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Biography :


विजेन्द्र सिंह जीवनी - Biography of Vijender Singh in Hindi Jivani

Published By : Jivani.org
     

 

विजेंदर सिंह बेनीवाल साधारणतः विजेंदर सिंह / Vijender Singh के नाम से जाने जाते है, वे हरियाणा के भिवनी जिले के कलुवास के एक भारतीय प्रोफेशनल बॉक्सर और पूर्व शौकिया बॉक्सर भी है। अपने गाँव से ही उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की और फिर भिवनी के स्थानिक महाविद्यालय से ही उन्होंने बैचलर की डिग्री हासिल की।

विजेन्द्र सिंह का जन्म 29 अक्टूबर, 1985 को कलुवास गाँव (भिवानी ज़िला), हरियाणा में हुआ था। विजेन्द्र सिंह ने मुक्केबाज़ी की शुरुआत बचपन में भिवानी बॉक्सिंग क्लब से कोच जगदीश सिंह की देख-रेख में की। विजेन्द्र सिंह, भारतीय ओलम्पिक के इतिहास में मुक्केबाज़ी की स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने वाले प्रथम भारतीय मुक्केबाज़ हैं।

करियर

२० अगस्त के दिन कार्लोस गोंगोरा के विरुद्ध कांस्य पदक के लिए प्रदर्शन करते हुए विजेंदर ने बड़ी ही सधी शुरुआत करते हुए ईक्वाडोर के मुक्केबाज़ कार्लोस गोंगोरा को 9-4 से हरा दिया। पहले राउंड में विजेंदर ने सधी हुई मुक्केबाज़ी करते हुए दो अंक जुटाए। दूसरे चक्र में भी वो रुक रुक कर मुक्के लगाते रहे और चार अंक जुटा लिए। तीसरे राउंड में गोंगोरा काफी थके हुए दिखे जिसका फ़ायदा विजेंदर ने उठाया और गोंगोरा को हराने में सफलता प्राप्त की। गोंगोरा को मामूली मुक्केबाज़ नहीं हैं, वे चार बार यूरोपीय चैंपियन रहे हैं।

लेकिन सेमीफाइनल में वह उजबेकिस्तान के अब्बोस अतोयेफ के हाथों 3-7 से पराजित हो गए। मिडल वेट सेमीफाइनल मुकाबले में हार कर भी विजेंदर ने भारत के लिए इतिहास रच दिया है। पहले राउंड में विजेंदर 1-0 से आगे थे लेकिन पूर्व लाइट हेवीवेट विश्व चैपियन अतोयेफ ने शानदार वापसी करते हुए अगले चक्र में पांच अंक जीते, दूसरे चक्र की समाप्ति पर स्कोर हो गया 5-1 तीसरे और आखिरी चक्र में दोनों मुक्केबाज 2-2 से बराबर रहे लेकिन तीसरे चक्र की टक्कर विजेंदर को मैच जीताने में कामयाब साबित नहीं हुई।

ड्रग विवाद –

6 मार्च 2012 को चंडीगढ़ के पास के NRI रेसीडेंस में पड़ी रेड (Raid) के दौरान पंजाब पुलिस ने 26 किलोग्राम हेरोइन और दुसरे ड्रग जप्त किए, जिसकी कीमत तक़रीबन 1.3 बिलियन (US$ 19 मिलियन) थी। वहाँ से उन्होंने एक कार भी जप्त की जो विजेंदर की पत्नी के नाम से रजिस्टर थी, यह कार उन्हें ड्रग डीलर अनूप सिंह के घर के बाहर खड़ी मिली। बाद में मार्च महीने में पंजाब पुलिस का स्टेटमेंट आया, “छानबीन के अनुसार विजेंदर सिंह ने 12 बार ड्रग्स का सेवन और राम सिंह ने तक़रीबन 5 बार ड्रग्स का सेवन किया है।“ लेकिन सिंह ने इसे बिल्कुल गलत बताया और टेस्टिंग (जाँच) के लिए उन्होंने अपना खून और बाल भी दिए। NADA (नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी) ने भी विजेंदर की जाँच करने से इंकार कर दिया क्योकि उनके अनुसार वे प्रतियोगिता से बाहर हुए खिलाडियों की जाँच नही करते। इसके बाद 3 अप्रैल को स्पोर्ट मिनिस्ट्री ऑफ़ इंडिया ने NADA के डायरेक्शन में एक टेस्ट लिया और जाँच के बाद बताया की इस अशांति और झूटे आरोपों का असर देश के दुसरे खिलाडियों पर भी पड़ सकता है।

