सरोज पूरामणि गोपाल की जीवनी - Biography of Saroj Puramani Gopal in hindi jivani Published By : Jivani.org नाम : सरोज पूरामणि गोपाल जन्म ति थी : 25 जुलाई 1944 ठिकाण : वाराणसी, उत्तारप्रेदश, भारत व्यावसाय : बालरोग सर्जन और शैक्षणिक प्रारंभिक जीवनी : सरोज चुरामणि गोपाल एक भारतीय चकित्सा चिकित्सक, चिकित्सा शिक्षाविदू है | वह देश मे पहली महिला बाल रोग सर्जन के रुप मे मानी जाती है | वह वर्तमान मे राष्ट्रीय चिकीत्सा विज्ञान अकादमी कि अध्याक्ष है | सरोज चूरामणि गोपाल 25 जुलाई 1944 को भारत मे उत्तार प्रदेश के वाराणसी मे हुआ है | उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा के बाद सन 1966 मे सरोजिनि नायडू मेडिकल कॉलेज से चिकित्सा मे स्त्रातक किया है | सन 1969 मे उन्हेांने उसी कॉलेज आगरा से एमएसकि उपाधि प्राप्ता कि है सन 1973 मे सरोज ने अखिल भाारतीय आयूविज्ञान संस्थान नई दिल्ली से बाल चकित्सा सर्जरी मे एमसी एच कि उपाधि प्राप्ता कि है | कार्य : सरोज गोपाल ने सन 1973 मे बनारस हिंदू विश्वाविघ्यालय मे इंस्टीटयूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के संकाय के रुप मे काम किया है | सन 2008 मे उन्हेांने मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चकित्सा अधीक्षक के रुप मे काम किया है | उसके बाद वह संकाय के डीन बने और आपनी सेवानिवृत्ती तक उसी पद पर कार्यरित रहे है | सरोज ने लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिनवर्सिटी केजीएमयू मे कुलपति के रुप मे कायभारत संभला है | वह विश्वाविघ्यालय कि अध्याक्षता करनेवाली पहिली महिला बनी थी | सन 2011 मे वह चिकित्सा सर्जरी मे कई तकनीकों का बीडा उठाया है | उन्हेांने चिकित्सा विज्ञान संस्थान मे चाइल्ड एंड न्यू बोडर्न् सर्जरी के एक सुस्जित विभाग कि स्थापना मे मदद कि है | इतना ही नही बल्की उन्हेांने बाल चिकित्सा सर्जरी मे कई आंतर्राष्ट्रीय संगाष्ठियों का आयोजन करणे का कार्य भी किया है | कई सामाजिक अभियानों मे भाग लिती रहती है | सरोज व्दारा राष्ट्रीय अनूसंधान विकास निगम एनआरडीसी नई दिल्ली मे छाह नवाचारों के लिए पेटेंट जारी किए है | उनहे नई सर्जिकल तकनीको का अविष्कार करने कि थी सूचना मिली है | सरोज ने ऐसी तीन तकनीकों का विवरण प्रकिाशत किया है | सरोज गोपाल बायोमेडिकल रिसर्च सेंटर के मानद प्रोफेसर कि स्थिती रखते है | सन 1998 मे वह इंडीयन एसोसिएशन ऑफ पिडीया ट्रीक सर्जन के अध्याक्ष भी रहे है | सरोज नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज के विशेषज्ञ पैनल नई दिल्ली के सदस्या रहे है | उपलब्धि : पूरस्कार और सम्मान : 1) सरोज को सन 2002 मे उॉ बी सी रॉय अवार्ड से सम्मानित किया गया है | 2) सन 2013 मे उने पघश्री पूरस्कार से सम्मानित किया गया है | 3) 1966 मे उन्हे राष्ट्रपति पदक भी प्राप्ता हुआ है | 4) 2005 मे डॉ सरोज को डॉ मृदूला रोहतगी आरेशन अवार्ड मिला है | 5) सन 2007 मे उनहें कर्नल संगमलाल ओरेशन अवार्ड पा्रप हुआ है | 6) 1994 मे वह नाशा कि वरिष्ठा अध्येता रही है | पूस्तके/ग्रंथ : सरोज ने लगभग 120 लेख प्रकाशित किए है | हे मांगीओमा और टैराटोमा पर उनके कुछ लेखो ने रोग के उपचार पर बहूमल्या अंतदुष्टि प्रदान कि है | 1) सन 2009 शिशू हेमांगीओमा एक विकासशिल देश के परिप्रेक्ष्य मे स्टेरॉयड के बीस वर्षो का अनूभव| 2) 2009 अल्सेरटिव हेमांग ओमा के रुढिवादी प्रबंधन बांस साल का अनूभव| 3) 2011 बचपन का अपरिपक्व एक्साट्रागस्ट्रिक टेराटेामा साहित्सा कि समीक्षा के साथ एक दुर्लभ टयूमर | ( 20 ) 0 Votes have rated this Naukri. Average Rating is 0