच्चों को देखते हैं, तब लगता है कि नहीं, यह सिर्फ खेल ही है, उससे ज़्यादा नहीं।” पुरस्कार वह उन गिने-चुने भारतीय खिलाड़ियों में से हैं जिन्होंने 21 टेस्ट खेलने के कम समय में 100 विकेट लिए ।कुंबले प्रथम स्पिनर तथा द्वितीय भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने 1998 में 200 विकेट लेने का आंकड़ा पार किया ।1999 में पाकिस्तान के विरुद्ध दिल्ली में खेलते हुए अनिल कुंबले ने 26.3 ओवर में 74 रन देकर 10 विकेट लेने का करिश्मा कर दिखाया । वह ऐसा करने वाले विश्व के दूसरे खिलाड़ी थे । 1965 में उन्हें ‘अर्जुन पुरस्कार’ दिया गया । कुंबले ने मार्च 2007 तक कुल 113 टैस्ट मैच खेले, जिनमें कुल 547 विकेट लिए । एक दिवसीय मैचों से सन्यास लेने तक उन्होंने कुल 271 वन डे मैच खेले जिसमें उन्होने 337 विकेट लिए । ( 13 ) 1 Votes have rated this Naukri. Average Rating is 2