मई 2013 में इस ओलंपिक्स ब्रोंज मेडल विजेता को नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी ने “ऑल क्लीन” का सर्टिफिकेट भी दी दिया।

खेल उपलब्धियाँ

    विजेन्द्र सिंह ने वर्ष 2004 के एथेंस ओलम्पिक में सर्वप्रथम भाग लिया, किन्तु वह वेल्टर वेट वर्ग में तुर्की के मुस्तफ़ा कारागोलेयू से 20-25 से पराजित हो गये।

    राष्ट्रमण्डल खेल वर्ष 2006 में इंग्लैंण्ड के नील पिरकिन्स को सेमीफ़ाइनल में पराजित कर फ़ाइनल में प्रवेश किया, किन्तु दक्षिण अफ़्रीका के बोनगानी मविलासी से पराजित हो गए और कांस्य पदक ही जीत सके।

    दोहा ओलम्पिक खेल वर्ष 2006 में मुक्केबाज़ी मिडिल वेट वर्ग में कज़ाकिस्तान के बख़्तियार अरतायेव से सेमीफ़ाइनल में 24-29 से पराजित होकर कांस्य पदक जीत सके।

रोचक जानकारियाँ

o   विजेन्द्र ने इक्वाडोर के कार्लोस गोंगुरा को 9-4 से हराकर, ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बने।

o   वर्ष 2011 में, उन्होंने बॉलीवुड फिल्म के लिए हस्ताक्षर किए थे, लेकिन उनकी शादी के कारण, निर्माता ने उन्हें फिल्म मे लेने से इंकार कर दिया क्योंकि वह महिलाओं में लोकप्रिय नहीं होगा।

o   उन्होंने पूर्व राष्ट्रीय स्तर के मुक्केबाज और कोच जगदीश सिंह, और गुलबकार सिंह संधू से मुक्केबाज़ी में प्रशिक्षण लिया है।

o   उन्होंने सलमान खान के एक टीवी शो “दस का दम” में मल्लिका शेरावत के साथ हिस्सा लिया। 

o   पुणे में एक रैली के दौरान उनकी नौकरी अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा को भीड़ से बचाने के लिए लगाई गई थी।

o   उनके गृहनगर, भिवानी में उन्हें ‘लिटिल क्यूबा’ नाम से जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने कई विश्व-स्तरीय मुक्केबाजों को परीक्षण दिया है।

o   वर्ष 2014 में, उन्होंने फिल्म ‘फगली’ के साथ अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की। 

o   मैरी कॉम के अलावा, वह राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार जीतने वाले एकमात्र भारतीय मुक्केबाज़ हैं।

o   वर्ष 2009 में, इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन ने उन्हें मध्यभार (75 किलोग्राम) की श्रेणी में दुनिया में नंबर 1 स्थान दिया था।

o   वह अभिनेता अक्षय कुमार के एक अच्छे दोस्त है।  

o   वर्ष 2013 में, उन्होंने “बिग बॉस सीजन 7” के घर में पहलवान संग्राम सिंह से मिलने के लिए प्रवेश किया था।

o   वह एक सैनिक बनना चाहते थे।

o   वर्ष 2015 में, उन्होंने ब्रिटेन के प्रसिद्ध क्वींसबेरी प्रचार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

o   वर्ष 2010 में, उन्हें पद्मा श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।  



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