गोपाल कृष्णा की जीवनी - Biography of Gopal Krushna in hindi jivani Published By : Jivani.org नाम : गोपाल कृष्णा जनम तिथी : 12 मार्च 1948 उम्र 72 वर्षे ठिकाण : दिल्ली, भारत व्यावसाय : खगोलशास्त्री प्रारंभिक जीवनी : गोपाल कृष्ण का जनम 12 मार्च 1948 को दिल्ली मे हुआ था | उन्होंने 1966 मे आगरा विश्वाविदयालस से स्त्रातक कि पढाई पूरी कि थी | उटी रेडियो टेलीस्कोप कि मदद से उनके शोध ने उन्हें 1977 मे मुंबई विश्वाविदयालय से पीएचडी कि उपाधि प्रदान कि थी | बाद मे उन्होंने भाभा परमाणू अनूसंधान केंद्र मे बीएआरसी ट्रेनिंग स्कूल मे दाखिला लिया था | कार्य : गोपाल कृष्णा एक भारतीय रेडियो खगोलशास्त्री है | वह नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिक्सा मे वरिष्ठा प्रोफेसर है | रेडियो आकाशगंगा और व्कासर पर अपने अध्यायन के लिए जाना जाता है | वह अपने पद के लिए रेडियो खगोल विज्ञान के लिए मैक्सा पलैंक इंस्टीटयूट चले गए थे | अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट साथी के रुप मे डॉक्टरेट का काम करते है | और 1980 मे उनकी वापसी पर उन्होंने टाटा इंस्टीटयूट फंडामेंटल रिसर्च के साथ अपना करियर फिर से शूरु किया था |2002 मे वह पूणे मे नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिया मे शामिल होने के लिए चले गए थे | जहाँ वे विशालकाय मेटूवेव रेडियो टेलीस्कोप के कमीशन मे शामिल थे | और वहाँ एक वरिष्ठा प्रोफेसर का पद संभाल रहे थे | गोपाल कृष्णा का शोध रेडियोधर्मी आकशगंगा और व्कासर पर अवलोकन और सैध्दांतिक दृष्टिकोण से केंद्रीत था | उन्हें एक सापेक्ष बीमा मॉडल विकसित करने के लिए जाना जाता है | जिसने आकाश गंगाओ और व्कासरों कि चमकदारता के साथ साथ रैखिक आकारों के ब्रहमाण्ड संबंधी विकास का अध्यायन करने मे उपयोग करने कि सूचना दि है | इसके अलावा, उन्हें उच्चा रेडशिफटस मे आकाशगंगाओं और समूहो कि खोज का रेय भी दिया जाता है | उनके अध्यायनों को कई लेखो के माध्याम से प्रलेखित किया गया है | इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज के ऑनलाइन लेख भंडार ने उनमे से 102 को सूचीबध्दा किया है | उन्होंने अपने शोध मे कई डॉक्टरेट विव्दानों के लिए मैक्सा प्लैंक इंस्टीटयूट सहित कई संस्थानों मे विजिटिंग फॅकल्टी के रुप मे कार्य किया था | वह जनवरी 2009 मे पेरिस मे आयोजित अपने यूनेस्को उदधाटन समारोह के सामपन सत्र कि अध्याक्षता कि है | उन्होंने दुनिया भर मे व्याख्यान भी दिए और 21 सितंबर 2010 को शेफिल्डा विश्वाविदयालय मे प्रसतूत एक्सा-आकार के रेडियो आकाशगंगाओं पर व्याख्यान उनमे से एक था | पूरस्कार और सम्मान : 1) वैज्ञानिक और औधोगिक अनूसंधान परिषद ने उनहें 1993 मे सर्वोच्चा भारतीय विज्ञान पूरस्कारों मे से एक शांति स्वरुप भटनागर पूरस्कार से सम्मानित किया है | 2) 1993 मे उन्हें नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज भारत व्दारा एक साथी के रुप मे चुना गया था | 3) 2010 मे इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी का फेलो चूना गया था | पुस्तके : 1) एक्सा आकार रेडियो आकाशगंगाओं कि उत्पात्ति जेड सममित माध्यामिक लोब से सूराग : 2003| 2) उच्च चमक एजीएन कक्षाओं के ऑप्टिकल भिननाता गूण 2004| 3) शव्काकार सापेक्षतावादी जेटस के लिए किनेमेटिकल आरेख 2007| 4) कोर डेामिनेटेड रडियो व्कासर्स कि इंट्रा नाइट ऑप्टिकल परिवर्तन ऑप्टिकल कि भूमिका 2012| 5) आठ रेडियो शांत बीएल लैक उम्मीदवारों कि बहू-यूगीय इंट्रानेट ऑप्टिकल निगरानी 2017| ( 12 ) 0 Votes have rated this Naukri. Average Rating is 0