गोपाल सिंह नेपाली जीवनी - Biography of Gopal Singh Nepali in Hindi Jivani Published By : Jivani.org गोपाल सिंह नेपाली का जन्म बिहार के पश्चिमी चम्पारन के बेतिया में हुआ था। उनका मूल नाम गोपाल बहादुर सिंह था । वे हिन्दी एवं नेपाली के प्रसिद्ध कवि थे। उन्होंने हिन्दी फिल्मों के लिये गाने भी लिखे। वे एक पत्रकार भी थे जिन्होने "रतलाम टाइम्स", चित्रपट, सुधा, एवं योगी पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। 1933 में उनका पहला काव्य संग्रह ‘उमंग’ प्रकाशित हुआ था। ‘पंछी’ ‘रागिनी’ ‘पंचमी’ ‘नवीन’ और ‘हिमालय ने पुकारा’ इनके काव्य और गीत संग्रह हैं। नेपाली ने देश-प्रेम, प्रकृति-प्रेम तथा मानवीय भावनाओं का सुंदर चित्रण किया है। उन्हें "गीतों का राजकुमार" कहा जाता था। नेपाली ने तकरीबन चार द र्जन फिल्मों के लिए गीत भी रचा था। उन्होंने ‘हिमालय फिल्म्स’ और ‘नेपाली पिक्चर्स’ की स्थापना की थी। निर्माता-निर्देशक के तौर पर नेपाली ने तीन फीचर फिल्मों-नजराना, सनसनी और खुशबू का निर्माण भी किया था। गया था, और सितंबर में जेहलूम में पंजाब रेजिमेंटल सेंटर के एक प्रशिक्षक के रूप में तैनात किया गया था। फरवरी 1 9 42 में, उन्हें हवलदार (सार्जेंट) में पदोन्नत किया गया था। सिंह एक उत्कृष्ट खिलाड़ी थे, उन्होंने हॉकी, बास्केटबॉल और अंतर-रेजिमेंटल और राष्ट्रीय स्तर की चैंपियनशिप में क्रॉस कंट्री रनिंग में अपनी रैजमेंट का प्रतिनिधित्व किया। मई 1 9 45 में, उन्हें कंपनी हवलदार प्रमुख (कंपनी सर्जेंट प्रमुख) में पदोन्नत किया गया था। उन्होंने अक्टूबर 1 9 45 तक एक प्रशिक्षक के रूप में कार्य किया। द्वितीय विश्व युद्ध के अंत के बाद, उन्हें ब्रिटिश राष्ट्रमंडल व्यवसाय दल के हिस्से में जापान भेजा गया, जहां उन्होंने सितंबर 1 9 47 तक सेवा की। विभाजन के बाद सिंह को 6 वें बटालियन राजपूताना राइफल्स का सन् 1911 में बिहार के चंपारण ज़िले में बेतिया नामक छोटे से स्थान पर जन्मे गोपाल सिंह ‘नेपाली’ की रचनाएँ देश-प्रेम से लेकर मानवीय संवेदनाओं की उन सूक्ष्म अनुभूतियों तक को अभिव्यक्ति देती हैं जो हर मनुष्य के जीवन में और जीवन की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं। यद्यपि आपकी शिक्षा प्रवेशिका तक ही सीमित रही किन्तु आपने एक पत्रकार के रूप में भी लम्बे समय तक कार्य किया। अनेक पत्रिकाओं का सम्पादन भी लम्बे समय तक आप करते रहे। सन् 1944 के बाद वे फिल्म जगत् से जुड़ गए तथा फिल्मों के लिए गीत लिखने लगे। सन् 1962 में भारत-चीन युध्द के समय आपने अनेक देशभक्ति की कविताएँ भी लिखीं। ‘उमंग’, ‘रागिनी तथा नीलिमा’, ‘पंछी’, ‘पंचमी’, ‘सावन’, ‘कल्पना’, ‘ऑंचल’, ‘नवीन’, ‘रिमझिम’ तथा ‘हमारी राष्ट्रवाणी’ आपके प्रमुख संग्रह हैं। कार्यक्षेत्र गोपाल सिंह नेपाली हिंदी के