रफी अहमद किदवई की जीवनी - Biography of Rafi Ahmed Kidwai in hindi jivani Published By : Jivani.org नाम : रफी अहमद किदवई जनम तिथी : 18 फरवरी 1894 ठिकाण : बाराबंकी, उत्तार पश्चिम प्रांत पत्नी : बनीस किदवई व्यावसाय : राजनेता, समाजवादी प्रारंभिक जीवनी : रफी अहमद किदवई एक राजनेता थे | तथा एक भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता और एक समाजवादी थे | उन्हें इस्लामिक समाजवादी के रुप मे भी जाना जाता था | रफी अहमद किदवई का जनम भारत के उत्तार प्रदेश राजया बारांबंकी जिले के छोटे से गांव मसौली मे 18 फरवरी 1894 मे हुआ था | रफी के चार छोटे भाई थै | दुसरे भाई महकुज अहमद के बेटे, फरीद किदवई समाजवादी पाटी के सदस्या और उत्तार प्रदेश सरकार मे पूर्व राजया मंत्री है | रफी अहमद का विवाह अनीस किदवई से हुआ था | अनीस किदवई कम्यूनिस्टा कार्यकर्ता और राजयासभा सदस्या थी | रफी ने अलीगढ मुस्लिम विश्वाविघ्यालय से शिक्षा प्राप्ता कि थी | कार्य : रफी ने अलीगढ मे मुहमद एंग्लो ओरिएल कॉलेज मे भाग लेने के बाद, खिलाफत आंदोलन के माध्याम से राजनति मे प्रवेश किया था | सन 1926 मे ऋुनावोव्दारा वह अवध से स्वराज पाटी के उमीदवार के रुप मे केंद्रीय विधान सभा के लिए चुने गए थे | वह विधानसभा मे स्वराज पार्टी के मूख्या सचितक बने थे उन्हेांने हमेशा अपने राजनितिक कौशल से विवादास्पद मुददों पर पाटी मे एकता बनाए रखने मे मदद कि थी | सन 1929 मे रफी विधानसभा मे स्वराज पाटी के सचिव के रुप मे कार्यरीत रहे थे | जनवरी 1940 मे रफी ने कॉग्रेस कार्यसमिती और पूर्णा स्वराज संकल्प के जवाब मे केंद्रीय विधान सभा से इस्तीफा दे दिया था | उसके बाद वह सवनिय अवज्ञा आंदोलन मे रहे थे | भारत सरकार अधिनियम 1935 के पारित होने के बाद रफीव्दारा ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए एक कार्यकाल का आंदोलन किया गया था | सन 1937 मे रफी ने प्रांतीय स्वायत्तता योजना के तहत आगरा और अवध के संयूक्ता मे गोविंद बल्लभ पंत के मंत्रीमंडल के राजस्वा और जेल मंत्री के रुप मे कार्य किया था | उनके नेतृत्वा के तहत, उत्तार प्रदेश जमीदारी प्रणाली पर पर्दा डालने वाला पहला प्रांत बनाने का कार्य किया गया था | सन 1946 मे रफी ने यू पी के गृहमंत्री के रुप मे कार्य किया था | रफी भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु के एक प्रमूख सहयोगी थी | सन 1947 मे भारत स्वातंत्रता के बाद रफी भारत के पहले संचार मंत्री के रुप मे कार्यरीत हुए थे | सन 1952 मे वह चुनावोंव्दारा बहराइच से चुने गए थे | उसके बाद वह खाघ और कृषि के पोर्टफोलियो मे कार्यरीत रहे थे | उस समय देश मे खाघ राशन कि व्यावस्था थी | उपलब्धि : पुरस्कार और सम्मान : 1) सन 1956 मे ICAR भारती कृषि अनुसंधान परिषद व्दारा रफी अहमद किदवई पुरस्कार बनाया गया है | जो कि कृषि क्षेत्र मे भारतीय शोधकर्ताओ को मान्यात देने के लिए प्रदान किया जाता है | 2) सन 2011 मे गजियाबाद के पोस्टल स्टाफ कॉलेज का नाम रफी अहमद किदवई राष्ट्रीय डाक अकादमी रखा गया है | 3) कोलकत्ता मे उनके नाम पर एक गली भी है | 4) इंदिरा नगर, मुंबई लखनउा और कृषि भवन, नई दिल्ली मे उनकी मुर्तीयाँ है | 5) हरदोई जिले मे रफी अहमद किदवई इंटर कॉलेज उनके नाम पर रखा गया है | 6) रफी किदवई भारत के पहले संचार मंत्री थी | रफी किदवई का 24 अक्टूबर 1954 मे दिल्ली मे निधन हुआ था | ( 10 ) 1 Votes have rated this Naukri. Average Rating is 3