गुरु वेंकट चलम की जीवनी - Biography of Guru venkat chalam in hindi jivani Published By : Jivani.org नाम : गुरु वेंकट चलम जन्म तिथी 1909 ठिकाण : आंध्रप्रदेश, गुडीवाडा व्यावसाय : कृषि वैज्ञानिक मृत्यू : 8 मई 1967 प्रारंभिक जीवनी : गुदरु वेंकट चलम उर्फ जीवी चलम का जन्म 1909 को भारत के आंध्रप्रदेश के मध्यासित एक शहर गुडीवाडी मे हुआ था | अपने पीता कि मृत्यू के समय, जी वी चलम केवल आठ वर्षे के थे | वह अपने पैतृक चाचा गुदरु रामचंदराव एक गांधीवादी और एक अग्रणी समाज सूधारक व्दारा लाया गया था | जिन्होंने 1917 मे आंध्रप्रदेश के तथाकथित आघूत जातियों मालस और मदिगाओं कि यूक्ति के लिए पहली आदि आंध्र महासभा कि बैठक बुलाई थी | जीवी चलम ने अपनी प्रांरभिक शिक्षा गुडीवाडा और राजामुंदी मे कि थी | और बाद मे काकीनाडा मे अपने स्त्रातक कि पढाई पीआर राजा कॉलेज से जारी रखी थी | दुर्भाग्यवश एक महिने बाद 8 मई 1967 को एक पत्नी और आठ बच्चों को छोडने के बाद दिल का दौरा पढने से अचानक मृत्यू हो गई | कार्य : जी वी चलाम को गुदरु वेंकट चलम के रुप मे भी जाना जाता है | वह एक भारतीय कार्यकर्ता और कृषि वैज्ञानिक थे | अपने चाचा से प्रेरित होकर, जी वी चलम जल्द ही समकालीन सामाजिक सुधारों मे शामिल हो गए थे | और एक सोसायटी के प्रमूख सदस्या बन गए थे | जी वी चलाम को देश भक्ति के उत्साह से निकाल दिया गया था | और ब्रिटिश औपनिवेशक शासन से स्वतंत्रता के लिए खूद को राष्ट्रीय संघर्ष मे फेंक दिया था एक स्त्रातक छात्र के रुप मे चल्लाम को पूलिस व्दारा देशद्रोही ब्रिटिश विरोधी साहित्या का वितरण करते हुए पकडा गया था | उनहे 14 महिने के लिए भारत के मद्रास प्रांत के वेल्लोर जेल मे कैद कर दिया गया था उनहेांने बनारास हिंदू विश्वाविघ्यालय मे स्त्रातकोत्तार शिक्षा जारी रखी और वनस्पति विज्ञान मे प्रथम श्रेणी मे मास्टार डिग्री प्राप्ता कि थी | चामल केंद्रीय चावल अनूसंधान संस्थान, कटक मे एक अनूसंधान सहायक के रुप मे कृषि विभाग उडिसा सरकार मे शामिल हो गए थे | वह एक शोध सहायक के रुप मे, चामल ने चावल के वर्गीकरण पर विशेष र्का किया था | 1943 मे पटना विश्वाविघ्यालय से डॉक्टरेट उपाधि प्राप्त कि थी | लैंड एक्लेमेशन और सीड मल्टीकेशन के लिए कृषि निदेशक के सहायक निदेशक के रुप मे कार्य किया है | 1967 मे उडीसा मे कुल बीज उत्पादन का लगभग 50 प्रतिशत योगदान दिया है | चल्लाम भारत के लिए बिज कानून के मुख्या ड्राफटसमैन मे से एक था, जिसे राष्ट्रीय बीज अधिनियम 1966 मे चामल केा नेशनल सीडस कॉरपोरेशन का पहला महाप्रबंधक नियूक्ता किया गाय था | चालम केंद्रीय विविधता रिजीज समित क पहले सदस्या सचिव थे | जो वैधानिक केंद्रीय बीज समिती के अग्रदूत है | 1964 मे भारतीय कृषि अनूसंधान परिषद आयसीएअर ने नियूक्त किया गयाथा | डॉ चालम ने राष्ट्रीय बीज निगम को अपना प्रबंध निदेशक नियूक्ता किया था | भारत सरकार ने 8 मई 2010 को एक स्मारक डाक टिकट जारी किया था |वे अपने पेशेवर जीवन के लिए मूख्या धारा के आकादमिक नही होने के बावजूद कलम 40 वैज्ञानिक पत्रों और कई लोकप्रिय लेखों के लेखक थे | पूरस्कार और सम्मान : 1) उन्हें 1967 मे पदमश्री से सम्मानित किया गया था | 2) उन्हे किसानों को वैज्ञानिक कृषि दने के लिए कविकोकिला पूरस्कार से सम्मानित किया गया था | 3) 1965 मे भारत पाकिस्तान युध्दा के समय राष्ट्रीय पूरस्कार कोश मे इस पूरस्कार राशि को दिया था | पूस्तके : 1) वारी सागू| 2) तेलूगू पत्रिका| 3) कृष्णपत्रिका| ( 12 ) 0 Votes have rated this Naukri. Average Rating is 0