इरोड सुब्रमण्यान राजा गोपाल की जीवनी - Biography of Erod Subramanian Raja Gopal in hindi jivani Published By : Jivani.org नाम : इरोड सुब्रमण्यान राजा गोपाल जनम तिथी : 12 मई 1936 ठिकाण : तामिलनाडू, भारत व्यावसाय : भौतिक विज्ञानी मर गए : 15 नवंबर 2018 प्रारंभिक जीवनी : ई. एस. राजा गोपाल का जनम तामिलनाडू के सेलम मे 12 मई 1936 को हुआ था | गोपाल ने सेंट जोसेफ कॉलेज तिरुचिरापल्ली मे अपनी पूर्व स्त्रातक कि पढाई कि थी | और मद्रास विश्वाविघ्यालय मे अपनी पूर्व स्त्रातक कि पढाई कि थी | और मद्रास विश्वाविघ्यालय से बीएससी ऑनर्स हासिल करने बाद अपनी पढाई जारी रखी थी | उन्होंने विश्वाविदयालय 1956 मे भौतिकी मे एमए और 1958 मे अनूसंधान एमएससी व्दारा एक दूसरी मास्टार डिग्री पूरी कि थी | इसके बाद, वह भारतीय विज्ञान संस्थान मे अपने डॉम्टरेट कि पढाई करने के लिए कर्नाटक के पडोसी राजया चले गए थे | 1961 मे विशिष्टा प्रयोगात्मा भौतिक विज्ञानी आरएस कृष्णान थे | मार्गदर्शन मे पीएचडी हासिल कि थी | फिर उन्होंने कर्ट मेंउें ल सोहन के तहत भौतिकी विभाग, यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्साफोर्ड के क्लोरेडन लेबोरेटरी मे पोस्टा डॉक्टरल अध्यायन किया था | राजागोपान जो बैंगलूरु के मल्लेश्वर के निवासी थे | 15 नवंबर 2018 को उनका निधन हो गया था | कार्य : ई. एस. राजा गोपाल एक भारतीय सघनित भौतिक विज्ञानी भारतीय विज्ञान संस्थान मे पूर्व प्रोफेसर है | और भारतकि राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला के पूर्व निदेशक थे | उन्होंने आईआय मे कई पद संभाले जहां वे 1965 मे सहायक प्रोफेसर थे | वह 1969 मे पूर्ण प्रोफेसर और 1976 मे विज्ञान संकाय के डीन बने उन्होने 1977-80 के दौरान भौतिकी विभाग और क्षेत्रीय परिष्कृत साधन केंद्र कि अध्याक्षता कि थि| 1991 मे राजा गोपाल को भारत कि राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला एनपीएल के निदेशक के रुप मे नियूक्त किया गया था | लेकिन उनहोंने 1991 से 1994 तक एमएसआायएल अध्याक्ष के रुप मे आयआएससी के साथ अपना जुडाव जारी रखा था | उन्होने अपनी सेवानिवृत्ती तक एनपीएल का नेतृत्वा जारी रखा था | 1997 मे अधिकारिक सेवा जिसके बाद वह सीएसआईआर एमिरिटस साइंटिस्टा के रुप मे प्रयेागशाला मे रहे है | भौतिकी विभाग के एक एमेरिटस प्रोफेसर बन गए, एक स्थिति जिसे वह आज तक मानते है | आईआईएससी मे उन्हेांने 2001 से 2006 तक भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के वरिष्ठा वैज्ञानिक का पद संभाला और तब से आईएनएस ए के मानद वैज्ञानिक है | इंस्टीटयूट ऑफ द इंस्टीटयूट ऑफ इंडिया के जर्नल के प्रधान संपादक राजा गोपाल ने दो विज्ञान पत्रिकाओं के मूख्या संपादक राजा गोपाल ने दो विज्ञान पत्रिकाओं के मूख्या संपादक के रुप मे कार्य किया है | उन्हेांने एक उच्चा दाबाव उच्चा तापमान प्रणाली और अनूप्रयोगो के डिजाइन और विकास प्रमूख अन्वेषक के रुप मे कार्य किया था | पत्रिका और इंडियन जर्नल ऑफ क्रायोजेनिक्सा के संपादकिय सलाहकार बोर्डो कि सदस्या है | वह एशिया पैसिफिक एकेडमी ऑपु मटिरियल्सा एपीएमए के सदस्या है | जनवरी 2008 मे एस्ट्रोफिजिक्सा एक सलाहकार बोर्डे के सदस्या के रुप मे उनके साथ जूडे रहे है | सस्टेनेबल एनर्जी टैक्नोलॉजिज मे अंतराष्ट्रीय सम्मेलन मेट्रोलॉजी मे 2016 मे 9 वां आंतराष्ट्रीय सम्मेलन और अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक अन्ना विश्वाविघ्यालय के 2016 से मिल थे | पूरस्कार और सम्मान : 1) वैज्ञानिक और औघोगिक अनूसंधान परिषद ने राजा गोपाल केा 1978 मे शांती स्वरुप भटनागर पूरस्कार से सम्मानित किया था | 2) 1980 मे एएसआई सर सी वी रमन पुरस्कार से सम्मानित| 3) 1984 मे एनआरडीसी अविष्कार प्रोत्साहन पूरस्कार से सम्मनित| 4) 1994 मे एएसआई डॉ एस भगवंतम पूरस्कार से सम्मानित| 5) 1993नासा होमी जहांगीर भाभा पदक से सम्मानित| 6) 2004 बीआरएसआई लाइफ टाइम अचीवमेंट मेंडल से सम्मानित| 7) 2005 मे आयएसओआय वार्षिक पूरस्कार से सम्मानित| 8) 2008 मे आयआयएससी विशिष्टा पूर्व छात्र पूरस्कार से सम्मनित| ( 12 ) 0 Votes have rated this Naukri. Average Rating is 0