जयकुमारी देविका की जीवनी - Biography of Jayakumari devika in hindi jivani Published By : Jivani.org नाम : जयकुमारी देविका जन्म तिथी : 6 मई 1968 ठिकाण : कोल्लम, केरल व्यावसाय : प्रोफेसर प्रारंभिक जीवनी : जय कुमारी देविका का जन्म 6 मई 1968 को कोल्लाम मे हुआ था | देविका ने सेंटर ऑफ हिस्टोरिकल स्टडीज जवाहरलाल नेहरु विश्वाविघ्यालय नई दिल्ली अपनी पढाई पूरी कि थी | उन्होंने आधूनिक इतिहास 1991 मे मास्टार ऑफ आर्टस मे किया था | उन्हेांने महत्मा गांधी विश्वाविघ्यालय कोट्रटायम से इतिहास मे पीएचडी प्राप्ता कि थी | कार्य : डॉ जयकुमारी देविका एक मलयाली इतिहासकार नारीवादी, सामाजिक आलोचक और केरल कि शिक्षाविदू है | वह वर्तमान मे सेंटर फॉर डेवलपेंट स्टडीज, तिरवनंतपूरम मे प्रोफेसर के रुप मे शोध और अध्यायन करती है | उन्होंने शूरुआती केरल समाज मे लिंग संबंधो पर कई किताबे और लेख लिखे है वह व्दिभाषी है | और उसने मलयालम और अंग्रेजी के बीच फिक्शन और नॉन फिक्शन दोनों किताबों का अनूवाद किया है | वह केरल मे लिंग, राजनिति सामाजिक सुधारों और विकास पर काफिला आर्थिक और राजनिति साप्ताहिक और द वायर जैसे प्रकाशनों पर भी लिखती है | देविका का प्रारंभिक शोध केरल मे बीसवी सदी कि सुरुवात मे सामज और सामाजिक परिवर्तन का वर्णन करने वाली भाषा के रुप मे था | उन्हेांने 1030 और 1970 के बीच गर्भनिरोधक के लिए सार्वजनिक सहमति के इतिहास के माध्याम से केरल मे विकास के लिंग का पालन किया है | उन्होंने केरल मे पहली पीढी के नारीवादियों व्दारा अपने स्वयं के प्रारंभिक लेखन, जेंडर पर प्रारंभिक लेखन को भी प्रकाशित किया है | अपने बाद के शोध मे देविका ने एक ऐतिहासिक लेख के माध्याम से समकालीन राजनितिक और समाजिक मुददों कि पडताल कि और उनकी चिंताएं लिंग से व्यापक है | उन्हेांने नारीवादी पश्चिमी विचार के इतिहास मे रखता है | जिसका नाम स्ट्रीवाडम और 2000 मे प्रकाशित किया गया है | वह केरल के सामाजिक और राजनितिक इतिहास और दिलचस्प अंतदृष्टि प्रदान करती है | सीडीएम मे एसोसिएट प्रोफेसर जे देविका व्दार लिखी गई उनकी समीक्षा मे हिंदू रिपोर्ट मे कहा गया है | उन्होंने भारत के भीतर और बाहर से प्रकाशीत से होने वाली अकादमिक पत्रिकाओं मे कई निबंध प्रकाशित किए है | दुनिया भर मे कई बातचीत की और मलयालम औ अंग्रेजी मे समकालीन मुद्रदो पर बडे पैमाने पर लिखा है | देविका ने मलयालम भाषा मे समकालीन प्रकाशनों मे भी बडे पैमाने पर है | पूस्तके : 1) कुलस्थिर्यम चन्थप्पेनूम उनायथेंगाइन| 2) नलिनी जमीना कि आत्म्कथा | 3) के आर मीरा और सारा जोसेफ कि लघू कथाएँ| 4) हैगवोमन| ( 20 ) 0 Votes have rated this Naukri. Average Rating is 0