एम. आर. श्रीनिवासन की जीवनी - Biography of M. R. Srinivasan in hindi jivani Published By : Jivani.org नाम : एम. आर. श्रीनिवासन जन्म : 05 जनवरी 1930 ठिकाण : बैंगलोर बच्चे : शारदा श्रीनिवासन व्यावसाय : परमाणू वैज्ञानिक मैकेनिकल इंजीनियर प्रारंभिक जीवन : एम. आर.श्रीनिवासन का पूरा नाम मलुर रामासामी श्रीनिवासन है | उनका जन्म बैंगलोर मे 05 जनवरी 1930 को हुआ था | उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा मैसूर इंटरमीडिएट कॉलेज मे विज्ञान की धारा मे पूरी की | वहाँ अध्यायन के लिए उन्होंनो संस्कूत और अंग्रेजी भाषा को चुना था | श्विाश्वरैया व्दारा नव आरंभ इंजिनियरिंग कॉलेज मे बादमे शामिल हुए | सन 1950 मे UVCE बैंगलोर से मैकनिकल इंजानियीरंग मे अपने पाठयाक्रम के बाद, उन्होंने एमसी से फलूइड मैकेनिक्सा, हीट ट्रॉसफर और एप्लाइड गणित और गैस टर्बाइन दर्शनशास्त्र मे अपनी पोस्टा ग्रॅ्जूएश्ंन किया था | इसके लिए उन्हें कनाडा व्दारा डिग्री प्राप्ता हुई | कार्य : एम. आर.श्रीनिवासन ने ब्रिेटेन मे रस्टन ऍड हॉर्स्बी मे काम किया है , उसके बाद उन्हें भारतीय परमाणू ऊर्जा आयोग के अध्याक्ष डॉ.होमी जे व्दारा भाभा मे चुना गया था |श्रीनिवासन सितंबर 1955 मे परमाणू उर्जा विभाग मे शामिल हुए | उन्होंने होमी भाभा के साथ भारत के पहले परमाणू अनुसंधान रिएकटर अप्सारा के निर्माण का महत्वापूर्ण कार्य किया था | सन 1959 मे श्रीनिवासन को हमारे पहले परमाणू उर्जा संयंत्र के लिए एक परियोजना समूह का गठन किया था तो उस समय उन्हे प्रधान परियोजना अभियेता के रुप मे कार्य करने के लिए नियुक्ताकिया गया था | सन 1967 को उन्हे मद्रास परमाणू ऊर्जा परियोजना के मुख्या निर्माण अभियंता के रुप मे कार्य करणे का आवसार प्रापता हुआ | 1973 मे श्रीनिवासन ने पाव प्रोजेक्टस इंजिनियरिंग डिवीजन पीपीईउी के डिप्टी डायरेक्टार का पद भी संभाला है | सन 1974 मे PPED का निदेशक उन्हे बनाया गया | 1984 मे उन्हे परमाणू ऊर्जा बोर्ड DAE का अध्याक्ष बनाया गया था | वहाँ पर वे देश के सभी परमाणू ऊर्जा परियोजना की योजना, निष्पादन और संचालन कार्य करते थे | 1987 मे उन्हे भारतीय परमाणू ऊर्जा आयोग के अध्याक्ष और परमाणू उर्जा विभाग के सचिव नियुक्ता कया गया वहॉ पर भारतीय परमाणू कार्यक्रम के लिए उनकी भूमिका एवं कार्य महत्वापूर्ण रहा था | श्रीनिवासन 1990 से 1992 तक अंतरराष्ट्रीय परमाणू ऊर्जा एजेंसी वियना मे एक वरिष्ठा सलाहकार थे | 1996 से 1998 तक श्रीनिवासन योजना आयोग के सदस्या भी रहे थे | श्रिनिवासन न्यूक्लियर ऑपरेटर्स WANO के संस्थापक सदस्या है | उपलब्धि : पूरस्कार और सम्मान : 1) एम. आर.श्रीनिवासन को सन 1984 मे, भारत के राष्ट्रपति जैल सिंह व्दारा पघश्री से सम्मानित किया गया था | 2) सन 1990 मे उन्हे राष्ट्रपति आर वेंकटरमन व्दारा पघभूषण से अलंकृत किया गया | 3) सन 2015 मे उन्हे पघ विभूषण से सम्मानित किया गया | 4) श्रीनिवासन का केंद्रीय सिंचाई और विदयूत बोर्ड का डायमंड जुबली पूरस्कार प्राप्ता हुआ है | 5) इंस्टीटयूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया का सर्वश्रेष्ठा डिजाइनर पूरस्कार भी मिला है | 6) भारतीय विज्ञान कांग्रेस व्दारा उन्हे होमी भाभा स्वर्ण पदक प्राप्ता हुआ है | 7) इसके साथ उन्हें होमी भाभा आइफ टाइम अवार्ड ऑफ इंडियन न्यूक्लियर सोसाइटी से दिया गया हे| पूस्तक : डीपारटमेंट ऑफ ॲटॉमीक एनर्जी फॉर न्यूक्लीअर पॉवर कोऑपरेशन ऑफ इंडिया व्दारा सन 1990 को श्रीवासन व्दारा लिखित पुस्तक लेक्चर ऑफ एम. आर. श्रीनिवासन| ( 12 ) 0 Votes have rated this Naukri. Average Rating is 0