रवि शास्त्री जीवनी - Biography of Ravi Shastri in Hindi Jivani Published By : Jivani.org रविशंकर जयदृथ शास्त्री (अंग्रेज़ी: Ravishankar Jayadritha Shastri) (जन्म ; २७ मई १९६२,मुंबई, महाराष्ट्र, भारत) एक भारतीय पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी खेल कमेंटेटर और वर्तमान भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच है। इन्होंने बतौर क्रिकेट खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट टीम के लिए १९८१ से १९९२ तक टेस्ट क्रिकेट और एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेला है। इन्होंने अपने क्रिकेट कैरियर में धीमी गति के गेंदबाज और बल्लेबाज की भूमिका निभाई है। इस कारण इन्हें एक ऑल राउंडर के तौर पर जाना जाता था। रवि शास्त्री १५ जुलाई २०१७ से भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के पद पर है ,जबकि इससे पहले कोच अनिल कुंबले थे जिन्होंने तत्काल में कोच के पद से इस्तीफा दिया था। रवि शास्त्री के पिताजी डॉक्टर थे। घर में बच्चों को पढ़ाई की तरफ ज़्यादा से ज़्यादा ध्यान देने को कहा जाता था। जब रवि शास्त्री बहुत छोटे थे तब वे गिल्ली-डंडा, कंचे और फुटबॉल-हॉकी खेलने में ही ज़्यादा समय बिताते थे। उन्हें दोस्तों के साथ बाहर खेलकूद में ही ज़्यादा मजा आता था। बचपन में रवि शास्त्री के पास ही खेलने का ज़्यादातर सामान था और किसी भी खेल में आउट हो जाने पर वे खेल बंद कर देते थे तो सारे दोस्त उनकी बात मानकर उन्हें एक मौक़ा और दे देते थे। क्रिकेट में भी जब वे आउट हो जाते थे तो बैट लेकर भाग जाते थे। फिर उनके दोस्त उन्हें घर से मनाकर लाते थे कि अच्छा चलो एक बार बल्लेबाज़ी और कर लेना। ये बातें तबकी हैं जब वे बहुत छोटे थे। फिर बड़ा होने पर उन्हें मालूम हुआ कि हार-जीत खेल का हिस्सा है। स्कूल में रवि शास्त्री अपनी क्लास में सबसे पीछे की बेंच पर बैठते थे। इसका एक कारण थी आखिरी बेंच के पास की खिड़की। इस खिड़की से वे क्लास से बाहर क्या चल रहा है यह देख पाते थे और ज़रूरत लगने पर चॉकलेट की पन्नी या फलों के छिलके खिड़की से बाहर भी फेंक सकते थे। वे क्लास में बैठे-बैठे चॉकलेट और दूसरी चीज़ें भी खाते थे। जब वे स्कूल में थे तो खाने के बहुत-सी चीज़ें अपने दोस्तों के लिए ले जाते थे ताकि वे अपनी चीज़ें एक-दूसरे के साथ बाँट सकें। जब रवि शास्त्री 9वीं में थे, तब स्कूल की क्रिकेट टीम बनी और उनके कोच देसाई सर ने उन्हें क्रिकेट सीखने में खूब मदद की। करियर – स्कूल के समय से ही शास्त्री ने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था और गिल्स शील्ड ट्राफी में स्कूल की तरफ़ से खेलते हुए उस मैच में स्कूल को जीता दिया था। 1977 में उनके नेतृत्व में उनकी टीम इतिहास में पहली बार गिल्स शील्ड ट्राफी जीती थी। उस समय उन्हें उनके महान कोच बी डी देसाई ने कोचिंग दी थी। मेट्रिक की परीक्षा के बाद उन्होंने आर ए पोदार कॉलेज में दाखिला लिया और कॉलेज के दुसरे साल ही उन्हें रणजी ट्राफी खेलने के लिए महाराष्ट्र की टीम में शामिल किया गया था। जब शास्त्री का रणजी ट्राफी खेलने के लिए चयन हुआ तब वो केवल 17 साल के थे। बाद में उन्हें भारत की अंडर 19 टीम में शामिल किया गया था। 1981 में जब इंग्लैंड की टीम भारत दौरे पर आयी थी तब उन्हें भारतीय टीम में शामिल किया गया था। तब से लेकर के तो उनके सन्यास लेने तक उनकी टीम में जगह फिक्स ही थी। 1983 में जो विश्व कप भारत ने जीता था उस टीम में शास्त्री भी शामिल थे और उन्होंने कप जिताने में बहुत ही महत्वपूर्ण पारिया खेली थी। 1985 में जो ऑस्ट्रेलिया में विश्व श्रुंखला हुई उसमे उन्होंने सफ़लतापूर्वक भारत का नेतृत्व किया था। उन्होंने उनका आखिरी मैच 1992 में जब भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका गयी थी तब खेला था। बाद में उन्होंने क्रिकेट से सन्यास लिया और सन्यास लेने के बाद वो कमेंटेटर के रूप में काम करने लगे और ऐसा माने तो चलेगा की तबसे उनका ही कमेंटरी पे वर्चस्व रहा है। कमेंटरी के अलावा भी उन्होंने भारतीय टीम के कोच के रूप में कुछ समय तक काम किया है और वो दो साल तक भारतीय टीम के निर्देशक भी रह चुके है। स्टाइल एक बल्लेबाज के तौर पर रवि शास्त्री अपने प्रसिद्ध चपाती शॉट (पैड्स पर फ्लिक a flick off the pads) के साथ डिफेंसिव रहे, परंतु वे अपने स्ट्राइक रेट को आवश्यकता के अनुसार बढ़ा लेते थे। रवि शास्त्री को उनके कद का बहुत फायदा मिला। उनके 6 फीट 3 इंच होने के कारण जहां वे फास्ट बॉलरों के विरुद्ध कुछ ही शॉट खेल पाते थे वहीं स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ वे बहुत तेज उठाकर शॉट मारते थे। शास्त्री मैचों में ओपनिंग करते थे या मिडिल ऑर्डर में आते थे। उनके करियर का खास पल उनके 'चैंपियन ऑफ चैंपियंस' चुने जाने पर था। वे 1985 की वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ क्रिकेट के लिए ऑस्ट्रेलिया में इस खिताब से नवाजे गए थे। इस दौरान उन्होंने वेस्टइंडीज के गैरी सोबर्स के 1 ओवर में 6 छक्के लगाने के रिकॉर्ड की बराबरी की थी। संन्यास के बाद 1990 के आखिर में रवि शास्त्री ने रितु सिंह से शादी की। उन्होंने टीवी पर कमेंट्रेटर के रूप में शुरुआत की। 2003 में वे एक सेलिब्रिटी मैनेजमेंट कंपनी शोडिफ वर्ल्डवाइड में हिस्सेदार बने। 2008 में 46 साल की उम्र में रवि शास्त्री की बेटी पैदा हुई। ( 13 ) 2 Votes have rated this Naukri. Average Rating is 3