एडोल्फ़ हिटलर जीवनी - Biography of Adolf Hitler in Hindi Jivani Published By : Jivani.org नाम : एडोल्फ हिटलर जन्म : 20 अप्रैल सन 1889 ब्रौनौ ऍम इन्, ऑस्ट्रिया – हंगरी राष्ट्रीयता : जर्मनी पिता : एलोईस हिटलर माता : क्लारा हिटलर भाई : बहन-गस्तव, इदा पत्नी : ईवा ब्राउन प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात जहाँ एक ओर तानाशी प्रवृति का उदय हुआ। वहीं दूसरी और जर्मनी में हिटलर के नेतृत्व में नाजी दल की स्थापना हुई। जर्मनी के इतिहास में हिटलर का वही स्थान है जो फ्रांस में नेपोलियन बोनाबार्ट का, इटली में मुसोलनी का और तुर्की में मुस्तफा कमालपाशा का। हिटलर के पदार्पण के फलस्वरुप जर्मनी का कार्यकलाप हो सका। उन्होने असधारण योग्यता, विलक्षण प्रतिभा और राजनीतिक कटुता के कारण जर्मनी गणतंत्र पर अपना अधिपत्य कायम कर लिया। जर्मनी में हिटलर का अभ्युदय और शक्ति की प्राप्ति एकाएक नहीं हुई। उनकी शक्ति का विकास धिरे- 2 हुआ। उनका जन्म 1889 ई. में आस्ट्रिया के एक गाँव में हुआ था। आर्थिक कठिनाईयों के कारण उसकी शिक्षा अधुरी रह गई। वे वियेना में भवन निर्माण कला की शिक्षा लेना चाहते थे। लेकिन उसके भाग्य में तो जर्मनी का पुर्णनिर्माण लिखा था। प्रथम विश्व युद्ध से ही उनका भाग्योदय होने लगा। वे जर्मन सेना में भर्ती हो गए। उन्हें बहादुरी के लिए Iron Cross की उपाधि मिली। युद्ध समाप्ति के पश्चात् उन्होंने सक्रिय राजनीति में अभिरुची लेना शुरु किया। आरंभिक जीवन: अडोल्फ हिटलर का जन्म आस्ट्रिया में 20 अप्रैल 1889 को हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा लिंज नामक स्थान पर हुई। पिता की मृत्यु के पश्चात् 17 वर्ष की अवस्था में वे वियना गए। कला विद्यालय में प्रविष्ट होने में असफल होकर वे पोस्टकार्डों पर चित्र बनाकर अपना निर्वाह करने लगे। इसी समय से वे साम्यवादियों और यहूदियों से घृणा करने लगे। जब प्रथम विश्वयुद्ध प्रारंभ हुआ तो वे सेना में भर्ती हो गए और फ्रांस में कई लड़ाइयों में उन्होंने भाग लिया। 1918 ई. में युद्ध में घायल होने के कारण वे अस्पताल में रहे। जर्मनी की पराजय का उनको बहुत दु:ख हुआ। मई 1895 में जब Adolf Hitler अडोल्फ़ हिटलर छ: वर्ष के हुए तब उन्हें गाँव की स्कूल में दाखिला दिलाया गया | अब उसके पिता भी ऑस्ट्रियन सिविल सेवाओ से सेवानिवृत हो चुके थे | अब स्कूल में उन्हें टीचर्स अनुशाशन से रखते थे और वापस घर आने पर पिताजी सख्त रुख अपनाते थे | पिताजी के सख्त रुख से परेशान होकर एक बार अडोल्फ़ हिटलर घर से भाग गया था लेकिन बाद में वापस आ गया | अब उनके पिता ने बैचैन होकर शहर छोड़ने का फैसला किया और ऑस्ट्रिया के लम्बच शहर में आकर बस गये | लम्ब्च में एक पुरानी कैथोलिक चर्च था जहा अडोल्फ़ रोज स्कूल के बाद खेलने जाता था | उस चर्च में पत्थरों और लकडियो से बने स्वस्तिक चिन्ह को अक्सर देखा करता था | अब वो अक्सर चर्च में जाकर गाने गता था और उसने पादरी बनने की ठान ली थी | तभी 1898 में उनका परिवार हमेशा के लिए वापस अपने पैतृक गाँव लेओंडिंग आ गया | 1900 में अडोल्फ़ हिटलर के छोटे भाई एडमंड की चेचक की वजह से मौत हो गयी जिससे अडोल्फ़ हिटलर को गहरा सदमा पहुचा | अब उसका आत्मविश्वास टूट गया था और वो अक्सर उदास रहने लग गया था | 3 जनवरी 1903 को अचानक Adolf Hitler अडोल्फ़ हिटलर के पिता अलोइस की मौत हो गयी | अब अडोल्फ़ का स्कूल में प्रदर्शन अच्छा नही