छायावादोत्तर काल के कवियों में महत्वपूर्ण स्थान रखते थे। वे उस काल के कवियों में से थे जब बड़े बड़े साहित्यकार और कवि फ़िल्मों के लिए काम करते थे। १९४४ से १९६३ तक मृत्यु पर्यंत वे बंबई में फ़िल्म जगत से जुड़े रहे। उन्होंने एक फ़िल्म का निर्माण भी किया। वे पत्रकार भी थे और उन्होंने कम से कम चार हिंदी पत्र-पत्रिकाओं रतलाम टाइम्स, चित्रपट, सुधा और योगी का संपादन किया। फ़िल्मों के लिए लिखे गए उनके कुछ गीत अत्यंत लोकप्रिय हुए। १९६२ में भारत-चीन युद्ध के समय उन्होंने देशभक्ति की अनेक कविताएँ रचीं। कविता के क्षेत्र में गोपाल सिंह नेपाली ने देश प्रेम, प्रकृति प्रेम, तथा मानवीय भावनाओं का सुंदर चित्रण किया है। साहित्य सृजन 1933 में बासठ कविताओं का इनका पहला संग्रह ‘उमंग’ प्रकाशित हुआ था। ‘पंछी’ ‘रागिनी’ ‘पंचमी’ ‘नवीन’ और ‘हिमालय ने पुकारा’ इनके काव्य और गीत संग्रह हैं। नेपाली ने सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ के साथ ‘सुध’ मासिक पत्र में और कालांतर में ‘रतलाम टाइम्स’, ‘पुण्य भूमि’ तथा ‘योगी’ के संपादकीय विभाग में काम किया था। मुंबई प्रवास के दिनों में नेपाली ने तकरीबन चार दर्जन फिल्मों के लिए गीत भी रचा था। उसी दौरान इन्होंने ‘हिमालय फिल्म्स’ और ‘नेपाली पिक्चर्स’ की स्थापना की थी। निर्माता-निर्देशक के तौर पर नेपाली ने तीन फीचर फिल्मों-नजराना, सनसनी और खुशबू का निर्माण भी किया था। साहित्यिक विशेषताएँ उत्तर छायावाद के जिन कवियों ने कविता और गीत को जनता का कंठहार बनाया, गोपाल सिंह ‘नेपाली’ उनमें अहम थे। बगैर नेपाली के उस दौर की लोकप्रिय कविता का जो प्रतिमान बनेगा, वह अधूरा होगा। विशिष्ट प्रसंग गोपाल सिंह नेपाली के पुत्र नकुल सिंह नेपाली ने बम्बई उच्च न्यायालय में स्लमडॉग मिलेनियर के निर्माताओं के खिलाफ एक याचिका दायर की है, जिसमें यह कहा गया है कि डैनी बॉयल ने दर्शन दो घनश्याम गाने के लिए सूरदास को उद्धृत किया है, जो गलत है। याचिका के अनुसार नेपाली ने यह कहा है कि यह गाना उनके कवि पिता ने लिखा था और डैनी बॉयल तथा सेलॉदर फिल्म्स लिमिटेड ने उनके पिता की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाया है एवं लेखकीय अधिकारों का उल्लंघन किया है। नेपाली ने मुआवजा के रूप में रु. ५ करोड और याचिका दायर होने की तिथि से निर्णय होने तक २१ प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज का दावा किया है। उन्होंने यह भी मांग की है कि फिल्म के किसी भी भाग में यह दर्शाने के लिए फिल्म निर्माताओं पर रोक लगायी जाए कि उक्त गाने के लेखक सूरदास हैं। मुख्य कृतियाँ कविता संग्रह : उमंग, पंछी, रागिनी, नीलिमा, पंचमी, सावन, कल्पना, आँचल, नवीन, रिमझिम, हिमालय ने पुकारा ( 9 ) 11 Votes have rated this Naukri. Average Rating is 3