गुरु प्रकाश दत्ता की जीवनी - Biography of Guru Prakash Dutta in hindi jivani Published By : Jivani.org नाम : गुरु प्रकाश दत्ता जन्म तिथी : 19 नवंबर 1933 आयू 86 वर्षे ठिकाण : भारत व्यावसाय : प्रतिरक्षाविज्ञानी प्रारंभिक जीवनी : गुरु प्रकाश दत्ता का जन्म 19 नवंबर 1933 केा भारत मे हुआ था | उन्हेांने 1952 मे पंजाब विश्वाविघ्यालय के डीएवी कॉलेज, जालंधर से प्राणी शास्त्र मे स्त्रातक किया था | 1955 मे ऑनर्स कि डिग्री हासिल कि थी | 1956 मे मास्टार डिग्री एमएससी और 1961 मे डॉक्टरेट कि उपाधि पीएचडी प्राप्ता कि थी | कार्य : गुरु प्रकाश दत्ता एक भारतीय सेल जिवविज्ञानी और प्रतिरक्षाविज्ञानी है | जो प्रोयोगिक प्रौटोजूलॉजी और इम्यूनोलॉजी के विषयों मे उनके योगदान के लिए जाने जात है | उनके शोधो मे बताया गया है कि कई मलेरिया रोधी दवाओं क विकास मे सहायता कि गई है | उन्होंने 1962 मे अपने अल्मा मेटर मे एक लेक्चरर के रुप मे अपना करियर शुरु किया था | जहाँ वे 1964 मे सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीटयूट सांडीआरआई मे अपने कदम रखने तक रुक गए थे | उन्होंने 1962: 63 के दौरान पोस्ट डॉक्टरेल फेलो के रुप मे नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ हेल्थ, बेथेस्डा मे काम किया था | उन्हेांने तीन दशकों से अधिक समय तक सीडीआरआई कि सेवा कि थी | और 1993 मे अपनी सेवानिवृत्ती के समय एक निदेशक ग्रेड वैज्ञानिक थै | अपनी सेवानिवृत्ती के बाद, उन्हेांने 1994 से 1998 तक सीडीआरआई मे वैज्ञानिक और औघोगिक अनूसंधान परिषद के उभरते वैज्ञानिक के रुप मे कार्य किया था | 1998 से 2000 तक सेंट्रल इंस्टीटयूट ऑफ मेडिसिनल एंड एरोमैटिक प्लांटस मे मलेरिया पर मानद सलाहकार के रुप मे कार्य किया था | दत्ता ने जिनके प्रयोगकि प्रोटोजूलॉजी पर किए गए शोधो ने प्रोटोाजोआ और इसके कार्यात्माक आकृति विज्ञान कि व्यापक समझा मे सहायता कि है | उन्हे एककोशिकिय यूकेरियोटिक जीवो कि संस्कृति के लिए नई तकनीको को विकसित करने के लिए जाना जाता है | विशेष रुप से जोर देने के साथ उनके चायापचय और विकास संबंधी प्रतिक्रयाओं का अध्यायन किया है | एंटामोइबा हिस्टोलिटिका पर एक अवायवीय परजीवी जो अमीबासिस का काम बनता है | दत्ता के शोध मे 275 से अधिक लेख और दो पूस्तके लिखी है | वह मलेरिया पर अपने दो अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमो मे वाल्टर रीड आर्मी इंस्टीटयूट ऑफ रिसर्च के लिए एक सहयोगी रहे है | उन्हेांने अपने शोध मे 40 मास्टार और विव्दानों का भी उल्लेख किया है | पुरस्कार और सम्मान : 1) दता ने 1973 मे पंजाब विश्वाविदयालय से डॉक्टर ऑफ साइंस कि उपाधि प्रातपा कि थी | 2) वैज्ञानिक और औधोगिक अनूसंधान परिषद ने उनहे 1976 मे जैविक विज्ञान मे शांति स्वरुप भटनागर पूरस्कार से सम्मानित किया गया | 3) भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी ने उन्हें 1984 मे अपने साथी के रुप मे चुना गया था | 4) नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, भारत ने 1991 मे उनकी संगति के साथ आयएनएसए का अनूसरण किया था | 5) उनहे 1993 मे इंडियन सोसायटी फॉर पारसिटोलॉजी व्दारा एक साथी के रुप मे भी चुना गया था | पूस्तके : 1) मलेरिया के खिलाफ एंटीमाइरियल ड्रग डेवलपमेंट एंड प्रोफिलैक्सिस| 2) अमीबासिस पर प्रयोगिक और नैदानिक अध्यायन का विस्तार| ( 12 ) 0 Votes have rated this Naukri. Average Rating is 0