रहा और उनकी माँ ने स्कूल छुडवाकर Realschule में दाखिला दिलाया जहा उनके प्रदर्शन में सुधार हुआ | 1918 में जर्मनी की पराजय के बाद 1919 में हिटलर ने सेना छोड़ दी व नेशनल सोशलिस्टिक आर्बिटर पार्टी (नाजी पार्टी) का गठन कर डाला. इसका उद्देश्य साम्यवादियों और यहूदियों से सब अधिकार छीनना था क्योंकि उनकी घोषित मान्यता थी कि साम्यवादियों व यहूदियों के कारण ही जर्मनी की हार हुई. जर्मनी की हार को लेकर हिटलर के अंदर जो नफरत की भावना थी, वो हज़ारों जर्मन वासियों की भावना से मेल खाती थी. यही वजह है कि नाजी पार्टी के सदस्यों में देशप्रेम कूट-कूटकर भरा था. उन्होंने स्वास्तिक को अपने दल का चिह्र बनाया जो कि हिन्दुओं का शुभ चिह्र है. समाचारपत्रों के द्वारा हिटलर ने अपने दल के सिद्धांतों का प्रचार जनता में किया. भूरे रंग की पोशाक पहने सैनिकों की टुकड़ी तैयार की गई. 1923 ई. में हिटलर ने जर्मन सरकार को उखाड़ फेंकने का प्रयत्न किया लेकिन इसमे वह कामयाब नहीं हो पाए. 20 फरवरी, 1924 को हिटलर पर “राष्ट्रद्रोह” का मुकदमा चलाया गया और पांच साल के कैद की सजा सुनाई गई. इस दल ने यहूदियों को प्रथम विश्वयुद्ध की हार के लिए दोषी ठहराया। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण जब नाजी दल के नेता हिटलर ने अपने ओजस्वी भाषणों में उसे ठीक करने का आश्वासन दिया तो अनेक जर्मन इस दल के सदस्य हो गए। हिटलर ने भूमिसुधार करने, वर्साई संधि को समाप्त करने और एक विशाल जर्मन साम्राज्य की स्थापना का लक्ष्य जनता के सामने रखा जिससे जर्मन लोग सुख से रह सकें। 1933 में चांसलर बनते ही हिटलर ने जर्मन संसद को भंग कर दिया, साम्यवादी दल को गैरकानूनी घोषित कर दिया और राष्ट्र को स्वावलंबी बनने के लिए ललकारा। हिटलर ने जोज़ेफ गोयबल्स को अपना प्रचारमंत्री नियुक्त किया। नाज़ी दल के विरोधी व्यक्तियों को जेलखानों में डाल दिया गया। कार्यकारिणी और कानून बनाने की सारी शक्तियाँ हिटलर ने अपने हाथों में ले ली। 1934 में उसने अपने को सर्वोच्च न्यायाधीश घोषित कर दिया। उसी वर्ष हिंडनबर्ग की मृत्यु के पश्चात् वो राष्ट्रपति भी बन बैठा। नाजी दल का आतंक जनजीवन के प्रत्येक क्षेत्र में छा गया। 1933 से 1938 तक लाखों यहूदियों की हत्या कर दी गई। 1933 में जर्मनी की सत्ता पर जब एडोल्फ हिटलर काबिज हुआ था तो उसने वहां एक नस्लवादी साम्राज्य की स्थापना की थी। उसके साम्राज्य में यहूदियों को सब-ह्यूमन करार दिया गया और उन्हें इंसानी नस्ल का हिस्सा नहीं माना गया। यहूदियों के प्रति हिटलर की इस नफरत का नतीजा नरसंहार के रूप में सामने आया, यानी समूचे यहूदियों को जड़ से खत्म करने की सोची-समझी और योजनाबद्ध कोशिश। होलोकास्ट इतिहास का वो नरसंहार था, जिसमें छह साल में तकरीबन 60 लाख यहूदियों की हत्या कर दी गई थी। इनमें 15 लाख तो सिर्फ बच्चे थे। प्रथम विश्व युद्ध में प्रदर्शन : मई सन 1913 में हिटलर ने म्युनिक के लिए विएना छोड़ दिया और 16 वीं बवेरियन इन्फेंट्री रेजिमेंट में शामिल हो गए. उसके बाद जब अगस्त सन 1914 में प्रथम विश्व युद्ध छिड़ा, तब वे एक धावक के रूप में दूसरी यूरोपीय शक्तियों और अमेरिका के खिलाफ सेवारत थे. युद्ध के दौरान उन्होंने विशिष्टिता के साथ जर्मनी के पश्चिमी मोर्चे पर लड़ाई लड़ी. वे एक साहसी और सक्षम सैनिक साबित हुए और बहादुरी के लिए उन्हें पहली आयरन क्रॉस से सम्मानित भी किया गया. इस दौरान वे दो बार घायल