जया बच्चन जीवनी - Biography ofJaya Bachchan in Hindi Jivani Published By : Jivani.org जया बच्चन का जन्म 10 अप्रैल 1948 को हुआ था। जया बच्चन ने बॉलीवुड के मशहूर मेगास्टार अभिताभ बच्चन के साथ शादी की है और वह श्वेता नंदा और बॉलीवुड अभिनेता अभिषेक बच्चन की माँ हैं। जया बच्चन पश्चिम बंगाल के निवासी और बंगाली लेखक तरुण भादुरी की बेटी हैं। वर्ष 2004 में जया बच्चन को राज्य सभा के सदस्य के रूप में चुना गया था। लेकिन मार्च 2006 में जया बच्चन को यह पद छोडना पड़ा था, क्योंकि भारत के राष्ट्रपति ने निर्देश दिया था कि राज्यसभा सदस्य के रूप में उनका दर्जा उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष के रूप में उनकी वर्तमान स्थिति के विरोधाभाषी है। जया बच्चन ने वर्ष 1963 में सत्यजीत रे की बंगाली फिल्म ‘महानगर’ के साथ अपना फिल्मी कैरियर की शुरूआत की थी। उस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर काफी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था, लेकिन जया बच्चन ने अपने अभिनय की कुशलता को सभी के सामने साबित कर दिया था। बॉलीवुड में जया बच्चन की पहली फिल्म ऋषिकेश मुखर्जी द्वारा निर्देशित ‘गुड्डी’ थी। इसके बाद जया बच्चन ने अन्य फिल्मों जैसे, उपहार, जवानी दीवानी, अनामिका और बावर्ची जैसी फिल्मों में अभिनय किया। जया बच्चन ने वर्ष 1973 में फिल्म जंजीर, वर्ष 1973 में अभिमान, वर्ष1975 में चुपके चुपके और वर्ष 1975 में शोले जैसी हिट फिल्मों में अपने पति के साथ काम किया है। जया बच्चन ने अपनी शादी के बाद फिल्मों से ब्रेक ले लिया था। 18 साल बाद जब जया बच्चन ने फिल्म हजार चौरासी की माँ (वर्ष 1998) के साथ फिल्मी जगत में वापसी की है, तब से जया ने फिल्मों में सिर्फ माँ की भूमिका निभाई है। अभिनय का प्रारम्भ 15 साल की उम्र में जया भादुड़ी को सबसे पहले बंगला के महान् फ़िल्मकार सत्यजित रे ने अपनी फ़िल्म ‘महानगर’ में लिया था। इसके पहले वे 'भारतीय फ़िल्म एंड टेलीविजन फ़िल्म इंस्टीट्यूट' की डिप्लोमा फ़िल्म ‘सुमन’ में कैमरे का सामना कर चुकी थीं। ‘सुमन’ फ़िल्म के डायरेक्टर उनके सहपाठी मदन बावरिया थे। जया बंबइया निर्माता-निर्देशकों को भा गईं। ऋषिकेश मुखर्जी ने ‘सुमन’ फ़िल्म में जया को देखा, तो अपनी फ़िल्म ‘गुड्डी’ में स्कूल-गर्ल के रूप में चुन लिया। जया इंस्टीट्यूट में पढ़ रही थीं कि बासु चटर्जी अपनी फ़िल्म में काम करने के लिए उनसे बात करने आए थे। चटर्जी से जया ने कहा था कि कोर्स पूरा करने से पहले कोई भी छात्र फ़िल्म में काम नहीं कर सकता, ऐसा नियम है। तब चटर्जी ने जया से कहा था कि उनके जैसी कलाकार के लिए इंस्टीट्यूट की पढ़ाई का कोई महत्व नहीं है। छोड़ दो कोर्स। लेकिन जया ने ऐसा नहीं किया था। बासु चटर्जी ने भी उनकी प्रतीक्षा नहीं की थी। जया बच्चन को 'भारतीय फ़िल्म एंड टेलीविजन फ़िल्म इंस्टीट्यूट' से गोल्ड मेडल मिला सशक्त अभिनेत्री जया ने भी तय कर लिया था कि वे हिन्दी फ़िल्म की हिरोइन की इमेज को बदल देंगी। अब तक फ़िल्मों में हिरोइन को हीरो के आसपास नाचते-गाते, रोमांस करते ही दिखाया जाता रहा था। हिरोइन भी बुद्धिमान