सुरेद्र शिवदास बर्लिंग की जीवनी - Biography of Surendra Shivdas Burling in hindi jivani Published By : Jivani.org नाम : सुरेद्र शिवदास बर्लिंग जन्म दि : 20 जुलाई 1919 ठिकाण : नागपूर, भारत व्यावसाय : तर्कशास्त्री मराठी लेखक मरगए : 19 दिसंबर 1997 प्रारंभिक जीवन : सुरेंद्र शिवदास बर्लिंग का जन्म 20 जुलाई 1919 को हुवा था | उनका जन्म नागपूर भारत मे हुवा था | 1932 और 1942 के भारतीय स्वतंत्रता आदोंलन मे बर्लिंग ने भाग लिया था | उनहोने नागपूर विश्वाविदयालय और जाग्रेब विश्वाविदयालय मे पढाया था | सुरेद्र शिवदास बर्लिग भारतीय दर्शन संस्थान, आमलनेर 1942:43 मे साथा थे | उनहोने ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी 1958:159 मे आपना पोस्टा डॉक्टरेल शोध किया था | 1932 और 1942 के भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन मे बर्लिंग ने भाग लिया था | 1947:1948 के हैदराबाद स्ट्रगल मे भी बर्लिंग ने भाग लिया था | कार्य : सुरेद्र शिवदास बर्लिंग एक भारतीय तर्कशास्त्री और मराठी लेखक थे | दिल्ली विश्वविदयालय मे दर्श्ंन विभाग के अध्याक्ष थे | 1980:1988 तक भारत के महाराष्ट्रा राजया कि सरकार के लिए बार्लिंग स्टेट बोर्ड ऑफ लिटरेचर एंड कल्चर के अध्याक्ष थे | भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान बर्लिंग का अवतरण हुवा था | बार्लिंग ऑल इंडिया स्टुउेंट कॉन्फ्रेस 1940 के सचिव थे | सी पी और बार स्टुडेंटस फेडरेशन 1940:41 के महासचिव थे | बर्लिंग ऑल इंडिया स्टुउेंट कांग्रेस के सस्थापक थे | और राष्ट्रीय युवा संघ के संस्थापकों के संस्थापक के रुप मे बर्लिंग ने मराठवाडा और नेलंगाना मे शिक्षा के प्रसार योगदान दिया था | करीमनगर के एसआरआर कॉलेज 1957:59 के प्राचार्या थे |बर्लिंगय नुतन विघा समिती और न्यू साइंस कॉलेज हैदराबाद के संसथपन सचिव और कुछ समय उपाध्याक्ष रहे थे | पुणे विश्वाविदयालय के दर्श्ंनशास्त्र विभाग के उनके तीन खंड प्रकाशित किए थे | एक मराठी मे और दो हिंदी लिखे थे | 1993 मे नेहरु मेमोरियल संग्रहालय और पुस्ताकालय व्दारा अपने मौखिक इतिहास परियोजना के हिस्से के रुप मे साक्षात्कार दिया गया था | इस सामग्री का ऊपयोग बाद मे टीवी धारावाहिक डिस्कवरी ऑफ इंडिया मे किया गया था | सेरंद्र शिवदास बर्लिंग कलकता के भारतीय दर्शन अकादमी के अध्याक्ष थे | बर्लिंग एक युजीसी राष्ट्रीय व्याख्याता और भारतीय उन्नत अध्यायन संस्थान, सिमला के साथी थे | बर्लिंगय नागपूर के देशबंधू और इंकलाब के संस्थापक संपादक थे | जागरेब मे दर्श्ंन और संस्कृति के पहाये भारतीय प्रोफेसर थै | और वो एक नुतन विदया समिती और न्यू साइंस कॉलेज हैदराबाद के संस्थापक सचिव और कुछ समय उपाध्याक्ष रहे थे | पुस्तके : 1) 1965 मे अ मॉडर्न इंटरनेशनल टू इंडिया इथीक्सा| ( 6 ) 0 Votes have rated this Naukri. Average Rating is 0