हुए, और उन्हें पोमेरानिया के एक अस्पताल में ले जाया गया. यह युद्ध सन 1918 तक चला. द्वितीय विश्व युद्ध और युद्ध अपराध : 1 सितम्बर सन 1939 में यूरोप को नियंत्रित करने के लिए हिटलर ने द्वितीय विश्व युद्ध की शुरूआत की. वे पुरे ब्रिटेन में अपना अधिकार जमाना चाहते थे इसके लिए कई राज्यों से उन्होंने संधि की और कई राज्यों को अपने वश में कर लिया. युद्ध से पहले उन्होंने सन 1937 में इटली से संधि की और उसके बाद ऑस्ट्रेलिया पर अपना अधिकार जमा लिया. फिर हिटलर ने रूस से संधि कर ली और पौलेंड के पूर्वी भाग को रूस के नाम कर दिया और धीरे – धीरे पश्चिमी भाग पर भी अपना अधिकार कर लिया. इस तरह उन्होंने एक के बाद एक कई राज्यों में अपना अधिपत्य जमा लिया और युद्ध की शुरूआत हो गई. इसके बाद फ्रांस की हार के बाद मुसोलिनी से संधि कर रूस पर भी अपना अधिकार जमाने का विचार किया और उस पर आक्रमण कर दिया. हिटलर के नेतृत्व में और हिटलर की प्रेरणादायी योजनाओ के बल पर ही नाज़ी साम्राज्य ने तक़रीबन 5.5 मिलियन यहूदियों का रक्त पात किया था और लाखो लोगो ने इस नरसंहार को अपनी आँखों से भी देखा था। हिटलर और नाज़ी साम्राज्य ही तक़रीबन युद्ध में मारे जाने वाले 19.3 मिलियन और युद्ध में कैदी बनाये गए लोगो के जिम्मेदार है। देखा जाये तो युद्ध में तक़रीबन 29 मिलियन सैनिक और नागरिक मारे गए थे, यही यूरोप का द्वितीय विश्व था। द्वितीय विश्व युद्ध में कुल मारे गए सैनिक और नागरिको की संख्या का हम अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते। ऐसा नरसंहार हमे इतिहास में कही देखने नही मिलेंगा। रोचक तथ्य : • आस्ट्रिया में 20 अप्रैल, 1889 में जन्मे जर्मन तानाशाह हिटलर कभी अच्छी पढ़ाई नहीं कर पाया। वह कभी कॉलेज नहीं गये। • बचपन में अडोल्फ हिटलर पादरी बनने का सपना देखा करता थे। सिर्फ चार साल की उम्र में एक पादरी ने ही हिटलर को डूबने से बचाया था। • “माँ, तुम मुझे छोडकर क्यों चली गईं माँ…तुम्हें पता है मैं तुमसे कितना प्यार करता हूँ….अब मैं तुम्हारे बिना कैसे जिऊंगा माँ…. तूने बहुत दुख झेले हैं माँ…. मैं भी तुझे कोई सुख नहीं दे पाया… अब तू चैन से सो जा माँ…. सुनसान कब्रिस्तान में एक ताज़ी कब्र के पास बैठकर फूट-फूटकर रोता हुआ यह 18 साल का लड़का हिटलर था. • 1936 में जब Germany में Olympic हुए थे तब भारत का मुकाबला जर्मनी से हुआ जिसमें हॉकी के जादुगर Major Dhyanchand की वजह से भारत ने जर्मनी को 8-1 से पटखनी दी थी. इस मैच को हिटलर भी देख रहा था और उसने मेजर ध्यानचंद के खेल से प्रभावित होकर उन्हें अपनी सेना में उच्च पद देने ओर जर्मनी की तरफ से खेलने की पेशकश दी. मगर देशभक्त मेजर ध्यानचंद ने यह पेशकश मुस्कुराते हुए ठुकरा दी. • आधुनिक इतिहास में हिटलर वह पहला इंसान था जिसने धूम्रपान विरोधी अभियान का आगाज किया। • इतना कत्लेआम मचाने के बाद भी हिटलर शुद्ध रूप से शाकाहारी था। इतना ही नहीं, उसने पशु क्रूरता के खिलाफ एक कानून भी बना दिया। • हिटलर की जाती नीति के कारण लगभग 1करोड़ 10 लाख लोगो की मौत हुई थी. दुसरे विश्व युद्ध के कारण लगभग 6 करोड़ लोगो ने अपनी जान गवाई थी. • हिटलर, ‘Charlie Chaplin’ का बहुत बड़ा प्रशंसक था. चार्ली चैपलिन की मूंछे उसे भा गईं और इस लिए हिटलर भी उन्ही की तरह मूंछे रखने लगा. हिटलर की मूंछो को ‘टुथब्रश मुछें’ कहा जाता है. 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