गोपाल प्रसाद की जीवनी - Biography of Gopal Prasad in hindi jivani Published By : Jivani.org नाम : गोपाल प्रसादजन्म तिथी : 31 जुलाई 1945 टिकाण : गाजीपूर, ब्रिटीश भारत व्यावसाय :गणितज्ञ पत्नी : इंदू देवी प्रारंभिक जीवनी : गोपाल प्रसाद का जन्म 31 जुलाई 1945 कोभारत के गाजीपूर मे हुआ था | प्रसाद ने 1963 मे मगध विश्वाविघ्यालय से गणित मे ऑनर्स के साथ स्त्रातक कि उपाधि प्राप्ता कि थी | दो साल बाइद 1965 मे उन्हेांने पटना विश्वाविघ्यालय से गणित मे स्त्रातकोत्तार कि उपाधि प्राप्ता कि थी | कुछ समय बाद भारतीय प्रौघोगिकी संस्थान कानपूर से उनके पीएचडी गणित के कार्यक्रम लिए प्रसाद ने पीएचडी मे प्रवेश किया था | 1976 मे प्रसाद ने अपनी पीएचडी मुंबई विश्वाविघ्यालय से पूरी कि थी | 1969 मे उनहोंने देवरिया कि इंदू देवी मे शामिल कि थी | गोपाल प्रसाद और इंदू देवी का एक बेटा और एकबेटी और पाच भव्या बच्चे है | श्रवण कुमार चैपल हिल मे उत्तरी कौरोलिना विश्वाविघ्यालय मे गणित के प्रोफेसर है | पवन कुमार टेक्सास विश्वाविघ्यालय ऑस्टिन मे एस्ट्रोफिजिक्सा के प्रोफेसर और टाटा इंस्टीटयूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च मे गणित् के प्रोफेसर दिपेंद्र प्रसाद है | कार्य : गोपाल प्रसाद एक भारतीय अमेरिकी गणित्ज्ञ है| उनके शोध के हितों मे लाई समूहों के क्षेत्र उनके असतात उपसमूह बीजीय समूह अंकगणितीय समूह, स्थानीय रुप से सममित स्थान कि जयामिती और इडक्टिव पीएडिक समूहों के प्रतिनिधित्वा सिध्दांत शामिल है | वे एन आर्बर मे मिशिगन विश्वाविघ्यालय मे गणित के राऊल बॉटल प्रोफेसर है | प्रसाद ने 1979 मे टीआईआरएफ मे सोसिएस्अ प्रोफेसर और 1984 मे प्रोफेसर बने थे |प्रसाद का सूरवाती काम वास्ताविक और पी एडिक अर्धसरल समूहों के असतत उपसमूह पर था | उन्होंने रैंक 1 के वास्तिविक अर्ध साधारण समूहों मे और पीएडिक समूहों मे भी लैटिस के माजबूत कठोरता को शाबित किया था | प्रसाद ने एलन मोय के साथ रिडक्टिव पी रडिक समूहों के प्रतिनिधित्वा सिध्दांत पर काम किया है | मोय प्रदसाद निस्पंदन के रुप मे संदर्भिय पैराहोरीक उपसमूहों का फिल्ट्रेशन व्यापक रुप से प्रितिनिधत्विा सिध्दांत और हार्मोनिक विश्लेषण मे उपयोग किया जाता है | ब्रायन कॉनराड और ओफर गब्बार के सहयोग से प्रसाद ने दक्ष रिडयूसिव समूहों कि संरचना का अध्यायन किया है | और यह भी समान्या चिकनी जुडे रैखिक बीजगणिततीयसमूहों के लिए संयूग्म प्रमेय के प्रमाण प्रदान किए है |नयूनीकरण समूह के वर्गीकरण मे पहले से ही कई अनूप्रयोग है | छदन रिडयूसिव समूहों पर स्तान, कॉनराडगब्बार प्रसाद के काम पर मार्च 2010 मे बोर्बकी सेमिनार हुआ था | प्रसाद एक दशक से अधिक समय तक मिशीगन गणितीय पत्रिका के प्रबंध संपादक थे | छह साल के लिए गणित के एसेसिएट संपादक और अपनी स्थापना के बाद से एशियाई पत्रिका के गणित के संपादक है | पूरस्कार और सम्मन : 1) प्रसाद को मिशिगन विश्वाविघ्यालय मे गुगनगेन फेलोशिप हम्बोल्ट सीनीयर रिसर्च अवार्ड और राउल बॉटल प्रोफेसरशिपमिली है | 2) उनहे शांती स्वारुप भटनागर पूरस्कार से सम्मानित किया गया था | 3) उन्होंने इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज और अमेरिकन मेथमेटिकल सोसाइटी मे फेलोशिप प्राप्ता कि है | 4) प्रसाद ने 1990 मे क्योटो मे आयेाजित अतर्राष्ट्रीय के गणतिज्ञेा मे एक आमंत्रित बात कि थी | 5) 2012 मे वह अमेरिकन मैथमैटिकल सोसाइटी के साथी बन गए | पूसतके : 1) पंचायती राज व्यावस्था| 2) वैष्णव, शैव और अन्या धार्मिक मत | 3) जीएसटी कन्सेप्ट ॲन्ड ॲप्लिकेशनस| 4) अर्बन इन्फ्राट्रक्चर ॲण्ड गर्वनर्स| 5) भारत मे राजनितिक आधूनिकी करण | ( 12 ) 0 Votes have rated this Naukri. Average Rating is 0