गणपति दादासाहेब यादव की जीवनी - Biography of Ganpati Dadasaheb Yadav in hindi jivani Published By : Jivani.org नाम : गणपति दादासाहेब यादव जनम तिथी : 14 सितंबर 1952 आयू 67 वर्षे ठिकाण : अर्जुनवाडा, राधानगरी, कोल्हापूर जिला महाराष्ट्रा, व्यावसाय : रासायनिक इंजिनियर अकादमिक पत्नी : वासंती वीराराधवन अयर प्रारंभिक जीवनी : गणपति यादव का जनम 14 सितंबर 1952 को पश्चीम भारतीय राजया महाराष्अ्र के कोल्हापूर जिले के अर्जुनवाडा मे हुआ था | जो दादासाहेब कृष्णजी रुक्मीणी दंपति के पास थे | उन्हेांने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव के स्थानीय स्कूलमे कक्षा सातवी तक और बाद मे आरंभिक शिक्षा मे स्कूल मे कक्षा सातवी तक और बाद मे आरंभिक शिक्षा मे कि थी | उन्हेांने कोल्हापूर मे ग्यारहवी कक्षा तक पढाई कि थी | यादव ने बॉम्बे यूनिवर्सिटी के यूनिवर्सिटी डिपार्टमेंट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी यूडीसीटी मे शामिल होकर उन्होंने 1974 मे केमिकल इंजिनियरिंग मे स्त्रातक किया था | और एक संकाय सदस्या के रुप मे संस्था मे अपना करियर शूरु किया था | उन्हेांने 1980 मे अपनी पीएचडी को सुरक्षित करने के लिए प्रसिध्दा केमिकल इंजिनियर, मैन मोहन शर्मा कि देखरेख मे डॉक्टरेट कि पढाई जारी रखी थी | कार्य : गणपति यादव एक भारतीय रासायनिक इंजीनियर, अविष्कारक और अकादमिक है | जिन्हे नैनोमैटेरियल्सा पर अपने शोध, रासायनिक प्रतिक्रीया और चरण हस्तांतरण उत्प्रेरक के साथ गैस अवशोषण के लिए जाना जाता है | वे रासायनिक प्रौघोगिकी संस्थान, मुंबई के कुलपति है | वह आरटी मोदी प्रतिष्ठित प्रोफेसर के रुप मे भी कार्यरत है | उनहेांने तेल मे रिकवरी, फेज ट्रांसफर और हेटेरोजेनस कटैलिसीस मे कथित तौर पर बेहतर तकनीकों को विकसित करने के लिए सल्फूटेड जिरकोनिया हेटेरोपॉली एसिड जैसे पदार्थेा पर काम किया है | उनके पास कई भारतीय और अमेरिकी पेटेंट है | यादव ने 2001 मे इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ केमिकल इंजीनिनयर्स आयआयसीएच ई के अध्याक्ष के रुप मे कार्य किया था | उनहेांने रासायनिक प्रौघोगिकी संस्थान के निदेशक और उपकुलपति के रुप मे कार्य किया था | उन्हेांने मुख्या समन्वयक के रुप मे सेंटर फॉर नेनोसाइंस एंड टेलॉटेक्नोलॉजी और सेंटर फॉर ग्रीन टेक्नोलॉजी ऑफ मुंबई यूनिवर्सिटी का नेतृत्वा किया था | वह कैटलिस सोसायटी ऑफ इिउया और महाराष्ट्र एकेडमी ऑफ साइंसेज के अध्याक्ष है | पूरस्कार और सम्मान : 1) यादव को 1994 मे इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर टेक्नोलॉजी इन एजूकेश्ंन आयएसटीई का सर्वश्रेष्ठा इंजिनियरींग कॉलेज शिक्षक पूरस्कार से सम्मानित किया गया था | 2) 1995 मे उन्हें VASVIK औधोगिक अनूसंधान पूरस्कार मिला था | 3) उन्होंने 1997 मे इको फ्रेंडली तकनीकों के विकास के लिए आयआयईई अवार्ड प्राप्ता किया था | 4) 2002 मे महाराजा सायाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बडोदा का पदक से सम्मानित | 5) उन्हे 2007 मे तीन पूरस्कार मिल:| 1) एस के भटाचार्य प्रख्यात वैज्ञानिक पूरस्कार कैटालिस सोसायटी ऑफ इंडिया| 2) केमटेक् फाउंडेशन अवार्ड| 3) महाराष्ट्र सरकार का सर्वश्रेष्ठा शिक्षक पूरस्कार | 6) 2009 मे दो पूरस्कार: 1) इंस्टीटयूशन के एमिनियर इंजिनियर अवार्ड से सम्मानित, 2) हरक्यूलिस पदमविभूषण प्रोफेसर सीएनराव मेडल से सम्मानित| 7) 2011 मे सी वी रमन पूरस्कार से सम्मानित| 8) गो एम बेस्टा टिचर अवार्ड| 9) के जी नाइक स्वार्ण पदक| 10) अन्न्ना विश्वाविदयालय राष्ट्रीय पूरस्कार| 11) आयआयसीएचई चेम्कोन प्रतिष्ठित पूरस्कार| 12) हिंदूस्तान लीवर व्दिवार्षिक पूरस्कार| 13) भारत सरकार ने उन्हे 2016 मे पदमश्री के नागरिक सम्मान से सम्मानित किया था | 14) डॉ एच एल रॉय मेमोरियल लेक्चर अवार्ड से सम्मानीत | ( 12 ) 0 Votes have rated this Naukri. Average Rating is 0