हो सकती है। वह अपने फैसले खुद कर सकती है। ज़रूरत पड़ने पर माता-पिता या ससुराल वालों से तर्क-वितर्क कर सकती है, ऐसा कभी दिखाया नहीं गया था। वह महज शो-पीस या फिर घर की चाहरदीवारी में 'मैं चुप रहूँगी' अंदाज में आँसू बहाने वाली अबला जैसी दिखाई जाती थी। जया ने अत्यंत कुशलता के साथ अपनी इमेज बनाई और 'पिया का घर', 'अनामिका', 'परिचय', 'कोरा काग़ज', 'अभिमान', 'मिली', 'कोशिश' जैसी कई उम्दा फ़िल्में कीं। विवाद अंग्रेजी भाषा के इस्तेमाल पर उनकी विवादास्पद टिप्पणी - "हम यूपी के लोग हैं, इसलिए हिंदी में बात करेंगे, महाराष्ट्र के लोग हमें माफ कीजिए"। प्रमुख फिल्में हेरा फेरी 3,की और का ,द्रोणा, लागा चुनरी में दाग,कल हो ना हो, देश, कोई मेरे दिल से पूछे, कभी खुशी कभी ग़म, डॉटर्स ऑफ दिस सेंचुरी, फ़िज़ा , हज़ार चौरासी की माँ , अक्का, सिलसिला , नौकर , मिली , शोले , चुपके चुपके, नया दिन नई रात , दूसरी सीता, कोरा कागज़, ज़ंजीर, अनामिका, अभिमान, फागुन, अन्नदाता, अन्नदाता, कोशिश, पिया का घर, एक नज़र, बावर्ची, बंसी बिरजू, शोर, समाधि, गुड्डी, उपहार, महानगर पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार o 1980 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार - नौकर o 1975 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार - कोरा कागज़ o 1974 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार - अभिमान o 2004 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार - कल हो ना हो o 2002 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार - कभी खुशी कभी ग़म o 2001 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार - फ़िज़ा o 2007 - फ़िल्मफ़ेयर जीवनकाल उपलब्धि पुरस्कार अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फ़िल्म अकादमी पुरस्कार (आई आई एफ ए) o 2001 - आई आई एफ ए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार - फ़िज़ा o 2002 - आई आई एफ ए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार - कभी खुशी कभी ग़म o 2004 - आई आई एफ ए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार - कल हो ना हो रोचक जानकारियाँ o जया बच्चन को पद्म श्री, भारत के चौथे उच्चतम नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। o फिल्मजगत में जया बच्चन ही एक मात्र ऐसी अभिनेत्री हैं, जिन्होंने एफटीआईआई, पुणे से स्वर्ण पदक जीता है। o शाहरुख ने ऐश और सलमान के संबंध पर एक टिप्पणी की थी, जिससे जया बच्चन को बहुत बुरा लगा और उन्होंने खुलेआम शाहरुख़ खान को थप्पड़ मार दिया। o जय बच्चन ने एक साक्षात्कार के दौरान स्वीकार किया कि वह बॉलीवुड अभिनेत्री रेखा और अपने पति अमिताभ के साथ प्रेम संबंधों को पहले से ही जानती थीं। o संसद में निर्भया बलात्कार मामले (2012) पर भाषण देते हुए, उनकी आँखे नम हो गई थी। o वह हैंडबैग ले जाने से नफरत करती है, इसलिए उनके सभी कपड़ों में दो जेब होती है, जैसे कि चाबियाँ, कंघी इत्यादि के लिए। ( 2 ) 0 Votes have rated this Naukri. 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