राघवन वरदराजन की जीवनी - Biography of Raghavan Varadarajan in hindi jivani Published By : Jivani.org नाम : राघवन वरदराजन जनम दि- 27 नवंबर 1960 ठिकाण : भारत व्यावसाय : जैव : भौतिकीविद, प्रोफेसर प्रारंभिक जीवनी : राघवन वरदराजन एक भारतीय जैव भौतिकीविदू और भारतीय व्विज्ञान संस्थान मे प्रोफेसर है | उन्हें प्रोटीन संरचना और प्रोटीन कि तह के लिए जाना जाता है | राघवन वरदराजन का जनम भारत मे 27 नवंबर 1960 केा हुआ है | उन्होंने सन 1982 मे भारतीय प्रौधोगिकी संस्थान, कानपूर से अपनी स्त्रातक और स्त्रातकोत्तार मास्टार उपाधि प्राप्त कि है | उन्होंने स्टैनफोर्ड विश्वाविघ्यालय से डॉक्टरेट कि शिक्षा प्राप्ता कि है | उन्होंने स्टीवन जी बॉक्सार के मार्गदर्शान मे अपनी पीएचडी प्राप्ता कि है | उसके बाद उन्होंने 1988 से 1992 मे खेल विश्वाविघ्यालय डॉक्टरोल कि पढाई पूरी कि है | कार्य : राघवन ने सन 1992 मे अपने करीयर कि शूरुआती दिनो मे भारतीय विज्ञान संस्थान आयाआयएससी मे आणविक बायोफिजिक्सा यूनिट के एक प्रोफेसर के रुप मे काम किया है | वे आईआईएससी के वरदराजन प्रयोगशाला के प्रमूख है | जिसमे एचआईवी और एन्फलूएंजा इम्यूनोजेन्सा के डिजाइन मे अनूसंधान हित है | वह जवाहरलाल नेहरु सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च मे मानद प्रोफेसर के रुप मे कार्यरीत है | इतना ही नही बल्की वे बेंगलूरु आधारित शोध मंच के वैज्ञानिक बोर्ड ऑफ थेरिमेट नोवोबोलोगिक्सा के अध्याक्ष के रुप मे भी कार्य करते है | राघवन ने जी बॉक्सार कि प्रयोगशाला मे हीमोग्लोबिन एक हेप्रोटीन पर काम किया है | उनहोंने बाहया क्रोमोफोर्स के रेडॉक्सा संभावित वर्णक्रमीय गुणेां का अध्यायन भी कीया है | उन्होंने क्रिस्टालोग्राफिक और परमाणू चुंबकीय अनूवाद हाइड्रोजन विनियम प्रोटोकॉल विकसित किया है | मर्क रिसर्च लेबोरेटरीज मे राघवन और उनके टीमव्दारा इम्यूनोगेन विकसित किए है | जिल्हे एचआईवी टीके के रुप मे सकारात्मक प्रभावदिखाने के लिए प्रदर्शित किया गया है | उन्होंने जैव प्रौधोगिकी विभाग व्दारा संयूक्ता रुप से डीबीटी-आयएव्हीआय कार्यक्रम के एक अन्वेषक के रुप मे भी कार्य किया है उपलब्धि : पूरस्कार और सम्मान : 1) 1998 मे बीएम बिडला साइंस सेंटर बीएम विरला साइंस अवार्ड प्राप्त हुआ है | 2) सन 2002 मे राधवन को भारत सरकार से शांति स्वरुप भटनागर पूरस्कार प्राप्त हुआ है | 3) सन 2013 मे सीएसआईआर ने उन्हे जैविक विज्ञान और प्रौधोगिकी मे उत्कृष्टता के लिए जीएन रामचंद्रन स्वर्ण पदक से सम्मानित किया है | 4) विज्ञान और प्रौघोगिकी विभाग के जैव विज्ञान के लिए राघवन को स्वर्णजयंती फैलोशिप भी मिली है | 5) 1999 मे उनहे राष्ट्रीय स्वास्थ संस्थान के एडस इनोवेशन ग्रीट अवार्ड मीला है | पुस्तके : 1) सन 1989 मे प्रकाशित- पून: संयोजक मायोग्लोबिन कि कमी क्षमता दफन Lonixable अमीनों एसिड के प्रभाव| 2) 1985- क्लोनिंग एस्चेरिचिया कोलाई मे अभिव्याक्ति और मानव माईग्लोबिन का पूनर्निर्माण| ( 12 ) 0 Votes have rated this Naukri. Average Rating is 0