विजय भटकर जीवनी - Biography Of Vijay P. Bhatkar in Hindi Jivani Published By : Jivani.org नाम :– विजय पाण्डुरंग भटकर । जन्म :– ११ अक्टूबर, १९४६, दिल्ली। पिता : । माता : । पत्नी/पति :– । प्रारम्भिक जीवन : भारत के पहले सुपर कम्प्यूटर परम के निर्माता डॉ. विजय भटकर का जन्म 11 अक्टूबर, 1946 को महाराष्ट्र में हुआ था। वह आई. टी. लिडर के नाम से प्रसिद्ध हैं। डॉ. भटकर ने 1965 में बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग और 1968 में मास्टर ऑफ़ इंजीनियरिंग की डिग्री आई. आई. टी. दिल्ली, सर विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, नागपुर और एम. एस. यूनिवर्सिटी, वड़ोदरा से ग्रहण की थी। डॉ भटकर 1987 में पुणे स्थित सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ एडवांस्ड कम्प्यूटिंग (सी-डैक) में सुपर-कंप्यूटर बनाने की परियोजना का नेतृत्व कर चुके हैं। इसके तहत भारत के पहले सुपर कम्प्यूटर परम 8000 और परम 10000 बनाए गए थे। इसके साथ ही डॉ. भटकर ने अब तक 12 किताबों और 80 से अधिक शोध का संपादन एवं लेखन किया है। कम्प्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए वह कई सम्मान प्राप्त कर चुके हैं। डॉ विजय भटकर दिल्ली स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष हैं. इसके अलावा वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संगठन विज्ञान भारती के प्रमुख भी हैं जो स्वदेशी विज्ञान को बढ़ावा देने से जुड़ा है. डॉ भटकर की निजी वेबसाइट के मुताबिक वे 1987 में पुणे स्थित सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) में सुपर-कंप्यूटर बनाने की परियोजना का नेतृत्व कर चुके हैं. इसके तहत देश के पहले सुपर कंप्यूटर परम 8000 और परम 10000 बनाए गए थे. उन्हें 2000 में पद्मश्री और 2015 में पद्मभूषण मिल चुका है. 1972 में आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग में डाक्ट्रेट की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद भाटकर ने आईटी में शिक्षा,अनुसंधान के लिए अंतराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना की । इस संस्थान में उच्चतर शिक्षा के लिए शोध सुविधाओं के साथ शिक्षण की योजना बनायी गई। श्री भाटकर द्वारा लिखी और सम्पादित बारह पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं और अस्सी से अधिक शोध प्रपत्र वह प्रस्तुत कर चुके हैं। भाटकर का सपना है कि 2030 तक भारत को विश्वगुरु बनाया जाये, उनका कहना है कि भारत 2030 तक चीन और अमेरिका से आगे निकल जायेगा। इसके लिए देश को मजबूत और दूरदर्शी प्रतिनिधित्व और सही दिशा की जरूरत।है। 2003 में रॉयल सोसायटी की तरफ से दक्षिण अफ्रीका भेजे गए वैज्ञानिक दल का नेतृत्व विजय भाटकर ने किया। पुरस्कार : •आणासाहेब चिरमुले स्मृति पुरस्कार- २००३ •इंडियन जिओटेक्निकल सोसायटी- सुवर्णपदक, १९७९ •इलेक्ट्रॉनिक मॅन ऑफ द इयर -१९९२- ELCINA •ईबिझ इनोव्हेशन कॉन्टेस्ट पुरस्कार -दुबई, १९९८. (या स्पर्धेला ३५ देशातून १३२५ जण आले होते, त्यांत भटकर हे पहिले आले.) •एच्के फिरोदिया जीवनगौरव पुरस्कार- १९९५-९६ •एन्आर्डीसी पुरस्कार-१९८१ •ओम प्रकाश भसीन पुरस्कार-२००० •कृतज्ञता पुरस्कार - •केजी प्रतिष्ठानचा दशकातील व्यक्तिमत्त्व पुरस्कार -२००४ •गुलाबराव महाराज पुरस्कार - •दानाक्वेस्ट जीवनगौरव पुरस्कार -२००३ •पॉवरग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडियाचा(PMCIL) पुरस्कार -२००१ •पिटर्सबर्ग पारितोषिक -२००४ •पुणे अभिमान मूर्ती -१९९७ •पुणे सिटाडेल पुरस्कार - •पुण्यभूषण पुरस्कार - •प्रतिष्ठित माजी विद्यार्थी पुरस्कार -१९९४(I.I.T, Delhi) •प्रियदर्शिनी पुरस्कार -२००० •फेडरेशन ऑफ इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स(FICCI) -१९८३, १९९१. •भारत सरकारकडून पद्मश्री -२००० •महाराष्ट्र सरकारचा महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार -२००० •भारत सरकारकडून पद्मभूषण -२०१५ •राजर्षि शाहू महाराज पुरस्कार - •रामियल वाधवा सुवर्णपदक -१९९२(IETE) •रोटरी पुरस्कार -१९९७ •लोकमान्य टिळक पुरस्कार -१९९९ •विदर्भ गौरव पुरस्कार - •विदर्भ भूषण पुरस्कार - •विविधलक्षी औद्योगिक विकास केंद्राचा(VASUIK) पुरस्कार -१९९३ •विश्वरत्न पुरस्कार - •विश्वेश्वरय्या स्मृति पुरस्कार -२००२(कोल्हापूर) •विज्ञानगौरव पुरस्कार - •सरस्वती पुरस्कार - •सावरकर राष्ट्रीय स्मारक विज्ञान पुरस्कार - •सीडॅक-एसीएस प्रतिष्ठान व्याख्यान पुरस्कार -२००७ •श्रीमंत मालोजीराव स्मृति पुरस्कार - •हायग्रीव्ह पुरस्कार ( 12 ) 5 Votes have rated this Naukri. Average Rating is 3